इनैलो की सेफ सीट को विद्यारानी का अहंकार ले डूबेगा ?

विद्या रानी का अंहकार ने चुनाव की बदल दी दशा और दिशा ?


इनैलो के कार्यकर्ता और खुद के कार्यकर्ता नाराज होकर छोड़ रहे हैं साथ ?

 "इनैलो की सेफ सीट को विद्यारानी का अहंकार ले डूबेगा?"

वोटर्स की नज़रें अब अगले कदम पर टिकी ?

कुलदीप खंडेलवाल
नरवाना विधानसभा जाट बाहुल्य सीट होने के कारण भाजपा से नाराजगी होना और कांग्रेस में शैलजा की अनदेखी के कारण रविदास समाज की नाराजगी के कारण कांग्रेस से वोट का छटकना तथा इनैलो का गढ़ होना विद्या रानी को फायदा हो रहा है। इसके साथ में दो बार चुनावी हार की सहानुभूति और दनौदा में ठीक रसूख होना विद्या रानी के फेवर में माहौल एकदम से चला गया और चारों ओर जब विद्या- विद्या हुई तो अब विद्या रानी ने अपने आप को विधायक मानना शुरू कर दिया। इसका बड़ा कारण है विद्या का कांग्रेस कल्चर से जाना है। कांग्रेस कल्चर को लेकर राजनीति के गलियारों में कहा जाता है की कांग्रेस के नेता जल्दी हवा खा जाते हैं और उनका फिर नुकसान हो जाता है। अब भूपेंद्र हुड्डा को ही लिजिए प्रदेश में एक माहौल था। सहन नहीं हुआ अब दिन प्रतिदिन हवा खराब होती जा रही है। अब ऐसा ही कुछ विद्या रानी के साथ हो रहा है वो भी नरवाना की भीड़ देखकर अपने आप को विधायक मानना शुरू कर दिया और इनैलो के कार्यकर्ताओं और खुद के कार्यकर्ताओं की नाराजगी मोल ले रही है। जिसके कारण से अब इनैलो के कार्यकर्ता और खुद के कार्यकर्ता दुरी बनाने लगी है। ऐसी शहर में चर्चा है। इससे आगे चर्चा यह भी है की 2014 के चुनाव में संतोष दनौदा चुनाव जीत रही थी फाइट के बीच भाजपा की विधायक संतोष बनती नजर आ रही थी पर उस वक्त संतोष के पिता बीरबल हवा खा गए और जो भी आए उसको कहते की हम चुनाव तो जीते पड़े हैं अब तो यह देख रहे हैं की मंत्रालय कौन सा लेना है इस पर चर्चा कर रही है। उनका यही व्यवहार संतोष की हार का कारण बना। यह चर्चा मजाक के रूप में एक बारबर की दुकान पर चली हुई थी। इससे आगे ठहाके लगाते हुए एक ग्राहक बोला अब इस चुनाव में बीरबल की जगह डाक्टर श्याम इनेकि विद्या रानी के घर वाले ने ले रखी है वो भी अति आत्मविश्वास का शिकार हो चुका है। पुरी विधायक पति की फिलिंग लिए हुए है। उसका हाल संतोष वाला होगा जीता हुआ चुनाव खराब कर देगा। इस पर हमने कहा की डाक्टर श्याम तो विद्या रानी का राजनैतिक कैरियर बनाने मे अहम योगदान दिया है वो गलती नहीं करेगा। इस पर तपाक से जवाब आया। हां सैन साहब एक कहावत सुना दूं वो कहे करैं बाल कटवाते वक्त मेरे बाल कितने बड़े हैं। भाई थोड़ी देर रूक कटेंगे तेरे सामने पड़ेंगे। देख लिए अब यही बात जिस दिन गिनती होगी देख लिए। ऐसे में अगर यह सच है तो पिछले दस साल की मेहनत पर डाक्टर श्याम विद्या रानी की मेहनत पर पानी फेरता नजर आएगा फिर से 2014 का चुनाव हो जाएगा। ऐसे में देखना दिलचस्प रहेगा की क्या विद्या रानी बिगड़ते माहौल और खुद के व्यवहार को सुधार पाएगी। यह तो समय बताएगा। 

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