क्या किसान आंदोलन खालिस्तानी एजेंडे का समर्थन करेगा?
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क्या किसान आंदोलन खालिस्तानी एजेंडे का समर्थन करेगा? क्या किसान नेता अब गुरपतनंत सिंह पन्नू जैसे खातिस्तानियों के हाथों को कठपुतली बनेंगे? क्या किसान आंदोलन खालिस्तानियों का साथ देगा ? किसान आंदोलन, जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय राजनीति और समाज में बड़ा स्थान पाया है, अब एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है। हाल ही में खालिस्तानी समर्थक और अमेरिका में बसे गुरपतवंत सिंह पन्नू ने किसान नेताओं से जुड़ी विवादास्पद टिप्पणियां की हैं, जो आंदोलन की दिशा और उसकी निष्ठा पर सवाल खड़े कर रही हैं। इस संदर्भ में यह सवाल उठता है कि क्या किसान नेता पन्नू जैसे चरमपंथी विचारों का समर्थन करेंगे या उससे दूरी बनाकर अपने आंदोलन की वैधता और उद्देश्य को संरक्षित रखेंगे?किसान आंदोलन का आरंभ कृषि कानूनों के विरोध से हुआ था। यह आंदोलन भारतीय किसानों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों की आर्थिक सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा हुआ। आंदोलन की ताकत शांतिपूर्ण प्रदर्शन और लोकतांत्रिक तरीकों में थी, जिसने इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन दिलाया। गुरपतवंत सिंह पन्न...