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Showing posts from September, 2024

कांग्रेस ने चार पूर्व मंत्रियों के बेटों को टिकट दिया, एक की जीतने की संभावना पर सवाल ?

  कांग्रेस ने चार पूर्व मंत्रियों के बेटों को टिकट दिया, एक की जीतने की संभावना पर सवाल कांग्रेस पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चार पूर्व मंत्रियों के बेटों को टिकट देकर सियासी गलियारों में चर्चा छेड़ दी है। पार्टी का यह कदम पार्टी के भीतर और बाहर कई सवाल खड़े कर रहा है। जहां एक ओर इसे राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी देखी जा रही है। पार्टी की रणनीति या मजबूरी? कांग्रेस के इस निर्णय को कुछ लोग पार्टी की रणनीति मान रहे हैं, जिसके तहत वह युवा चेहरे को आगे लाकर नए वोटर्स को आकर्षित करना चाहती है। वहीं, कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पार्टी की मजबूरी है, क्योंकि कई स्थानीय नेताओं की अपनी मजबूत पकड़ है और उनकी सीटों पर उनके परिवार के लोगों को टिकट देना अनिवार्य हो गया था। जीत की संभावनाओं पर सवाल हालांकि, चारों पूर्व मंत्रियों के बेटों को टिकट देने से पार्टी के भीतर उत्साह देखने को मिला है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर असमंजस में हैं कि इनमें से कितने उम्मीदवार जीत दर्ज कर पाएंगे। सूत
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विद्यारानी के चुनाव से किसानों की होती दूरी ने कर दी मुश्किल खड़ी? (लेखक: कुलदीप खंडेलवाल) नरवाना, जो लंबे समय से इनैलो का गढ़ माना जाता है, इस बार चुनाव में विद्यारानी के लिए राह आसान नजर नहीं आ रही है। विद्यारानी का चुनाव सहानुभूति के आधार पर शुरू हुआ था, लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। चुनावी मैदान में चुनौतियां विद्यारानी के सामने सिर उठाए खड़ी हैं। नरवाना के किसान, जो क्षेत्र का सबसे बड़ा वोट बैंक हैं, अब सतर्क हो गए हैं। एक बार के धोखे ने उन्हें इतना सतर्क कर दिया है कि वे अब लस्सी को भी फूंक-फूंक कर पीने को मजबूर हैं। किसान, जो पहले इनैलो के मजबूत समर्थक थे, अब विद्यारानी से दूरी बना रहे हैं, और इसकी गूंज गली-नुक्कड़ों तक सुनाई दे रही है। नरवाना में चुनावी चर्चा गरम है कि मैदान में विद्यारानी के अलावा सतबीर दबलैन और कृष्ण बेदी भी हैं, और तीनों ही मजबूत दावेदार हैं। किसान, जिन पर भाजपा और जजपा के राज में लाठीचार्ज, आंसू गैस और गोलियों की बौछार हुई थी, उन्हें यह सब भूला नहीं है। सबसे बड़ा धोखा उन्हें तब लगा, जब दुष्यंत चौटाला, जो कभी भाजपा को किसान विरोधी कहता था, खुद ही भाजपा क

नरवाना विधानसभा: विकास के पहिए की कहानी, क्या लाडवा भी उसी राह पर?

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  नरवाना विधानसभा: विकास के पहिए की कहानी, क्या लाडवा भी उसी राह पर? नायाब सैनी लाडवा सीट निकालेंगे? नायाब सैनी ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य किए, जिनमें सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार शामिल हैं। इसके अलावा, सैनी की सामाजिक गतिविधियों और जनता के साथ सीधा संवाद उन्हें जनता का प्रिय बना रहा है। हालांकि, विपक्ष भी अपनी जगह मजबूत कर रहा है। कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों ने लाडवा में अपने संगठन को धार देने के लिए कई जनसभाएं और रैलियां की हैं। लेकिन सैनी का आत्मविश्वास इस बात से झलकता है कि वे क्षेत्र में लोगों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और अपनी पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। नरवाना विधानसभा में जाकर देखिए, यह वही जगह है जिसे कभी ‘सीएम सिटी’ कहा जाता था। जब नरवाना हरियाणा के मुख्यमंत्री का क्षेत्र हुआ करता था, तो पूरे प्रदेश की नजरें इस विधानसभा पर टिकी रहती थीं। विकास का पहिया यहां तेजी से दौड़ रहा था, लेकिन जब से ‘सीएम सिटी’ का तमगा छिना, नरवाना में विकास की गति रुक सी गई है। यहां के लोगों के दिलों

हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर, त्रिशंकु विधानसभा की संभावना

  हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर, सर्वे से सामने आई चौंकाने वाली तस्वीर हरियाणा विधानसभा चुनाव के ताजा सर्वे में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। कांग्रेस की रणनीतिक गलतियों और भाजपा की कुशल मैनेजमेंट के चलते चुनावी दिशा में अप्रत्याशित परिवर्तन नजर आ रहा है। 2019 के चुनाव में भाजपा ने "75 पार" का नारा दिया था, लेकिन इस बार पार्टी 40 सीटों पर अटकती दिख रही है। वहीं, कांग्रेस ने इस बार 70 पार का दावा किया है, लेकिन उसकी स्थिति भी भाजपा जैसी होती नजर आ रही है। भाजपा पिछले चुनाव में मुश्किलों के बावजूद सरकार बनाने में सफल रही थी, लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए राह और भी कठिन हो सकती है। चुनावी रूख अब त्रिशंकु की ओर जाता दिख रहा है। जहां भाजपा 41 सीटों पर खड़ी है, वहीं कांग्रेस 38 सीटों पर संतोष करती नजर आ रही है। इसके अलावा 5 सीटों पर इनेलो की मौजूदगी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस बार निर्दलीय उम्मीदवार किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं, जो करीब 6 सीटें जीतने की संभावना रखते हैं। अगर ऐसा होता है, तो यह कांग्रेस के लिए एक ऐतिहासिक झटका होगा, क्योंकि कांग्रेस की लहर के

हरियाणा विधानसभा चुनाव की जमीनी तस्वीर: कौन है सबसे आगे?

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  हरियाणा विधानसभा चुनाव की जमीनी तस्वीर: कौन है सबसे आगे? गांवों की चुनावी तस्वीर से राज्य की राजनीति साफ हो जाती है। शहरों की अपेक्षा, गांवों में चुनावी सरगर्मियां ज्यादा रहती हैं। हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में बुजुर्ग राजनीति में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं और खुले दिल से राजनीति पर चर्चा करते हैं।  गांवों की चुनावी तस्वीर से राज्य की राजनीति साफ हो जाती है। शहरों से ज्यादा गांवों में चुनावों की सरगर्मियां रहती हैं। हरियाणा राज्य में युवाओं से ज्यादा बड़े-बूढ़े एक्टिव रहते हैं। गांव में बुजुर्ग तपाक से आपसे बात करेंगे। गांव की राजनीति के बारे में खुलकर बोलेंगे। बीजेपी सत्ता के रेस से बाहर नहीं है। कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं मगर सत्ता की चाबी निर्दलियों के हाथ में ही रहेगी। निर्दलीय मैदान में उतरे बागी चुनाव के गणित को उलझा रहे हैं। पिछले चुनाव में जीते निर्दलीय विधायकों से भी जनता खुश है। अंबाला कैंट से अनिल विज लगातार छह बार चुनाव जीत चुके हैं। मगर इस बार कहानी अटक रही है। विज को इस बार संघर्ष करना पड़ रहा है। यहां से कांग्रेस ने परिविंदर सिंह परी को टिकट दिया है मगर सीधे मुकाबले में न

कृष्ण बेदी महिला विरोधी? बेटे की तुड़वाई थी शादी?

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कृष्ण बेदी महिला विरोधी बेटे की तुड़वाई थी शादी ? कृष्ण बेदी के लाल ने पहले किया प्यार फिर रचाई शादी उसके बाद हुआ तलाक ?   अनुराधा का आरोप: साजिश के तहत हुआ विवाह और तलाक नरवाना विधानसभा में कृष्ण बेदी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं पहले किसानों का विरोध और अब सात साल पहले उठे विवाद का चुनावी मुद्दा बनना बेदी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा। नरवाना में चर्चा है की कृष्ण बेदी की सरकार उस वक्त बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम देश भर में चला रही थी तब बेदी के लाल इश्क फरमाकर एक बेटी का जीवन बर्बाद कर रहे थे। बेदी अपने पद का दुरपयोग करके अपनी पावर दिखा रहा था। अनुराधा का आरोप उस वक्त था कि पूरी साजिश के तहत उनकी शादी कराई गई और अब साजिश के तहत तलाक देने का नोटिस भेजा गया है। 15 जुलाई 2016 को प्राचीन शिव मंदिर पंचकुला में उनकी शादी हुई थी। इसके बाद उन्हें वापस घर छोड़ दिया। जब उनके पिता राज्यमंत्री से मिले तो कहा कि सामाजिक तौर पर शादी धूमधाम से होगी। लेकिन कर्ण प्रताप ने अनुराधा को तलाक देने के लिए सितंबर माह में पंचकुला कोर्ट में याचिका दायर दी। उस वक्त मामले में तीसरी सुनवाई हुई

नरवाना पंचायती समिति के चेयरमैन व वाईस चेयरमैन सहित कई सदस्य कांग्रेस में शामिल

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 नरवाना पंचायती समिति के चेयरमैन व वाईस चेयरमैन सहित कई सदस्य कांग्रेस में शामिल बृजेंद्रसिंह सुरजेवाला की मौजूदगी में जजपा छोडी हथो में मुस्लिम समाज ने किया समर्थन नरवाना : शुक्रवार सुबह नरवाना जजपा को उस समय भारी झटका लगा जब नरवाना पंचायती समिति के चेयरमैन और वाईस चेयर मैन जजपा छोडकर कांग्रेस में शामिल हो गए। सभी को कांग्रेस नेता चौधरी बृजेंद्रसिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस का पटका पहनाकर पार्टी में शामिल करवाया। आरएल रिजोर्ट में बुलाई प्रेस वार्ता में  चेयर मैन बिटू नैन  और वाईस चेयरमैन रविंद्र ने कहा कि वे रणदीपसिंह सुरजेवाला की जनहित की नीतियों और कांग्रेस के लोगों के हित में किए जाने वाले कार्यक्रम से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हुए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना तय है। लोगों ने कांग्रेस की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। मौजूद सभी सदस्यों ने कांग्रेस प्रत्याशी सतबीर दबलैन को कामयाब बनाने का आश्वासन दिया।  बृजेंद्रसिंह सुरजेवाला ने कहा कि सभी सदस्यों को पूरा मान सम्मान मिलेगा। सभी से अन्य वोटरों के बीच जाकर काम करने का आहवान किया। इस मौके पर वार्ड एक के स

इनैलो की सेफ सीट को विद्यारानी का अहंकार ले डूबेगा ?

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विद्या रानी का अंहकार ने चुनाव की बदल दी दशा और दिशा ? इनैलो के कार्यकर्ता और खुद के कार्यकर्ता नाराज होकर छोड़ रहे हैं साथ ?  "इनैलो की सेफ सीट को विद्यारानी का अहंकार ले डूबेगा?" वोटर्स की नज़रें अब अगले कदम पर टिकी ? कुलदीप खंडेलवाल नरवाना विधानसभा जाट बाहुल्य सीट होने के कारण भाजपा से नाराजगी होना और कांग्रेस में शैलजा की अनदेखी के कारण रविदास समाज की नाराजगी के कारण कांग्रेस से वोट का छटकना तथा इनैलो का गढ़ होना विद्या रानी को फायदा हो रहा है। इसके साथ में दो बार चुनावी हार की सहानुभूति और दनौदा में ठीक रसूख होना विद्या रानी के फेवर में माहौल एकदम से चला गया और चारों ओर जब विद्या- विद्या हुई तो अब विद्या रानी ने अपने आप को विधायक मानना शुरू कर दिया। इसका बड़ा कारण है विद्या का कांग्रेस कल्चर से जाना है। कांग्रेस कल्चर को लेकर राजनीति के गलियारों में कहा जाता है की कांग्रेस के नेता जल्दी हवा खा जाते हैं और उनका फिर नुकसान हो जाता है। अब भूपेंद्र हुड्डा को ही लिजिए प्रदेश में एक माहौल था। सहन नहीं हुआ अब दिन प्रतिदिन हवा खराब होती जा रही है। अब ऐसा ही कुछ विद्या रानी के सा

शाहबाद ने कृष्ण बेदी को नकारा, तब नरवाना की याद आई?

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  शाहबाद ने कृष्ण बेदी को नकारा, तब नरवाना की याद आई? विधानसभा और एमसी का चुनाव हारने के बाद नरवाना की तरफ किया रूख ? कुलदीप खंडेलवाल नरवाना विधानसभा सीट पर इस बार प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं। यह आरक्षित सीट हमेशा से ही राजनीतिक चर्चा का केंद्र रही है, लेकिन इस बार इसे 'हॉट सीट' कहा जा रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले यहां शतरंज की सियासत खेली गई, जहां राजा ने अपनी सियासत बचाने के लिए रानी का सहारा लिया। प्यादों को आगे कर, हाथी, घोड़े और बिशप की मदद से नरवाना के वजीर को घेरने की कोशिश की गई। शतरंज के खेल में राजा की स्थिति भले ही सीमित हो, लेकिन रानी का महत्व बेहद खास है। वह हर दिशा में चल सकती है और किसी भी खिलाड़ी को मात दे सकती है। इसी तरह, राजनीतिक खेल में भी रानी सबसे प्रभावशाली साबित होती है। भाजपा ने इस बार नरवाना में टिकट देने के लिए बाहर के चेहरे पर दांव लगाया, जबकि नरवाना में पार्टी को जीवित रखने वाले अपने ही नेताओं पर भरोसा नहीं दिखाया। अपने ही वफादार नेताओं को किनारे कर एक बाहरी नेता, कृष्ण बेदी, को टिकट दे दिया। शाहबाद से नकारे गए कृष्ण बेदी को नरवाना में टिकट देना,

कलायत विधानसभा में सियासी हलचल: भाजपा और कांग्रेस के टिकट बंटवारे में गड़बड़ी ?

कलायत विधानसभा में सियासी हलचल: भाजपा और कांग्रेस के टिकट बंटवारे में गड़बड़ी ? कलायत , 16 सितंबर 2024: कलायत विधानसभा में इस बार सियासी मिजाज बदलता नजर आ रहा है, जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी नेताओं के टिकट बंटवारे को लेकर सवालों के घेरे में आ गई हैं। भाजपा द्वारा कमलेश ढांडा को टिकट देने के फैसले ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भाजपा का संकट: भाजपा ने कमलेश ढांडा को टिकट देकर स्वयं पर ही संकट उत्पन्न कर लिया है। कोरोना काल से ही ढांडा पर जनता में नाराजगी बढ़ रही थी। विकास कार्यों की कमी, जनता के बीच में ना होना और भ्रष्टाचार के आरोप लंबे समय से लगे हुए थे। इसके बावजूद, भाजपा ने ढांडा को टिकट देकर इस संदेश को दिया है कि शायद पार्टी कलायत से चुनाव जीतने की गंभीरता नहीं दिखा रही है। कांग्रेस का हाल: कांग्रेस के लिए भी स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण रही है। सांसद जयप्रकाश के टिकट मिलने के बाद पार्टी में ही विवाद शुरू हो गए हैं। जयप्रकाश के पिता पहले से सांसद हैं, और उनके टिकट के खिलाफ पार्टी की पूर्व टिकटार्थी श्वेता ढुल ने तीखी टिप्पणी की कि “राजा का बेटा राजा बनता है।” इस टिप

चंद्रमोहन बिश्नोई के चुनाव अभियान का धमाकेदार आगाज़, ज्ञानचंद गुप्ता के लिए बढ़ीं मुश्किलें

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  चंद्रमोहन बिश्नोई के चुनाव अभियान का धमाकेदार आगाज़, ज्ञानचंद गुप्ता के लिए बढ़ीं मुश्किलें पंचकूला हलका में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही एक बात स्पष्ट हो गई है: चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम चर्चा का विषय बन चुका है। पहले ही दिन से उनकी लोकप्रियता में एक बड़ा उभार देखा गया है। इस बार के चुनावी समर में चंद्रमोहन बिश्नोई के साथ न केवल ग्रामीण तबका जुड़ा है, बल्कि शहर का आम आदमी भी उनके साथ खड़ा नजर आ रहा है। यह समर्थन उनकी जीत की संभावना को और प्रबल बनाता है। दूसरी ओर, मौजूदा ज्ञानचंद गुप्ता, जो पंचकूला से वर्तमान विधायक हैं, इस बार कई मुद्दों पर घिरे नजर आ रहे हैं। सबसे बड़ा और अहम मुद्दा भ्रष्टाचार का है, जिसने उनके चुनाव को संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है। हरियाणा के सदन में उन पर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने उन्हें घेरते हुए यहाँ तक कहा कि, "तुमने तो रेहड़ी वाले भी नहीं छोड़े, उनसे भी पैसे लिए। यह आरोप न केवल उनके राजनीतिक करियर को खतरे में डाल रहा है, बल्कि उनकी छवि पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता का गुस्सा ग

हरियाणा में कांग्रेस की बढ़त, लेकिन बीजेपी की स्थिति भी मजबूत, हरियाणा में ओबीसी और दलित वोटर मिलाकर कुल 55 से 60% वोट भाजपा के लिए अभी भी दांव पर हैं ?

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हरियाणा में कांग्रेस की बढ़त, लेकिन बीजेपी की स्थिति भी मजबूत ?  हरियाणा में ओबीसी और दलित वोटर मिलाकर कुल 55 से 60% वोट भाजपा के लिए अभी भी दांव पर हैं ?  100% जाट भी भाजपा के खिलाफ वोट करते हैं, फिर भी भाजपा को फर्क नहीं पड़ेगा ? हरियाणा में आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक माहौल गर्म है। कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में लोकसभा चुनावों में अपनी शानदार जीत के बाद हरियाणा में सत्ता में वापसी को लेकर आत्मविश्वास जताया है। हालांकि, भाजपा ने भले ही 2019 में सभी 10 लोकसभा सीटें जीती थीं, लेकिन 2024 के चुनावों में उसे केवल 5 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसके बावजूद, भाजपा पूरी तरह से हार मानने को तैयार नहीं है और अपनी सामाजिक इंजीनियरिंग के जरिए स्थिति को पलटने की कोशिश कर रही है। चुनाव विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में से 44 पर बढ़त बनाई है, जबकि कांग्रेस 42 सीटों पर और आम आदमी पार्टी (AAP) 4 सीटों पर आगे रही है। भाजपा की संजू वर्मा ने हाल ही में एक पैनल चर्चा में कहा कि जाट मतदाता इस बार निर्णायक भूमिका में नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में ओबीसी और दलित वोट

इनेलो हरियाणा में करेगी कमाल, ले जाएगी इतनी सीट, फूल गई है भूपी की साँस?

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 हरियाणा की राजनीति में इस बार के चुनाव में कई दिलचस्प मोड़ ?  इनेलो हरियाणा में करेगी कमाल, ले जाएगी इतनी सीट, फूल गई है भूपी की साँस? हरियाणा की राजनीति में इस बार के चुनाव में कई दिलचस्प मोड़ देखने को मिल रहे हैं। इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) एक बार फिर से पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरी है और इस बार पार्टी के भीतर से ऐसी खबरें आ रही हैं कि वे राज्य की विधानसभा में बड़ी संख्या में सीटें जीतने के लिए पूरी तैयारी कर रही हैं। इनेलो के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच जबरदस्त जोश और उत्साह देखने को मिल रहा है। पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला और अभय चौटाला ने जनता से जुड़ने के लिए अनेक सभाएं और रैलियां की हैं, जिनमें जनता की भारी भागीदारी देखने को मिली है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में इनेलो की पकड़ मजबूत होती दिख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इनेलो का यह उभार कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो कांग्रेस के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं, को इस चुनाव में इनेलो से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इनेलो का लक

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: कांग्रेस के टिकट वितरण में वैश्य, मुस्लिम और राजपूत समाज की भागीदारी घटी ?

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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण में वैश्य, मुस्लिम और राजपूत समाज के नेताओं की भागीदारी में कमी आई है। कांग्रेस द्वारा जारी सूची में विभिन्न समुदायों को टिकट दिए गए हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण समूहों को अपेक्षित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है। कांग्रेस ने इस बार 26 जाट, 20 ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), 17 अनुसूचित जाति (एससी), 11 सिख और पंजाबी, छह ब्राह्मण, पांच मुस्लिम, और दो वैश्य समाज के उम्मीदवारों को टिकट दिया है। राजपूत समाज का नाम इस सूची में अनुपस्थित नजर आ रहा है, जबकि वैश्य और मुस्लिम समाज को भी कम प्रतिनिधित्व मिला है। कांग्रेस के इस निर्णय पर विभिन्न समुदायों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है, और इसे लेकर नाराजगी भी व्यक्त की जा रही है। वैश्य और मुस्लिम समाज के कुछ नेताओं ने उम्मीद जताई थी कि उन्हें अधिक संख्या में टिकट मिलेंगे, लेकिन सूची में उनकी भागीदारी अपेक्षाकृत कम दिखाई दे रही है। हालांकि, कांग्रेस का मानना है कि इस टिकट वितरण से वे समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं और राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर

रानी मुखर्जी और करिश्मा कपूर: आइकॉनिक स्टार्स की चकाचौंध जारी है !

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  रानी मुखर्जी और करिश्मा कपूर: आइकॉनिक स्टार्स की चकाचौंध जारी है! बॉलीवुड की दुनिया में चमक और चमक का प्रतीक रही रानी मुखर्जी और करिश्मा कपूर दोनों ही अब भी अपनी छवि और प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीत रही हैं। रानी मुखर्जी ने अपनी करियर की शुरुआत 50+ फिल्मों के साथ की है और उनके नाम पर लगभग ₹201 करोड़ की कुल संपत्ति है। उनकी उम्र 46 साल है और उनकी लंबाई 5'0" है। मुंबई में निवास करतीं रानी को बंगाली भोजन बेहद पसंद है। उनकी यात्रा और मेहनत ने उन्हें एक शानदार अदाकारा बना दिया है, जो आज भी दर्शकों के बीच में अपनी जगह बनाए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर, करिश्मा कपूर ने भी 60+ फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है और उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹90 करोड़ है। 50 साल की उम्र में, करिश्मा की ऊंचाई 5'4" है और उनका पसंदीदा भोजन पंजाबी है। मुंबई में जन्मीं करिश्मा की यात्रा और उनके द्वारा निभाए गए किरदार दर्शकों के दिल में हमेशा के लिए छाप छोड़ गए हैं। दोनों अभिनेत्रियाँ अपनी-अपनी जगह पर चमक और अनुग्रह की मिसाल हैं। रानी और करिश्मा की कहानियाँ न केवल उनके करियर की उपलब्धियों को दर्शात

मै पहले जाट फिर सीएम ? लो मैं फिर आ रहा हूं?

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  "क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जातीय राजनीति ने हरियाणा के पिछड़े वर्ग को किया नाराज?" भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक कार्यक्रम में कहा था, "मैं पहले जाट, फिर सीएम हूं," और तभी से हरियाणा के 35 वर्ग, खासकर पिछड़ा वर्ग, उनसे नाराज है। इस वर्ग ने कभी कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन भाजपा ने इसका फायदा उठाते हुए सत्ता में अपनी जगह मजबूत कर ली। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक वर्ग की राजनीति की जिसके कारण वो उस वर्ग के तो नेता बन गए पर दुसरे वर्ग को खटकने लगे क्योंकि उन्होंने एक कार्यक्रम कहा था की मैं पहले जाट फिर सीएम हूं। उसके बाद 35 वर्ग नाराज हो गए थे जिसमें पिछड़ा वर्ग सबसे ज्यादा नाराज था और सबसे अहम बात की पिछड़ा वर्ग जो कांग्रेस का पैठ वोट बैंक था वो फिर भाजपा में चला गया और भाजपा ने उसका फायदा उठाया सीएम बना दिया अब उसी कारण भाजपा हैट्रिक मारने की बात कर रही है। सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय समिति (सारांश) पदाधिकारियों ने हुड्डा के खिलाफ मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2005 से 14 तक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए सामाजिक अन्याय किय

भाजपा में टिकट बंटवारे पर फिर से मंथन, कई विधानसभा क्षेत्रों में बदल सकते हैं उम्मीदवार

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  भाजपा में टिकट बंटवारे पर फिर से मंथन, कई विधानसभा क्षेत्रों में बदल सकते हैं उम्मीदवार नई दिल्ली: भाजपा में इन दिनों टिकट आवंटन को लेकर गहरी चर्चाएं हो रही हैं, और अब हिसार, पेहवा, सोनीपत, सफीदों, गुरुग्राम, बवानीखेड़ा, टोहाना और महम विधानसभा सीटों पर फिर से मंथन शुरू हो सकता है। इन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर पार्टी में पुनर्विचार की संभावनाएं जताई जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी हाईकमान आगामी चुनावों के मद्देनजर इन सीटों पर अपने फैसले में बदलाव कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो उन उम्मीदवारों को भी निराशा का सामना करना पड़ सकता है जिनके नाम पहले से घोषित किए गए हैं। टिकटों में बदलाव की स्थिति में वर्तमान प्रत्याशी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति पैदा हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा की यह रणनीति आगामी चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए है, लेकिन टिकट में बदलाव से पार्टी को आंतरिक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। कई उम्मीदवार पहले से ही अपने चुनावी क्षेत्रों में तैयारी कर रहे हैं, और इस समय टिकट बदलने से उनके समर्थकों के

जेजेपी के तीन पूर्व विधायकों को BJP ने दिया टिकट

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  जेजेपी के तीन पूर्व विधायकों को BJP ने दिया टिकट हरियाणा में राजनीतिक गतिविधियों के बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जेजेपी के तीन पूर्व विधायकों को टिकट देने की घोषणा की है। इस कदम को पार्टी की रणनीतिक योजना के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। देवेंद्र बबली - टोहाना विधानसभा क्षेत्र से BJP का टिकट मिला है। बबली के राजनीति में अनुभव और क्षेत्रीय समर्थन को देखते हुए, पार्टी ने उन्हें इस महत्वपूर्ण क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। रामकुमार गौतम - सफीदों विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के लिए चुनाव लड़ेंगे। गौतम की कार्यशैली और उनके क्षेत्रीय कामकाज को ध्यान में रखते हुए, उन्हें इस सीट पर उतारा गया है। अनूप धानक - उकलाना विधानसभा क्षेत्र से BJP के उम्मीदवार होंगे। धानक की छवि और राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, पार्टी ने उन्हें इस सीट पर अपनी उम्मीदवारी के रूप में प्रस्तुत किया है। BJP की इस निर्णय ने हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है और इन नेताओं के लिए आगामी चुनावों में बड़ी चुनौतियाँ और अवसर पैदा किए हैं।

जननायक जनता पार्टी और आज़ाद समाज पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 19 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की

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जननायक जनता पार्टी और आज़ाद समाज पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 19 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने पहली सूची में संभावित उम्मीदवारों की घोषणा की हरियाणा, - जननायक जनता पार्टी (JJP) और आज़ाद समाज पार्टी (ASP) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने पहले चरण की प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने इस सूची की घोषणा की, जिसमें कुल 19 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। इस गठबंधन की ओर से जारी की गई सूची में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जो आगामी चुनावों में अपनी किस्मत आजमाएंगे। गठबंधन का उद्देश्य चुनावों में एकजुट होकर अधिक सीटें जीतना और राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करना है। दोनों दलों के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी चुनावों में सभी प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी की नीतियों और योजनाओं को लागू करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे इस गठबंधन को समर्थन देकर राज्य के विकास में योगदान दें। अगले कदम अब, जब प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हो चुक

सांसद कार्तिकेय शर्मा और मेयर शक्तिरानी शर्मा की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से महत्वपूर्ण मुलाकात

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  सांसद कार्तिकेय शर्मा और मेयर शक्तिरानी शर्मा की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से महत्वपूर्ण मुलाकात नई दिल्ली: भाजपा ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें सांसद कार्तिकेय शर्मा और मेयर शक्तिरानी शर्मा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान, शक्तिरानी शर्मा के आगामी विधानसभा चुनावों में भागीदारी को लेकर चर्चा हुई। मुलाकात के दौरान, यह बात सामने आई कि शक्तिरानी शर्मा को कालका या अम्बाला शहर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में, शक्तिरानी शर्मा अम्बाला शहर की मेयर के पद पर आसीन हैं और उनकी प्रशासनिक क्षमता व अनुभव को देखते हुए पार्टी द्वारा उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए चुने जाने की चर्चा हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक में चर्चा की और पार्टी के रणनीतिक निर्णयों पर विचार किया। इस बैठक से यह साफ हो गया है कि भाजपा आगामी चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी तैयारी में है और संभावित उम्मीदवारों को लेकर गंभीरता से सोच रही है। शक्तिरानी शर्मा के विधानसभा चुनाव में संभावित उम्मीदवार के रूप में चयन की चर्चा न

पिहोवा विधानसभा से सीएम भगवंत मान की पत्नी लड़ेंगी चुनाव?

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पिहोवा विधानसभा क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनावों में एक बड़ी राजनीतिक हलचल होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की पत्नी के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है। यह संभावना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। माननीय मुख्यमंत्री भगवंत मान की पत्नी ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। पिहोवा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में भीम सेन का प्रभुत्व है, लेकिन यदि सीएम की पत्नी यहां से चुनाव लड़ती हैं, तो यह मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है। इस खबर ने न केवल पिहोवा बल्कि पूरे पंजाब में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में यह अटकलें सच साबित होती हैं या नहीं।

राम रहीम की फरलो खत्म: बरनावा आश्रम से सुनारिया जेल वापस पहुंचेगा डेरा प्रमुख

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 हरियाणा के रोहतक में दुष्कर्म के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 21 दिन की फरलो 3 सितंबर को समाप्त हो गई है। फरलो के दौरान, राम रहीम बरनावा आश्रम में था, लेकिन अब उसे वापस रोहतक के सुनारिया जेल में भेजा जाएगा। फरलो के दौरान, राम रहीम ने अपने अनुयायियों के साथ ऑनलाइन सत्संग भी किया। इस दौरान उसने कई बार अपने अनुयायियों से बात की और उन्हें धर्म और समाज सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। गुरमीत राम रहीम को 2017 में दुष्कर्म के दो मामलों में दोषी करार दिया गया था और उसे 20 साल की सजा सुनाई गई थी। तब से वह सुनारिया जेल में बंद था, और बीच-बीच में उसे फरलो और पैरोल पर छोड़ा जाता रहा है। बुधवार को रोहतक पुलिस की टीम डीएसपी के नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम को बरनावा आश्रम से सुनारिया जेल वापस लेकर आएगी। 2017 में साध्वी दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद से राम रहीम जेल में सजा काट रहा है। पिछले कई मौकों पर उसे पैरोल और फरलो पर छोड़ा गया है जिससे वह आश्रम में समय बिता सके। अब फरलो पूरी होने के बाद पुलिस की निगरानी में उसे वापस जेल भेजा जाएगा। सुरक्षा के मद

अर्चना गौतम: संघर्ष से सफलता की कहानी, 'बिग बॉस' से देशव्यापी पहचान बनाई

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अर्चना गौतम का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, उन्होंने हस्तिनापुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर राजनीतिक क्षेत्र में भी कदम रखा था। उनके इस कदम ने उन्हें और भी पहचान दिलाई। अर्चना का नाम आज मनोरंजन जगत और राजनीति दोनों में एक जाना-माना चेहरा बन चुका है। यह सोचकर खुशी होती है कि कभी जिनसे सिर्फ हाय-हैलो होती थी, वे अब मशहूर हस्ती बन गई हैं। अर्चना गौतम का आज जन्मदिन भी है, और इस खास मौके पर उनके चाहने वाले उन्हें ढेरों शुभकामनाएं दे रहे हैं।   2009 की बात है। तीन साल के पत्रकारिता के डिग्री कोर्स के दूसरे साल में हमारा प्रवेश हुआ। मेरठ के आईआईएमटी कॉलेज में पत्रकारिता का कोर्स हमारे दाखिला लेने से एक साल पहले ही शुरू हुआ था। यानि हमारा बैच दूसरा ही बैच था। हमसे सीनियर एक बैच और था जो 2009 में तीसरे साल में आ गया। यानि सुपर सीनियर बन गया। हम भी अब सीनियर हो गए थे। क्योंकि हमसे नीचे एक बैच आ चुका था। सो ज़ाहिर है, जूनियर्स को देखकर उत्सुकता तो थी ही हम सभी के मन में। जूनियर्स में कई लड़कियां भी थी। उन सब लड़कियों में एक बड़ी अलग सी थ