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PM Modi Reportedly Avoided Trump's Calls Amid Trade Tensions, Says Indian Diplomat

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  PM Modi Reportedly Avoided Trump's Calls Amid Trade Tensions, Says Indian Diplomat A senior Indian diplomat has clarified that Prime Minister Narendra Modi refrains from discussing sensitive or detailed matters over the phone — a statement that comes in response to international media reports claiming that Modi declined several calls from former U.S. President Donald Trump. According to a report by The Times of India , the diplomat explained that Modi generally avoids high-stakes negotiations via telephone. The clarification follows a report by German newspaper Frankfurter Allgemeine Zeitung , which alleged that Modi ignored as many as four calls from Trump during an escalating trade dispute. Japanese outlet Nikkei Asia also published a similar account, suggesting that Trump grew increasingly frustrated with the lack of response from New Delhi. U.S. officials have neither confirmed nor denied the claims about the attempted calls. However, the Indian diplomat’s remarks appear ...
2014 के बाद मोदी-शाह की बीजेपी ने नारा दिया – Mission South! कहा गया— उत्तर और पश्चिम भारत की तरह अब दक्षिण भी भगवा रंग में रंग जाएगा! लेकिन… क्या हुआ? तेलंगाना में बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई, आंध्र प्रदेश में उसका कोई नामलेवा नहीं, तमिलनाडु में बीजेपी का वोट बढ़ा ज़रूर—but सीट? शून्य! तो सवाल सीधा है— क्या बीजेपी का Mission South फेल हो रहा है? क्या दक्षिण भारत आज भी भाजपा से दूरी बनाए बैठा है? और क्या यहां की क्षेत्रीय पहचान बीजेपी के राष्ट्रीय नैरेटिव पर भारी पड़ रही है?” INTRO क्या बीजेपी का Mission South सच में फेल हो रहा है? तेलंगाना, आंध्र, तमिलनाडु… इन राज्यों का ग्राउंड मूड क्या कह रहा है? 2025 में जब बीजेपी पूरे देश में अपनी पकड़ और मज़बूत करने की कोशिश कर रही है—तब दक्षिण भारत अब भी भाजपा से दूरी क्यों बनाए हुए है? आज इसी पर करेंगे बड़ा विश्लेषण। “दोस्तों, बीजेपी ने 2014 और 2019 की जीत के बाद Mission South का ऐलान किया। कहा गया— दक्षिण भारत को जीते बिना बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीति अधूरी है। लेकिन हकीकत ये है कि कर्नाटक को छोड़कर बीजेपी अब तक किसी ...

राघव और परिणीति की जोड़ी: जहां बॉलीवुड और संसद का संगम हुआ !

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 📸💥 बॉलीवुड और राजनीति की मुलाक़ात! सितंबर 2023 में राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा ने शादी करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। अब इस चर्चित जोड़ी ने सोशल मीडिया पर यह खुशखबरी दी है कि वे जल्द ही माता-पिता बनने वाले हैं! 👶💑 जहाँ एक ओर उनकी यह निजी ख़ुशी चर्चा का विषय है, वहीं राघव चड्ढा की राजनीति में तेज़ी से बढ़ती पहचान भी प्रेरणा देने वाली है। जानिए कैसे दिल्ली का एक छात्र बना भारत का सबसे युवा राज्यसभा सांसद। 🇮🇳✨ #RaghavChadha #ParineetiChopra #BollywoodMeetsPolitics #BreakingNews #PoliticalJourney #Inspiration #AAP #BabyNews 📰 हिंदी लेख: "राजनीति और बॉलीवुड का संगम: राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की नई शुरुआत" सितंबर 2023 में राजनीति और बॉलीवुड की दुनिया तब एक साथ आई जब आम आदमी पार्टी के युवा नेता राघव चड्ढा और मशहूर अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने विवाह किया। अब यह जोड़ा एक बार फिर सुर्खियों में है — क्योंकि उन्होंने हाल ही में घोषणा की है कि वे अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन इस रोमांचक खबर के परे, राघव चड्ढा की राजनीतिक यात्रा भी एक प्रेरणादायक कहानी है...

निक्की भाटी केस में नया खुलासा! अस्पताल के मेमो में मौत की वजह बताई कुछ और लेकिन पुलिस को नहीं मिला सबूत अस्पताल के मेमो में लिखा हुआ है 'घर में गैस सिलेंडर फटने से मरीज बुरी तरह से जल गया.' लेकिन जब पुलिस मामले की जांच के लिए निक्की के घर पहुंची तो वहां इस तरह का काेई सबूत नही मिला

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  निक्की भाटी केस में नया खुलासा: अस्पताल के मेमो में लिखा ‘गैस सिलेंडर ब्लास्ट’, लेकिन मौके पर नहीं मिला कोई सबूत नोएडा: निक्की भाटी केस में अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। अस्पताल द्वारा पुलिस को सौंपे गए मेमो में यह दर्ज है कि निक्की को "घर में गैस सिलेंडर फटने से गंभीर जलन" हुई थी। लेकिन जब पुलिस ने घटनास्थल यानी निक्की के घर की जांच की, तो वहां ऐसे किसी भी विस्फोट के कोई निशान या सबूत नहीं मिले। 🔍 अस्पताल मेमो में किसने दी जानकारी? अस्पताल से मिले इस मेमो में 'देवेंद्र' नामक एक व्यक्ति के हस्ताक्षर हैं, जिसने संभवतः अस्पताल को यह जानकारी दी थी कि गैस सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था। अब पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि: देवेंद्र कौन है? क्या वह निक्की का जानकार है? क्या उसने जानबूझकर गलत जानकारी दी? या वह खुद भी भ्रमित था? 🧾 डॉक्टर्स के बयान होंगे दर्ज पुलिस अब अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ के बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि: मरीज को अस्पताल में किस हालात में लाया गया? क्या अस्पताल ने ब्लास्ट की बात ख...

“10 लाख की कार… पर 13 लाख टैक्स! आम आदमी खरीदे या सरकार का खज़ाना भरे?

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  “ सोचिए… 10 लाख की कार! कागज़ पर कीमत सीधी-सादी लगती है — 10 लाख। लेकिन हक़ीक़त? गाड़ी नहीं, सरकार आपको टैक्स का पहाड़ बेच रही है। “कार खरीदना चाहते हैं? सपना है… गाड़ी अपनी हो, घर के सामने खड़ी हो, परिवार उसमें घूमे… लेकिन हकीकत… सपना नहीं, टैक्स का बुरे सपने जैसा सच है। 10 लाख की कार। सीधा हिसाब। लेकिन क्या वाक़ई? सवाल ये है कि 10 लाख की गाड़ी आपको मिलती है 10 लाख में? जवाब है — नहीं! पहला झटका — 28% GST। यानी 2 लाख 80 हज़ार सीधा सरकार की झोली में। दूसरा झटका — 1% Cess। तीसरा झटका — 16% Road Tax। अब कार का दाम 10 लाख नहीं रहा… सीधा बढ़कर हो गया 15 लाख रुपये। लेकिन ठहरिए, खेल यहीं खत्म नहीं होता! इस 15 लाख की कार को खरीदने के लिए आपकी कमाई कितनी होनी चाहिए? लगभग 23 लाख। क्यों? क्योंकि 8 लाख रुपये आपकी जेब से पहले ही आयकर (Income Tax) बनकर निकल चुके होंगे। यानि… 👉 कार की असली कीमत 10 लाख। 👉 टैक्स और टैक्स पर टैक्स जोड़कर कीमत 15 लाख। 👉 और इस 15 लाख की कार खरीदने के लिए आपको 23 लाख कमाने होंगे। अब आप बताइए — क्या आप कार खरीद रहे हैं? या आप सरकार को ट...

"जनता से काग़ज़ चाहिए… लेकिन PM की डिग्री ‘निजी’ क्यों?"

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देश के नागरिकों से काग़ज़ दिखाने की जिद… NRC के नाम पर काग़ज़, वोटर लिस्ट में नाम के लिए काग़ज़, राशन कार्ड और आधार के लिए काग़ज़। लेकिन जब बात प्रधानमंत्री की डिग्री की आती है — तो वही काग़ज़ 'निजी' हो जाते हैं। सवाल ये है कि जो सत्ता जनता से काग़ज़ मांग रही है… वही सत्ता अपने काग़ज़ क्यों नहीं दिखा रही? दिल्ली यूनिवर्सिटी कहती है — BA की डिग्री ‘निजी जानकारी’ है। गुजरात यूनिवर्सिटी कहती है — MA की डिग्री ‘गोपनीय’ है। तो क्या प्रधानमंत्री की डिग्री अब राजकीय रहस्य बन गई है? जनता के काग़ज़ पर तो सवाल, कटघरे, नोटिस और धमकी… लेकिन प्रधानमंत्री के काग़ज़ पर चुप्पी, गोपनीयता और अदालत का सहारा? सवाल ये नहीं है कि डिग्री है या नहीं है… सवाल ये है कि अगर सब कुछ साफ़ है, तो फिर छुपाया क्यों जा रहा है? आज की बहस — जनता के काग़ज़ बनाम प्रधानमंत्री के काग़ज़। लोकतंत्र में पारदर्शिता का हक़ किसका है?  और सबसे बड़ा सवाल — क्या कानून सिर्फ जनता पर लागू होता है, सत्ता पर नहीं? " आज बात उस मुद्दे की जो एक बार फिर देश में चर्चा के केंद्र में है। काग़ज़… जी हाँ, यही काग़ज़ जिसके लिए...

सोने की कीमतों ने फिर छुआ ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का स्तर – क्या खरीदने का यह सही समय है?

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  सोने की कीमतों ने फिर छुआ ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का स्तर – क्या खरीदने का यह सही समय है? सोमवार को एमसीएक्स (MCX) पर अक्टूबर वायदा सोने की कीमतें फिर से ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गईं। सुबह के सत्र में सोना ₹1,00,411 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद से ₹27 या 0.03% अधिक था। वहीं, चांदी की सितंबर वायदा कीमतें भी मजबूत बनी रहीं। यह ₹1,16,383 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी, जो ₹147 या 0.13% की तेजी दर्शाती है। अमेरिकी फेड चेयरमैन के संकेत के बाद सोने-चांदी में उछाल शुक्रवार को जैक्सन होल सिंपोजियम में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आर्थिक जोखिमों की बात करते हुए ब्याज दरों में संभावित कटौती के संकेत दिए। इसके बाद सोने और चांदी की कीमतों में तेज़ी देखी गई। अक्टूबर वायदा सोना शुक्रवार को ₹1,00,384 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो 0.95% की बढ़त थी। वहीं, चांदी की कीमतें ₹1,16,236 प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं, जो 2.23% की बढ़त दिखाती हैं। डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में गिरावट से भी समर्थन इस तेजी को और बल मिला डॉलर...