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Showing posts from March, 2025

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना 2025: युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

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  प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना 2025: युवाओं के लिए सुनहरा अवसर नई दिल्ली: भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने देश के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान किया है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना 2025 के तहत योग्य उम्मीदवारों को देश की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को व्यावसायिक अनुभव प्रदान करना और उन्हें नौकरी के लिए तैयार करना है। योजना के तहत लाभ ₹6,000 मासिक स्टाइपेंड : चयनित उम्मीदवारों को हर महीने वित्तीय सहायता दी जाएगी। शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप : भारत की प्रमुख कंपनियों में काम करने का अवसर मिलेगा। अच्छे प्रदर्शन पर स्थायी नौकरी का अवसर : इंटर्नशिप के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों को कंपनी में स्थायी नौकरी मिल सकती है। नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त : व्यावसायिक अनुभव से उम्मीदवारों को भविष्य में अच्छी नौकरियों के अवसर मिलेंगे। योग्यता और पात्रता आयु सीमा : 21 से 24 वर्ष के युवा इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। शैक्षिक योग्यता : 10वीं, 12वीं, स्नातक (UG) या डिप्लोमा धारक छात्र आवेदन करने के...

1 लाख से 10 लाख कैसे बनाएं? स्मार्ट इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी जो आपको 1 लाख को 10 लाख में बदलने में मदद कर सकती है

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1 लाख से 10 लाख कैसे बनाएं? स्मार्ट इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी जो आपको 1 लाख को 10 लाख में बदलने में मदद कर सकती है आज की तेज़ी से बदलती अर्थव्यवस्था में धन को बढ़ाना हर किसी का सपना होता है। अगर आपके पास 1 लाख रुपये हैं और आप इसे 10 लाख में बदलना चाहते हैं, तो इसके लिए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी की जरूरत है। सिर्फ बचत करने से पैसा नहीं बढ़ता, बल्कि सही जगह निवेश करने से यह कई गुना बढ़ सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे बेहतरीन इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बताएंगे जो आपके 1 लाख को 10 लाख में बदल सकते हैं। 1. स्टॉक मार्केट में निवेश (Stock Market Investment) स्टॉक मार्केट लंबे समय में बेहतरीन रिटर्न देने वाला निवेश ऑप्शन है। अगर आप समझदारी से सही कंपनियों में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा तेजी से बढ़ सकता है। कैसे करें? ब्लू-चिप स्टॉक्स में निवेश करें: ये स्टॉक्स स्थिर होते हैं और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देते हैं। मल्टीबैगर स्टॉक्स पर नजर रखें: कुछ स्टॉक्स कुछ वर्षों में 10x या 20x तक बढ़ सकते हैं। सिप (SIP) के जरिए निवेश करें: अगर आप शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं, तो सिस्टेमे...

आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड: लोन घोटाले का बड़ा खुलासा!

  आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड: लोन घोटाले का बड़ा खुलासा! आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड, जो 2007 में गरीब और कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से बनाई गई थी, अब एक बड़े घोटाले के आरोपों में घिरी हुई है। यह कंपनी मणप्पुरम फ़ाइनेंस लिमिटेड की सहायक कंपनी है, लेकिन हाल ही में इस पर धोखाधड़ी और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। लोन ब्याज पर खेल: गरीबों के साथ धोखा? 2019 के आसपास जिन लोगों ने इस कंपनी से लोन लिया था, उन्हें अब अन्यायपूर्ण तरीकों से अवैध वसूली का सामना करना पड़ रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में कलेक्शन एजेंट्स उन ग्राहकों से 200 से 500 रुपये तक की जबरन मांग कर रहे हैं, जबकि उनके लोन की पूरी रकम वर्षों पहले ही चुका दी गई थी। कुछ मामलों में लिखित प्रमाण और भुगतान की रसीदें होने के बावजूद, ग्राहकों से दोबारा पैसे मांगे जा रहे हैं। कंपनी का दावा है कि "कागज़ात खो गए हैं" , लेकिन ग्राहक अपने पुराने दस्तावेज़ सुरक्षित रखे हुए हैं, जिससे साफ़ है कि यह केवल एक धोखाधड़ी है। ग्रामीण इलाकों में भेजे गए एजेंट्स, मजबूर परिवारों प...

बीजेपी का अब सिर्फ "मिशन साऊथ" बाकी!

  बीजेपी का अब सिर्फ "मिशन साऊथ" बाकी! भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक देशभर में उल्लेखनीय विस्तार किया है। कभी इसे केवल हिंदी बेल्ट और ब्राह्मण-बनियों की पार्टी माना जाता था, लेकिन समय के साथ-साथ पार्टी ने अनुसूचित जाति (SC), जनजाति (ST) और विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बीच भी अपनी मजबूत पकड़ बना ली। इसके अलावा, नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भी पार्टी ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करवाई है। देशभर में बीजेपी का विस्तार बीजेपी ने अपने कुशल संगठन और चुनावी प्रबंधन के दम पर लगातार नए क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाई। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पहले से ही बीजेपी की मजबूत पकड़ थी, लेकिन हाल के वर्षों में पार्टी ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर राज्यों में भी अपनी स्थिति को मजबूत किया। नॉर्थ ईस्ट में जहां कभी कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व था, वहां बीजेपी ने सत्ता में हिस्सेदारी बनाई और कई राज्यों में सरकार भी बनाई। अब बारी है दक्षिण भारत की! देशभर में अपने प्रभाव को बढ़ाने के बाद बीजेपी...

हरियाणा कांग्रेस को चाहिए नया नाविक: सुरजेवाला या जय प्रकाश, कौन करेगा नेतृत्व?

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  हरियाणा कांग्रेस को चाहिए नया नाविक: सुरजेवाला या जय प्रकाश, कौन करेगा नेतृत्व? हरियाणा में कांग्रेस पार्टी इन दिनों एक अहम मोड़ पर खड़ी है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी को एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है, जो पार्टी की नैया को चुनावी समुद्र में पार लगा सके। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या रणदीप सिंह सुरजेवाला या जय प्रकाश पार्टी के नए "नाविक" बन सकते हैं? आइए जानते हैं दोनों नेताओं की ताकत और पार्टी में उनकी स्थिति। रणदीप सिंह सुरजेवाला: अनुभवी और राष्ट्रीय पहचान वाले नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव हैं। वे राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और हरियाणा कांग्रेस के बड़े चेहरे के रूप में देखे जाते हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान उनकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है। ताकत: कांग्रेस हाईकमान के करीबी माने जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर उनकी मजबूत पहचान है। विधायी और प्रशासनिक अनुभव का अच्छा खासा ज्ञान रखते हैं। मीडिया में उनकी प्रभावी पकड़ है, जिससे वे पार्टी की विचारधारा को बेहतर ढंग स...

हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव: अभय सिंह चौटाला और दुष्यंत चौटाला के साथ आने से नया समीकरण!

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हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव: अभय सिंह चौटाला और दुष्यंत चौटाला के साथ आने से नया समीकरण! हरियाणा की राजनीति में एक अप्रत्या शित मोड़ देखने को मिल सकता है, क्योंकि इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला के एक साथ आने की अटकलें तेज हो गई हैं। यदि ये दोनों नेता हाथ मिलाते हैं, तो यह राज्य की राजनीतिक स्थिति को पूरी तरह से बदल सकता है और बीजेपी-कांग्रेस के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है। परिवार में दूरियों के बाद अब नई राजनीतिक करीबी? चौटाला परिवार हरियाणा की राजनीति में हमेशा से एक प्रभावशाली भूमिका निभाता रहा है। ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में इनेलो एक समय राज्य की सबसे मजबूत पार्टी थी, लेकिन 2019 में दुष्यंत चौटाला ने इनेलो से अलग होकर JJP बनाई और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। इस पारिवारिक विभाजन ने हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया था। अब, अगर अभय और दुष्यंत फिर से एक साथ आते हैं, तो यह न केवल पारिवारिक एकता का संकेत होगा, बल्कि राज्य की राजनीतिक स्थिति को भी पूरी तरह से बदल सकता है। बीजेपी और का...

हरियाणा प्रदेश में भूपिंदर सिंह हुड्डा नहीं तो कौन?

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  हरियाणा प्रदेश में भूपिंदर सिंह हुड्डा नहीं तो कौन? हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस की स्थिति पहले कभी इतनी कमजोर नहीं हुई, जितनी आज दिखाई दे रही है। भूपिंदर सिंह हुड्डा लम्बे समय से पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेता रहे हैं, लेकिन अब सवाल उठता है कि अगर हुड्डा नहीं, तो कांग्रेस के पास कौन सा चेहरा है जो पार्टी को मजबूत नेतृत्व दे सके? हरियाणा में विपक्ष की भूमिका हमेशा मजबूत रही है। भजनलाल से लेकर ओमप्रकाश चौटाला तक, हरियाणा की राजनीति में विपक्षी दलों ने हमेशा सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। लेकिन वर्तमान में कांग्रेस जिस तरह की आंतरिक कलह और नेतृत्व संकट से गुजर रही है, वह पहले कभी नहीं देखा गया। कांग्रेस का संकट और नेतृत्व की तलाश कांग्रेस पार्टी फिलहाल नेतृत्व संकट से गुजर रही है। प्रदेश स्तर पर भूपिंदर सिंह हुड्डा के बाद पार्टी में कोई ऐसा बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा, जो संगठन को संभाल सके। युवा नेतृत्व उभर नहीं पाया है और वरिष्ठ नेताओं के बीच तालमेल की कमी स्पष्ट दिखती है। यह स्थिति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि कांग्रेस के कमजोर होते ही भाजपा...

भारतीय शेयर बाजार में Bloodbath: 5 महीनों की लगातार गिरावट, निवेशकों का भरोसा डगमगाया ?

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  भारतीय शेयर बाजार में Bloodbath: 5 महीनों की लगातार गिरावट, निवेशकों का भरोसा डगमगाया नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में बीते पांच महीनों से जारी गिरावट ने निवेशकों के होश उड़ा दिए हैं। 1996 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय स्टॉक मार्केट लगातार इतनी बड़ी गिरावट का सामना कर रहा है। इस भारी गिरावट से छोटे और मध्यम वर्गीय निवेशकों को गहरा झटका लगा है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस संकट पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 95 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, छोटे निवेशक तबाह भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट ने निवेशकों की पूंजी को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया है। बीते पांच महीनों में निवेशकों की संपत्ति में कुल 95 लाख करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर छोटे निवेशकों और मध्यम वर्ग पर पड़ा है, जिनकी गाढ़ी कमाई अब तेजी से घटती जा रही है। बड़े स्टॉक हुए धराशायी, SBI समेत कई शेयर 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर भारतीय स्टॉक मार्केट में न केवल छोटे निवेशक बल्कि बड़े कॉर्पोरेट समूह भी इस गिरावट की चपेट में आ गए हैं। कई ब्लू-चिप कंपनियों के शेयर अपने 52 हफ्त...

हिमानी नरवाल हत्याकांड: प्रेमी ही निकला कातिल? पुलिस जांच में बड़ा खुलासा

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 हिमानी नरवाल हत्याकांड: प्रेमी ही निकला कातिल? पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हरियाणा में हुए चर्चित हिमानी नरवाल हत्याकांड में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला है कि हिमानी के हत्यारे कोई और नहीं बल्कि उसके ही करीबी थे। सूत्रों के अनुसार, इस हत्या के पीछे उसका प्रेमी हो सकता है, जो उसके साथ रिश्ते में था लेकिन हाल ही में दोनों के बीच विवाद चल रहा था। क्या है पूरा मामला? हिमानी नरवाल, जो कि एक होनहार युवती थी, कुछ दिनों पहले रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई थी। परिजनों ने जब उसे फोन किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था। घरवाले और दोस्तों ने उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला तो पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। कुछ ही दिनों बाद, पुलिस को एक सुनसान इलाके में हिमानी का शव मिला। शुरुआती जांच में पता चला कि उसकी हत्या बड़ी बेरहमी से की गई थी। शव पर चोटों के कई निशान थे, जिससे साफ था कि हत्या किसी गहरी साजिश के तहत की गई थी। प्रेम प्रसंग बना हत्या की वजह? पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, हिमानी के करीबी रिश्तों की पड़ताल की गई। इसी दौरान...

लालू-राबड़ी शासनकाल का विश्लेषण: बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय

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  लालू-राबड़ी शासनकाल का विश्लेषण: बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल को एक ऐतिहासिक और विवादास्पद दौर के रूप में देखा जाता है। यह समयावधि 1990 से 2005 तक फैली रही, जिसमें पहले लालू प्रसाद यादव और फिर उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहे। इस दौर में बिहार की राजनीति, सामाजिक संरचना और प्रशासनिक व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। आइए, इस लेख में इस शासनकाल के प्रमुख पहलुओं का विश्लेषण करें। लालू प्रसाद यादव का उदय और उनकी राजनीति लालू प्रसाद यादव 1990 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। वे जनता दल से जुड़े थे और मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के कारण पिछड़ी जातियों के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे। उनके शासनकाल की सबसे बड़ी विशेषता उनकी सामाजिक न्याय की राजनीति रही, जिसमें उन्होंने पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों को राजनीतिक रूप से संगठित किया। हालांकि, उनके शासनकाल में प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे। 1997 में चारा घोटाले में आरोप लगने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और ...

सुचेता कृपलानी: उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री और विष का कैप्सूल

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  सुचेता कृपलानी: उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री और विष का कैप्सूल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में असंख्य वीरों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी, लेकिन कुछ नाम इतिहास के पन्नों में अपेक्षाकृत कम चर्चित रहे। सुचेता कृपलानी (1908-1974) न केवल स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख नेता थीं, बल्कि वह उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी बनीं। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और अदम्य साहस का प्रमाण इस बात से मिलता है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वे हमेशा अपने साथ ज़हर का एक कैप्सूल रखती थीं। इस कहानी में हम उनके जीवन, संघर्ष और इस अद्भुत तथ्य को विस्तार से जानेंगे। सुचेता कृपलानी का प्रारंभिक जीवन और स्वतंत्रता संग्राम सुचेता कृपलानी का जन्म 25 जून 1908 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था। उनके पिता सुरेश चंद्र मजूमदार एक सरकारी अधिकारी थे, लेकिन वे अपनी बेटी को पारंपरिक सीमाओं में बांधकर नहीं रखना चाहते थे। सुचेता ने लाहौर और दिल्ली में शिक्षा प्राप्त की और इंद्रप्रस्थ कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया। इसके बाद वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से आगे की पढ़ाई करने लगीं। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने...