क्रोस ड्रेसिंग हार्मोनल असंतुलन के कारण लड़कियों के परिधानों की ओर होते हैं आकर्षित !
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क्या है क्रॉस ड्रेसिंग क्रॉस ड्रेसिंग का अर्थ है, जब कोई व्यक्ति (अमूमन पुरुष) अपोजिट सेक्स द्वारा पहने जाने वाले परिधानों को पसंद करता है और उन्हें पहनने लगता है। माना ये जाता है कि जिस तरह अपोजिट सेक्स एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं, उसी तरह दोनों एक दूसरे के परिधानों के प्रति भी आकर्षित होते हैं। कभी-कभी यह आकर्षण इतना अधिक बढ़ जाता है कि व्यक्ति अपोजिट सेक्स के परिधानों को ही अंतिम रूप से चुन लेता है। क्रॉस ड्रेसिंग के इतिहास की बात करें तो कुछ बातें सामने आती हैं। पहली, अक्सर मांएं अपने नवजात बेटे को लड़कियों की ड्रेसेज पहनाती और उसी तरह सजाती हैं। बालपन तक तो यह ठीक रहता है, लेकिन बच्चों के बड़े होने के बाद कई बार उसके अवचेतन में लड़कियों की ड्रेसेज के प्रति आकर्षण बना रहता है। लिहाजा वह बड़ा होने के बाद भी उस आकर्षण से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाता। बॉलीवुड पर नजर डालें तो फिल्म निर्माण के शुरुआती काल में लड़कियां फिल्मों में आना पसंद नहीं करती थीं, तब पुरुष ही नायिकाओं की भूमिकाएं निभाते थे। कुछ वर्षों पहले तक रामलीलाओं में भी अक्सर सीता की भूमिका लड़के ही करते थे...