आरएसएस को 'अक्षयवट' बताकर प्रधानमंत्री मोदी ने किया 'विकसित भारत' के लक्ष्य का जिक्र ?

 आरएसएस को 'अक्षयवट' बताकर प्रधानमंत्री मोदी ने किया 'विकसित भारत' के लक्ष्य का जिक्र ?


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा करते हुए इसे भारत की सनातन संस्कृति का 'आधुनिक अक्षयवट' (अविनाशी बरगद का पेड़) बताया। उन्होंने कहा कि संघ की विचारधारा और मूलभूत सिद्धांत ही भारत को 'विकसित भारत' बनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।

आरएसएस की विचारधारा को बताया प्रेरणास्रोत

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और उनके उत्तराधिकारी माधव सदाशिवराव गोलवलकर (गुरुजी) के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सोच और दर्शन भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, "आरएसएस सिर्फ एक संगठन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्रीयता का जीवंत प्रतीक है। यह आधुनिक अक्षयवट की तरह है, जो अनंत काल तक हमारी सभ्यता और संस्कारों की रक्षा करता रहेगा।"

'विकसित भारत' की परिकल्पना और संघ का योगदान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका सरकार का लक्ष्य 'विकसित भारत' बनाना है और इस दिशा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, "संघ ने हमेशा आत्मनिर्भरता, स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को बढ़ावा दिया है। आज जब भारत आर्थिक और सामाजिक रूप से नई ऊंचाइयों को छू रहा है, तब आरएसएस की यह सोच और अधिक प्रासंगिक हो गई है।"

राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल एक वैचारिक संगठन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में भी एक सक्रिय भागीदार है। उन्होंने संघ द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक और सेवा कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस संगठन ने देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कारों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं।

उन्होंने कहा, "संघ के स्वयंसेवकों ने कोविड-19 महामारी के दौरान जिस तरह से देश की सेवा की, वह सराहनीय है। चाहे आपदा के समय राहत कार्य हो, या समाज में सद्भावना और एकता का संदेश देना, आरएसएस ने हमेशा देश की सेवा में अपना योगदान दिया है।"

'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने का आह्वान

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत केवल आर्थिक प्रगति से नहीं बनेगा, बल्कि इसके लिए सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण भी आवश्यक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संघ की विचारधारा से प्रेरणा लें।

उन्होंने कहा, "हमारी सरकार का मिशन 'विकसित भारत' है और इस मिशन को पूरा करने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। जब समाज, सरकार और संगठन मिलकर कार्य करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता।"

संघ पर विपक्ष की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने कहा कि सरकार को केवल संघ की विचारधारा पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। वहीं, भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आरएसएस का योगदान भारत के विकास में हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से साफ है कि वे 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आरएसएस की विचारधारा को एक मार्गदर्शक के रूप में देख रहे हैं। उनका यह बयान यह भी दर्शाता है कि संघ और सरकार के बीच एक मजबूत वैचारिक और कार्यात्मक संबंध है, जो आने वाले वर्षों में भारत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

PM Narendra Modi on Sunday hailed RSS as 'modern akshyavat

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