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Showing posts from April, 2025

किसान आंदोलन की साख पर सवाल: चंदे और लंगर के सामान में गबन के आरोपों से उठा बवाल

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 किसान आंदोलन की साख पर सवाल: चंदे और लंगर के सामान में गबन के आरोपों से उठा बवाल देश में किसान आंदोलन की पहचान अब एक नई बहस के केंद्र में है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले लंबे आंदोलन के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में भी चंदे और संसाधनों के गबन को लेकर किसान संगठनों में मतभेद गहराने लगे हैं। इस बार आरोप आंदोलन से जुड़े खुद किसान नेताओं पर लगे हैं, जिससे आंदोलन की पारदर्शिता और नैतिकता पर गंभीर सवाल उठे हैं। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चले आंदोलन में अब सामने आ रहा है कि आंदोलन के नाम पर जुटाए गए चंदे और खाद्यान्न का दुरुपयोग किया गया। लंगर के लिए आए गेहूं, दूध और अन्य खाद्य सामग्री को बेचने और उसकी एवज में अन्य सामान खरीदने के आरोप सामने आ रहे हैं। खास बात यह है कि ये आरोप किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि आंदोलन से जुड़े प्रमुख किसान संगठनों के नेता एक-दूसरे पर लगा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो पिछले 125 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, उन पर खुद उनके साथी नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। बीकेयू नेता इंद्रजीत...

"राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस से बदली कांग्रेस की रणनीति: अब सवर्ण नहीं, OBC-Dalit-माइनॉरिटी पर फोकस

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  "राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस से बदली कांग्रेस की रणनीति: अब सवर्ण नहीं, OBC-Dalit-माइनॉरिटी पर फोकस" कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आज की प्रेस कांफ्रेंस ने भारतीय राजनीति की दिशा और कांग्रेस की रणनीति को लेकर कई अहम संकेत दिए हैं। राहुल गांधी के बयानों से यह साफ हो गया है कि अब कांग्रेस पार्टी सवर्ण वोट बैंक को लेकर चिंतित नहीं है — जो पिछले कई वर्षों से भाजपा के साथ मजबूती से खड़ा नजर आ रहा है। इसके बजाय कांग्रेस अब अपनी ऊर्जा और नीतियां पिछड़े वर्गों (OBC), दलितों और अल्पसंख्यकों को केंद्र में रखकर तैयार कर रही है। राहुल की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पांच प्रमुख बातें सामने आईं, जो आने वाले लोकसभा चुनावों और देश की सामाजिक-राजनीतिक बहस में गहरी छाप छोड़ सकती हैं। 1. निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करेगी कांग्रेस राहुल गांधी ने स्पष्ट संकेत दिए कि अब आरक्षण सिर्फ सरकारी नौकरियों और संस्थानों तक सीमित नहीं रहेगा। कांग्रेस यदि सत्ता में आती है, तो वह निजी क्षेत्र और निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने की दिशा में काम करेगी। यह बयान देश की सामाजिक न्याय की राजन...

KGF से चमकी श्रीनिधि शेट्टी की किस्मत: पहले रोल को कहा गया मामूली, लेकिन अभिनेत्री ने दिखाई मजबूती और आत्मविश्वास"

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  KGF से चमकी श्रीनिधि शेट्टी की किस्मत: पहले रोल को कहा गया मामूली, लेकिन अभिनेत्री ने दिखाई मजबूती और आत्मविश्वास" साउथ इंडस्ट्री की खूबसूरत और प्रतिभाशाली अभिनेत्री श्रीनिधि शेट्टी ने 2018 में सुपरहिट कन्नड़ फिल्म ‘KGF: चैप्टर 1’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। यह फिल्म जहां एक ओर अभिनेता यश की दमदार परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती है, वहीं इसमें श्रीनिधि का किरदार रीना देसाई भी खासा चर्चा में रहा — हालांकि, कुछ आलोचकों ने इसे "अमहत्वपूर्ण" करार दिया। लेकिन आलोचनाओं से घबराना श्रीनिधि की फितरत में नहीं है। उन्होंने कभी भी अपने किरदार को छोटा या कमज़ोर नहीं माना। उनके अनुसार, रीना एक ऐसा पात्र था जो कहानी में एक भावनात्मक गहराई जोड़ता है। वह न सिर्फ रॉकी (यश) की प्रेमिका है, बल्कि उसकी इंसानियत और भावनाओं को दर्शाने वाली महत्वपूर्ण कड़ी भी है। पहली ही फिल्म से बनाई खास पहचान श्रीनिधि शेट्टी की पृष्ठभूमि किसी पारंपरिक फिल्मी परिवार से नहीं है। वे एक इंजीनियरिंग ग्रैजुएट हैं और मिस सुपरनेशनल 2016 का खिताब जीत चुकी हैं। मॉडलिंग से अभिनय की दुनिया में कदम रखना आसान...

एक छोटे से गांव की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया की चकाचौंध तक, एक ऐसी कहानी सामने आई है जो भारत की सीमाओं, सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने पर कई सवाल खड़े करती है। यह कहानी है एक पाकिस्तानी महिला की, जो अपने चार बच्चों के साथ बिना किसी वैध कागजात या वीजा के अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुकी है। यह महिला न केवल भारत में रह रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर अपनी मजबूत उपस्थिति के जरिए लाखों लोगों तक पहुंच रही है और इससे आर्थिक लाभ भी कमा रही है। इस मामले ने न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवालों को भी जन्म दिया है। एक रहस्यमयी प्रवेश यह महिला, जिसका नाम अभी तक आधिकारिक रूप से उजागर नहीं हुआ है, कथित तौर पर कुछ साल पहले पाकिस्तान से भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर गई थी। सूत्रों के अनुसार, वह अपने चार बच्चों के साथ सीमा पार करके भारत पहुंची। आमतौर पर, सीमा पार करने वाले अवैध प्रवासियों को पकड़ लिया जाता है या उनके पास कोई न कोई पहचान पत्र होता है, लेकिन इस मामले में महिला के पास न तो कोई वैध वीजा था और न ही कोई अन्य दस्तावेज। फिर भी, वह न केवल भारत में रह रही है, बल्कि उसने यहां एक नई जिंदगी शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह महिला भारतीय संस्कृति में पूरी तरह घुल-मिल गई है। वह सिंदूर लगाती है, मंगलसूत्र पहनती है, मंदिरों में पूजा करती है और सार्वजनिक रूप से भारतीय परंपराओं का पालन करती है। इतना ही नहीं, उसने भारत में रहते हुए एक और बच्चे को जन्म भी दिया है। यह सब उसकी सोशल मीडिया उपस्थिति के साथ और भी जटिल हो जाता है, जहां वह दर्जनों अकाउंट्स के जरिए रील्स बनाती है, जिनमें वह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और यहाँ तक कि राजनीतिक नेताओं की तारीफ करती नजर आती है। सोशल मीडिया: एक नया हथियार? सोशल मीडिया आज के दौर में केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि प्रभाव और प्रचार का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। इस महिला ने इस मंच का उपयोग न केवल अपनी पहचान बनाने के लिए किया, बल्कि इससे आर्थिक लाभ भी कमाया। इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर उसके कई अकाउंट्स हैं, जहां वह नियमित रूप से वीडियो पोस्ट करती है। इन वीडियो में वह भारतीय संस्कृति को अपनाने, धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करती दिखती है। उसके वीडियो को देखकर ऐसा लगता है कि वह एक सामान्य भारतीय महिला है, जो अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को साझा कर रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि एक ऐसी महिला, जिसके पास कोई वैध कागजात नहीं हैं, वह इतने आत्मविश्वास के साथ सार्वजनिक मंच पर अपनी मौजूदगी कैसे दर्ज करा सकती है? और सबसे बड़ा सवाल—कोई उसकी पृष्ठभूमि की जांच क्यों नहीं कर रहा? राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल इस मामले ने कई लोगों के मन में यह सवाल उठाया है कि क्या यह महिला केवल एक अवैध प्रवासी है, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है? भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का उदाहरण देते हुए कुछ लोग यह तर्क दे रहे हैं कि खुफिया एजेंट अक्सर इसी तरह की रणनीति अपनाते हैं। डोभाल ने अपने करियर के दौरान सात साल तक पाकिस्तान के लाहौर में एक मुस्लिम व्यक्ति की पहचान में रहकर खुफिया जानकारी एकत्र की थी। क्या यह संभव है कि यह महिला भी किसी तरह की गुप्त गतिविधियों में शामिल हो? हालांकि, अभी तक इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि यह महिला किसी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रही है। लेकिन उसकी गतिविधियां और बिना किसी कानूनी दस्तावेज के भारत में इतने लंबे समय तक रहने की क्षमता निश्चित रूप से चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध प्रवासियों का इस तरह खुलेआम रहना और सोशल मीडिया के जरिए प्रभाव डालना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। प्रशासन की चुप्पी इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह महिला न केवल खुलेआम भारत में रह रही है, बल्कि वह सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी के जरिए लाखों लोगों तक पहुंच रही है। यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है, या फिर जानबूझकर इस मामले को नजरअंदाज किया जा रहा है? कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला की भारतीय संस्कृति में घुलने-मिलने की क्षमता और उसकी धार्मिक गतिविधियों ने उसे एक तरह की सामाजिक स्वीकार्यता दे दी है। लेकिन यह स्वीकार्यता देश के कानून और सुरक्षा के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है, इस पर विचार करना जरूरी है। सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव यह मामला केवल राष्ट्रीय सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी कई सवाल खड़े करता है। एक ओर, यह महिला भारतीय संस्कृति को अपनाकर स्थानीय लोगों के बीच अपनी जगह बना रही है। दूसरी ओर, उसकी अवैध स्थिति और सोशल मीडिया के जरिए प्रभाव डालने की क्षमता यह सवाल उठाती है कि क्या वह वास्तव में वही है जो वह दिखाने की कोशिश कर रही है? सोशल मीडिया के इस दौर में, जहां कोई भी व्यक्ति रातोंरात प्रसिद्धि हासिल कर सकता है, ऐसे मामले समाज में भ्रम और अविश्वास पैदा कर सकते हैं। यह महिला भले ही भारतीय संस्कृति की तारीफ करती हो, लेकिन उसकी पृष्ठभूमि और इरादों के बारे में अनिश्चितता कई लोगों को असहज कर रही है। आगे की राह यह मामला भारत की आव्रजन नीतियों, सीमा सुरक्षा और सोशल मीडिया के उपयोग पर गंभीर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए। साथ ही, सोशल मीडिया पर प्रभावशाली व्यक्तियों की पृष्ठभूमि की जांच के लिए भी एक तंत्र विकसित करने की जरूरत है। यह कहानी केवल एक महिला की नहीं, बल्कि उन खामियों की है जो हमारे सिस्टम में मौजूद हैं। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारी सीमाएं कितनी सुरक्षित हैं, और हमारा समाज कितना सतर्क है। जब तक इस मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती, यह कहानी रहस्य और सवालों से भरी रहेगी।

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 एक छोटे से गांव की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया की चकाचौंध तक, एक ऐसी कहानी सामने आई है जो भारत की सीमाओं, सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने पर कई सवाल खड़े करती है। यह कहानी है एक पाकिस्तानी महिला की, जो अपने चार बच्चों के साथ बिना किसी वैध कागजात या वीजा के अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुकी है। यह महिला न केवल भारत में रह रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर अपनी मजबूत उपस्थिति के जरिए लाखों लोगों तक पहुंच रही है और इससे आर्थिक लाभ भी कमा रही है। इस मामले ने न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवालों को भी जन्म दिया है। एक रहस्यमयी प्रवेश यह महिला, जिसका नाम अभी तक आधिकारिक रूप से उजागर नहीं हुआ है, कथित तौर पर कुछ साल पहले पाकिस्तान से भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर गई थी। सूत्रों के अनुसार, वह अपने चार बच्चों के साथ सीमा पार करके भारत पहुंची। आमतौर पर, सीमा पार करने वाले अवैध प्रवासियों को पकड़ लिया जाता है या उनके पास कोई न कोई पहचान पत्र होता है, लेकिन इस मामले में महिला के पास न तो कोई वैध वीजा था और न ही कोई अन्य दस्तावेज। फिर भी, वह न केवल भारत में रह रही है, बल्क...

भारत-पाकिस्तान के संघर्ष: इंदिरा गांधी की कूटनीति और आज के नेताओं का फर्क

  भारत-पाकिस्तान के संघर्ष: इंदिरा गांधी की कूटनीति और आज के नेताओं का फर्क जब 1971 में बांग्लादेश पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष कर रहा था, और पाकिस्तान भारत को धमकियाँ दे रहा था, तब भारतीय संसद में एक दिलचस्प स्थिति उत्पन्न हुई थी। उस समय कांग्रेस और विपक्ष दोनों के सांसदों ने इंदिरा गांधी पर दबाव डाला कि भारत कुछ ठोस कदम उठाए। इन दबावों के बावजूद, इंदिरा गांधी ने संसद में ऐतिहासिक बयान दिया था: "इस तरह के गंभीर समय में, सरकार जितना कम बोले, उतना ही बेहतर होगा।" यह बयान इंदिरा गांधी की गहरी कूटनीतिक समझ और संकट की घड़ी में संयम रखने की नीति का प्रतीक था। कूटनीति की गहरी समझ इंदिरा गांधी के इस बयान को एक कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा जाता है। हालांकि, उनकी सरकार सार्वजनिक तौर पर चुप थी, मगर अंदर ही अंदर वे रूस से लेकर अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ अपने दूतों और कूटनीतिज्ञों के माध्यम से गहरे संपर्क में थीं। इसके अलावा, भारतीय खुफिया एजेंसी, रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग), भी पाकिस्तान के खिलाफ सीक्रेट ऑपरेशंस में लगी हुई थी। जब दुनिया भर में भारत की चुप्पी को लेकर ...

परिणीति चोपड़ा का ओटीटी डेब्यू, थ्रिलर सीरीज की शूटिंग पूरी

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  परिणीति चोपड़ा का ओटीटी डेब्यू, थ्रिलर सीरीज की शूटिंग पूरी बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपनी शुरुआत करने जा रही हैं। वह एक थ्रिलर सीरीज में नजर आएंगी, हालांकि इस सीरीज का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। परिणीति ने पहले ही बताया था कि वह नेटफ्लिक्स के एक वेब सीरीज के जरिए ओटीटी डेब्यू करने जा रही हैं। यह सीरीज का काम पहले ही शुरू हो चुका था और अब खबर आ रही है कि परिणीति की अनटाइटल्ड थ्रिलर सीरीज की शूटिंग पूरी हो चुकी है। सीरीज के निर्माता सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें सीरीज के स्टारकास्ट नजर आ रहे हैं। सिद्धार्थ ने पोस्ट में बताया कि 48 दिनों तक चली इस शूटिंग का समापन हो चुका है और अब वे एक विशेष सीरीज के साथ घर वापस लौट रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा, "हम अपने साथ सुखद यादें लेकर जा रहे हैं क्योंकि हम एक परिवार के रूप में 48 दिनों की शूटिंग से वापस आ रहे हैं। अब एक ऐसी सीरीज के लिए जिस पर हम सभी को गर्व है, जो जल्द ही नेटफ्लिक्स पर आ रही है। सभी कलाकारों और क्रू द्वारा बहुत मेहनत की गई है और जब य...

हरियाणा की नई पीढ़ी: युवा नेता और उनके सपने ? हरियाणा में बदलाव की बयार ?

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  हरियाणा की नई पीढ़ी: युवा नेता और उनके सपने हरियाणा की राजनीति में आज एक नया सूरज उग रहा है। वह दौर अब पीछे छूट रहा है जब राजनीति केवल कुछ खास घरानों और जमी-जमाई हस्तियों के इर्द-गिर्द घूमती थी। आज राज्य की धरती पर नई पीढ़ी के युवा नेता उभर रहे हैं, जो न केवल जोश और जज्बा रखते हैं, बल्कि दूरदर्शिता और नवाचार से भी भरपूर हैं। इस बदलाव के पीछे हरियाणा की बदलती सामाजिक संरचना, युवाओं की बढ़ती भागीदारी और राजनीतिक सुधारों का बड़ा हाथ है। पिछली पीढ़ी के नेताओं ने हरियाणा को एक मजबूत आधार दिया, लेकिन अब समय आ गया है कि इस विरासत को नए विचारों और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाया जाए। नेतृत्व का नया युग हरियाणा ने भजनलाल, देवीलाल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे दिग्गज नेताओं का दौर देखा है, जिन्होंने राज्य की राजनीति में गहरी छाप छोड़ी। उनके नेतृत्व ने हरियाणा को कृषि, खेल और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। मगर अब जनसंख्या के भीतर युवाओं का अनुपात बढ़ने लगा है, तकनीकी युग ने सोचने के तरीके को बदला है और समाज की अपेक्षाएँ भी नई दिशा में बढ़ रही हैं। इसलिए हरियाणा की राजनीति में ...

अजय देवगन की 'रेड 2' में तमन्ना भाटिया का जलवा, आइटम सॉन्ग 'नशा' के लिए ली 1 करोड़ की फीस!

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अजय देवगन की 'रेड 2' में तमन्ना भाटिया का जलवा, आइटम सॉन्ग 'नशा' के लिए ली 1 करोड़ की फीस! बॉलीवुड सुपरस्टार अजय देवगन की आगामी फिल्म 'रेड 2' को लेकर फैंस के बीच जबरदस्त उत्साह है। 1 मई को रिलीज़ होने वाली इस बहुप्रतीक्षित फिल्म का ट्रेलर हाल ही में लॉन्च किया गया था, जिसे दर्शकों से बेहतरीन रिस्पॉन्स मिला। ट्रेलर के बाद फिल्म के कई गाने भी रिलीज़ हो चुके हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा चर्चा बटोर रहा है फिल्म का आइटम सॉन्ग 'नशा' । तमन्ना भाटिया का ग्लैमरस अवतार गाने 'नशा' में बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने अपने ग्लैमरस लुक और शानदार डांस मूव्स से तहलका मचा दिया है। तमन्ना का यह अवतार फैंस को बेहद पसंद आ रहा है और सोशल मीडिया पर गाने के वीडियो को लाखों व्यूज मिल चुके हैं। उनके एक्सप्रेशंस, अदाएं और एनर्जी ने गाने को एक अलग ही लेवल पर पहुंचा दिया है। तमन्ना ने ली मोटी फीस गाने की लोकप्रियता के साथ एक और बात ने सुर्खियां बटोरी हैं—तमन्ना भाटिया की इस गाने के लिए ली गई फीस। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमन्ना ने 'नशा' गाने के लिए करीब 1 करोड़ रुपय...

क्या वाकई सौरव गांगुली की दो शादियां हुई थीं?

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  सौरव गांगुली और डोना गांगुली की अनकही प्रेम कहानी: अफवाहों और सच्चाई के बीच भारतीय क्रिकेट में 'दादा' के नाम से मशहूर सौरव गांगुली की ज़िंदगी जितनी मैदान पर रोमांचक रही, उतनी ही दिलचस्प उनकी प्रेम कहानी भी है। बचपन की दोस्ती से शुरू हुई यह यात्रा गुप्त शादी, पारिवारिक विरोध और अंततः भव्य विवाह समारोह तक पहुँची। वहीं नगमा के साथ उनके कथित अफेयर ने इस कहानी में एक विवादास्पद मोड़ भी जोड़ा। बचपन की दोस्ती से प्यार तक कोलकाता के बेहाला इलाके में पड़ोसी रहे सौरव और डोना रॉय एक-दूसरे को बचपन से जानते थे। उनके बीच की दीवारें भले ही सटी थीं, लेकिन परिवारों के बीच कारोबारी दुश्मनी दीवार बन चुकी थी। स्कूल के दिनों में शुरू हुई मासूम दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। एक दिलचस्प किस्सा यह भी है कि बैडमिंटन का शटलकॉक डोना के घर में चला गया, और वही बहाना दोनों के संवाद की शुरुआत बना। परिवार की नाराजगी और गुप्त शादी जब सौरव और डोना ने अपने रिश्ते को परिवार के सामने रखा, तो उन्हें सख्त विरोध का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके, सौरव ने हिम्मत दिखाई। 1996 में इंग्लैंड दौरे से लौटने के बाद, ...

जूही चावला की बेटी जान्हवी मेहता: लाइमलाइट से दूर लेकिन कमाल की उपलब्धियां ?

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  जूही चावला की बेटी जान्हवी मेहता: लाइमलाइट से दूर लेकिन कमाल की उपलब्धियां ? KKR (कोलकाता नाइट राइडर्स) की सह-मालकिन और बॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्री जूही चावला की बेटी जान्हवी मेहता अक्सर सुर्खियों से दूर रहती हैं, लेकिन हाल ही में उनकी तस्वीरें सामने आने के बाद हर किसी के मन में एक ही सवाल है—आखिर जान्हवी मेहता क्या कर रही हैं? जान्हवी मेहता का जन्म 21 फरवरी 2001 को जूही चावला और बिजनेसमैन जय मेहता के घर हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल, मुंबई से ली। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के प्रतिष्ठित चार्टरहाउस स्कूल और फिर न्यूयॉर्क के मशहूर कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। पढ़ाई में बेहतरीन रिकॉर्ड रखने वाली जान्हवी शुरू से ही लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करती हैं। हाल ही में जूही चावला ने अपनी बेटी जान्हवी की एक बेहद प्यारी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की। इन तस्वीरों में जान्हवी हूबहू अपनी मां जूही चावला जैसी नजर आ रही हैं, जिससे फैंस के बीच उनकी चर्चा और बढ़ गई। जान्हवी सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि क्रिकेट में भी गहरी रुचि रखती है...

जब हर बड़े आतंकी हमले के वक्त सत्ता में थी भाजपा: एक गंभीर सवाल ?

  जब हर बड़े आतंकी हमले के वक्त सत्ता में थी भाजपा: एक गंभीर सवाल 26 अप्रैल 2025, नई दिल्ली – देश के इतिहास में कई ऐसे आतंकी हमले हुए हैं जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, जनता के मनोबल और राजनीतिक विमर्श को गहरे प्रभावित किया। दिलचस्प और चिंताजनक तथ्य यह है कि इनमें से अधिकतर बड़े आतंकी हमलों के समय देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में थी। भारतीय राजनीति के इतिहास में कुछ घटनाएं ऐसी हैं जो देश की आत्मा को झकझोर कर रख देती हैं। आतंकवादी हमले, सामूहिक त्रासदियां और निर्दोषों की मौतें... हर बार सवाल उठते हैं: किसकी लापरवाही थी? किसका फायदा हुआ? और क्या ये महज संयोग हैं या किसी बड़ी रणनीति का हिस्सा? एक पैटर्न जो बार-बार सामने आता है, वह यह है कि जब-जब देश ने बड़े आतंकी हमले झेले हैं, तब-तब भाजपा केंद्र में सत्ता में रही है। और ज्यादातर हमले चुनावी मौसम में या उसके ठीक पहले हुए हैं, जब जनता का ध्यान आर्थिक, सामाजिक मुद्दों से हटाकर 'राष्ट्रवाद' और 'सुरक्षा' जैसे भावनात्मक मुद्दों की ओर मोड़ा जा सकता है। सवाल यह उठता है कि क्या इन घटनाओं के पीछे सिर्फ दुश्मनों की साज...

दीये की रोशनी में गढ़े सपने: यूपी बोर्ड 12वीं टॉपर महक जायसवाल की संघर्ष और उम्मीदों की कहानी

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  दीये की रोशनी में गढ़े सपने: यूपी बोर्ड 12वीं टॉपर महक जायसवाल की संघर्ष और उम्मीदों की कहानी 26 अप्रैल 2025, लखनऊ – जब सपनों को उड़ान देनी होती है, तो न गरीबी दीवार बनती है, न अंधेरा रास्ता रोकता है। यूपी बोर्ड 12वीं परीक्षा की टॉपर महक जायसवाल ने अपने अदम्य हौसले और कठिन परिश्रम से यह साबित कर दिया है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादे मजबूत हों तो सफलता जरूर मिलती है। महक एक बेहद साधारण और कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आती हैं। उनके घर में न तो स्थायी बिजली कनेक्शन है और न ही पढ़ाई के लिए कोई विशेष सुविधा। फिर भी महक ने हार नहीं मानी। वह दीये की टिमटिमाती रोशनी में पढ़ाई करती रहीं, रात के सन्नाटे में किताबों से सपनों का संसार गढ़ती रहीं। परिणामस्वरूप, आज वह पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं और लाखों विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं। संघर्षों भरी राह पर चमकता सितारा महक का परिवार सीमित संसाधनों के बावजूद उनकी पढ़ाई को लेकर पूरी तरह समर्पित रहा। माता-पिता ने खुद अभावों को सहा, लेकिन बिटिया की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। मिट्टी के घर में, दीये की हल्की लौ के सहार...

पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाइयों से तिलमिलाया पाकिस्तान, एलओसी पर फिर सीजफायर उल्लंघन

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  पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाइयों से तिलमिलाया पाकिस्तान, एलओसी पर फिर सीजफायर उल्लंघन 26 अप्रैल 2025, श्रीनगर – पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों से पाकिस्तान की बौखलाहट साफ नजर आने लगी है। जहां एक ओर भारत ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने अपनी बौखलाहट में नियंत्रण रेखा (LOC) पर सीजफायर उल्लंघन कर माहौल को तनावपूर्ण बनाने की कोशिश की है। भारतीय सेना ने इसका माकूल जवाब दिया है। भारतीय सेना के आधिकारिक बयान के मुताबिक, 25-26 अप्रैल 2025 की रात को कश्मीर के कई सेक्टरों में LOC के उस पार पाकिस्तानी चौकियों से हल्की गोलीबारी की गई। यह फायरिंग बिना किसी उकसावे के की गई थी। भारतीय जवानों ने संयम बरतते हुए छोटे हथियारों से मुंहतोड़ जवाब दिया। सौभाग्य से इस झड़प में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। भारत की सख्त कार्रवाइयों से पाकिस्तान की परेशानी बढ़ी पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान जाने के बाद भारत सरकार ने आतंकी संगठनों के खिलाफ व्यापक अभियान ...

ये लोग नहीं ले सकते आयुष्मान भारत योजना का लाभ, कहीं आप भी तो नहीं लिस्ट में शामिल?

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  आयुष्मान भारत योजना: लाभ, पात्रता और अपात्रता की पूरी जानकारी देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब और वंचित वर्ग का सामाजिक व आर्थिक विकास करना है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है आयुष्मान भारत योजना , जिसे केंद्र सरकार ने साल 2018 में शुरू किया था। इस योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये (दिल्ली में 10 लाख रुपये) तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इस बीमा कवर के जरिए लाभार्थी देशभर के सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकते हैं। हालांकि, यह योजना सभी के लिए उपलब्ध नहीं है। कुछ विशेष श्रेणियों के लोग इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। इस लेख में हम आयुष्मान भारत योजना के लाभ, पात्रता, और उन लोगों के बारे में विस्तार से जानेंगे जो इस योजना के लिए अपात्र हैं। आयुष्मान भारत योजना क्या है? आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य बीमा य...