कालेज के दिनों में अकेला साड़ी और मेकअप करके कैसे करता था पुरे अरमान। crossdresser story
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बचपन में जब लड़कियों की तरह रहने की सोचती तब दिमाग में आया की मैं दुनिया मैं अकेली हूं ऐसी। तब मैं गूगल में जाकर सर्च करने लगा मेरा फीलिंग के बारे में। उसबक्त मुझे पता चला क्रॉसड्रेसिंग के बारे में। लेकिन घर में रहेने की कारण मुझे कभी मौका नहीं मिला लड़की बनने का। मुझे डर था किसीने पकड़ लिया तो क्या होगा। इसलिए मैंने अपना क्रॉसड्रेसिंग फीलिंग्स को दबा कर रखने लगा। लेकिन जब मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया और बाहर जाकर पढ़ाई करने लगा तब मुझे कुछ लड़की के साथ दोस्ती हो गया। अब उन लोगों के साथ रहेकर मेरा फीलिंग और भी बड़ने लगा। मुझे और कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। मुझे सिर्फ और सिर्फ एक मौका चाइए था लड़की बनने का। अगले दिन मैने बाजार गया और एक चूड़ीदार, दुपट्टा और कुछ मैकअप का सामान जैसे नेलपॉलिश और लिपस्टिक खरीद के लाया। १साल तक मैने जैसे तैसे लड़की की ड्रेस पहन कर अपना ख्वाइश पूरा करने लगा। लेकिन मुझे उससे सेटिस्फेक्शन नहीं था। मुझे मेरा फीलिंग को ओर एक्सप्रेस करना चाहिएं था, और इसके लिए मुझे चाहिएं था पर्याप्त मात्रा में लड़की की पहन का सामान। लेकिन तब यह इंपॉसिबलश था मेरे लिए, क...