खड़े पांव मांगै सै अधिकारियां तै जवाब, सबका चहेता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सै नायाब !
चंडीगढ़, Kuldeep Khandelwal – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने तेज़-तर्रार फैसलों और जमीनी प्रशासनिक पकड़ के लिए चर्चा में हैं। उनकी कार्यशैली ऐसी है कि अफसरों को खड़े पांव ही जवाब देना पड़ता है। आम जनता के लिए वे सबके चहेते बन चुके हैं, तो वहीं अधिकारियों के लिए उनकी कार्यशैली चुनौती भी बन रही है।
फील्ड में उतरकर खुद लेते हैं फैसले मुख्यमंत्री सैनी का प्रशासनिक मॉडल अलग हटकर है। वे सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि खुद फील्ड में जाकर हालात का जायजा लेते हैं। हाल ही में उन्होंने गुरुग्राम, रोहतक और हिसार में बिना किसी पूर्व सूचना के दौरा किया और सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों की उपस्थिति और कामकाज की समीक्षा की।
बैठकों में भी सख्त रवैया मुख्यमंत्री की बैठकों में अधिकारी अगर कागजों में उलझे नजर आते हैं, तो उन्हें तुरंत खड़े होकर जवाब देना पड़ता है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एक बैठक में जब एक अधिकारी ने अधूरे आंकड़े पेश किए, तो सैनी ने तुरंत कहा – "हरियाणा का हर गांव और हर शहर मेरे दिल में बसा है, अधूरे आंकड़ों से काम नहीं चलेगा।"
जनता से सीधा संवाद सैनी जनता से सीधे संवाद करने पर जोर देते हैं। ‘जनता दरबार’ के माध्यम से वे आम लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और वहीं पर अधिकारियों को त्वरित समाधान के आदेश देते हैं। बीते हफ्ते करनाल में एक बुजुर्ग महिला ने राशन की समस्या बताई, तो मुख्यमंत्री ने वहीं से डीसी को फोन लगाकर तत्काल समाधान करने का निर्देश दिया।
राजनीतिक समीकरण भी नायाब सैनी सिर्फ प्रशासनिक सख्ती ही नहीं, बल्कि अपने अनोखे राजनीतिक संतुलन के लिए भी पहचाने जा रहे हैं। उनकी रणनीति का ही कमाल है कि वे विभिन्न जातीय और सामाजिक वर्गों के बीच अपनी लोकप्रियता बनाए रखने में सफल हो रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि सैनी का नेतृत्व हरियाणा की राजनीति में एक नए दौर की शुरुआत कर रहा है।
हरियाणा की सियासत में यह साफ दिख रहा है कि "नायब" सैनी का नाम सिर्फ उनके व्यक्तित्व तक सीमित नहीं, बल्कि उनके काम भी उतने ही नायाब हैं।
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