भारतीय शेयर बाजार में Bloodbath: 5 महीनों की लगातार गिरावट, निवेशकों का भरोसा डगमगाया ?
भारतीय शेयर बाजार में Bloodbath: 5 महीनों की लगातार गिरावट, निवेशकों का भरोसा डगमगाया
नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में बीते पांच महीनों से जारी गिरावट ने निवेशकों के होश उड़ा दिए हैं। 1996 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय स्टॉक मार्केट लगातार इतनी बड़ी गिरावट का सामना कर रहा है। इस भारी गिरावट से छोटे और मध्यम वर्गीय निवेशकों को गहरा झटका लगा है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस संकट पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
95 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, छोटे निवेशक तबाह
भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट ने निवेशकों की पूंजी को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया है। बीते पांच महीनों में निवेशकों की संपत्ति में कुल 95 लाख करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर छोटे निवेशकों और मध्यम वर्ग पर पड़ा है, जिनकी गाढ़ी कमाई अब तेजी से घटती जा रही है।
बड़े स्टॉक हुए धराशायी, SBI समेत कई शेयर 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर
भारतीय स्टॉक मार्केट में न केवल छोटे निवेशक बल्कि बड़े कॉर्पोरेट समूह भी इस गिरावट की चपेट में आ गए हैं। कई ब्लू-चिप कंपनियों के शेयर अपने 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। देश के सबसे बड़े बैंक SBI का शेयर भी एक साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। अन्य प्रमुख कंपनियों के स्टॉक्स में भी भारी गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
विदेशी निवेशकों का मोह भंग
भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। लेकिन अब उनकी भारत से दूरी बढ़ती जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने सितंबर 2024 से अब तक 1.67 लाख करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल लिए हैं।
फरवरी में निकासी का रिकॉर्ड:
सिर्फ फरवरी 2025 में ही विदेशी निवेशकों ने 47,333 करोड़ रुपये बाजार से निकाल लिए, जो यह दर्शाता है कि भारत में निवेश को लेकर उनकी चिंता लगातार बढ़ रही है।
अमेरिका और चीन की ओर निवेशकों का झुकाव
विदेशी निवेशक अब भारत के बजाय अमेरिका और चीन की ओर रुख कर रहे हैं। अमेरिका की मजबूत अर्थव्यवस्था और निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न की संभावनाओं के चलते वहां का शेयर बाजार अधिक आकर्षक लग रहा है।
चीन बना निवेशकों का नया गंतव्य:
चीन के स्टॉक मार्केट ने पिछले छह महीनों में 17% की वृद्धि दर्ज की है, जबकि भारतीय बाजार में इसी अवधि में 12% की गिरावट आई है। इससे निवेशक अब चीन की ओर भी तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
भारतीय शेयर बाजार की गिरावट के मुख्य कारण
1. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को "reciprocal tariff" लगाने की धमकी दी है, जिससे वैश्विक निवेशकों में भय का माहौल है।
2. आर्थिक मंदी और गिरता उपभोग
भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोग में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे कंपनियों की कमाई प्रभावित हो रही है। कॉर्पोरेट अर्निंग्स घटने के कारण स्टॉक्स पर भी नकारात्मक असर पड़ा है।
3. गिरता हुआ रुपया
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है, जिससे निवेशकों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
अडानी ग्रुप ने बढ़ाया बाजार में डर
भारतीय शेयर बाजार में अडानी ग्रुप से जुड़ा महाघोटाला भी निवेशकों के विश्वास को कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस घोटाले के बावजूद मोदी सरकार की ओर से छोटे निवेशकों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे बाजार में भय का माहौल बना हुआ है।
SIP निवेश में भारी गिरावट:
घरेलू निवेशकों की चिंता का स्तर इस बात से समझा जा सकता है कि दिसंबर और जनवरी में करीब 1 करोड़ लोगों ने अपनी SIP योजनाएं बंद कर दीं।
सरकार की चुप्पी और निवेशकों की निराशा
भारतीय बाजार में इतनी भारी गिरावट के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या वित्त मंत्रालय की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। छोटे निवेशकों के बचाव के लिए अब तक कोई नीति सामने नहीं आई है, जिससे निवेशकों में गहरी निराशा देखी जा रही है।
भारतीय शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति निवेशकों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। विदेशी निवेशकों की निकासी, आर्थिक मंदी, कमजोर रुपया और सरकार की निष्क्रियता ने बाजार को संकट में डाल दिया है। यदि सरकार ने जल्द ठोस नीतियां नहीं अपनाईं, तो आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
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