आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड: लोन घोटाले का बड़ा खुलासा!

 

आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड: लोन घोटाले का बड़ा खुलासा!

आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड, जो 2007 में गरीब और कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से बनाई गई थी, अब एक बड़े घोटाले के आरोपों में घिरी हुई है। यह कंपनी मणप्पुरम फ़ाइनेंस लिमिटेड की सहायक कंपनी है, लेकिन हाल ही में इस पर धोखाधड़ी और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं।

लोन ब्याज पर खेल: गरीबों के साथ धोखा?

2019 के आसपास जिन लोगों ने इस कंपनी से लोन लिया था, उन्हें अब अन्यायपूर्ण तरीकों से अवैध वसूली का सामना करना पड़ रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में कलेक्शन एजेंट्स उन ग्राहकों से 200 से 500 रुपये तक की जबरन मांग कर रहे हैं, जबकि उनके लोन की पूरी रकम वर्षों पहले ही चुका दी गई थी।

  • कुछ मामलों में लिखित प्रमाण और भुगतान की रसीदें होने के बावजूद, ग्राहकों से दोबारा पैसे मांगे जा रहे हैं।
  • कंपनी का दावा है कि "कागज़ात खो गए हैं", लेकिन ग्राहक अपने पुराने दस्तावेज़ सुरक्षित रखे हुए हैं, जिससे साफ़ है कि यह केवल एक धोखाधड़ी है।
  • ग्रामीण इलाकों में भेजे गए एजेंट्स, मजबूर परिवारों पर दबाव बनाकर पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं।

5 साल बाद अचानक पुराने लोन की वसूली – क्या यह घोटाला है?

इस मामले में कई सवाल खड़े होते हैं:
✔️ कंपनी को इतने सालों बाद पुरानी लोन फाइलें क्यों याद आ रही हैं?
✔️ क्या यह किसी बड़े घोटाले की कड़ी है, जिसमें हजारों करोड़ रुपये का गबन हुआ है?
✔️ क्या अन्य माइक्रोफ़ाइनेंस कंपनियाँ भी इसी तरह की धोखाधड़ी कर रही हैं?

RBI और प्रशासन तक पहुँची शिकायत!

अब इस मामले में ग्राहकों ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत दर्ज करवा दी है। यदि यह मामला सही साबित होता है, तो यह देश में सबसे बड़ा माइक्रोफ़ाइनेंस घोटाला साबित हो सकता है।

क्या होगा अगला कदम?

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले की गहराई से जाँच करता है या नहीं। अगर सही ढंग से छानबीन हुई, तो हजारों करोड़ रुपये के इस घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।

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आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड: लोन के नाम पर धोखाधड़ी का बड़ा खेल!

आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड, जो कि एक माइक्रोफ़ाइनेंस कंपनी है, गरीब और कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को लोन देने का दावा करती है। इसकी स्थापना 2007 में हुई थी और यह मणप्पुरम फ़ाइनेंस लिमिटेड की सहायक कंपनी है। लेकिन हाल ही में इस कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिससे हजारों गरीब परिवारों को आर्थिक शोषण का शिकार बनाया जा रहा है।

ब्याज के खेल में गरीबों के साथ धोखा

सूत्रों के अनुसार, 2019 के आसपास जिन लोगों ने इस कंपनी से लोन लिया था, उनसे अब अनैतिक तरीके से अतिरिक्त पैसों की मांग की जा रही है। किसी से 200 रुपये तो किसी से 500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि लोन की पूरी राशि पहले ही चुका दी गई थी।

यहां तक कि जिन ग्राहकों को 200 रुपये का बकाया बताया गया, उन्हें वसूली एजेंट के माध्यम से 500 रुपये देने को मजबूर किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में भेजे गए एजेंट दबाव बनाकर और डराकर पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं।

कागज़ खोने की आड़ में लाखों का घोटाला?

आरोप यह भी हैं कि लोन चुकाने के बावजूद, कंपनी अब यह दावा कर रही है कि उनके कागज़ात गुम हो गए हैं और उन्हें दोबारा भुगतान करना होगा। लेकिन जिन ग्राहकों ने अपने भुगतान के दस्तावेज़ सुरक्षित रखे थे, उन्होंने इस धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी है।

RBI और प्रशासन से शिकायत दर्ज

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पीड़ितों ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और प्रशासनिक अधिकारियों के पास आधिकारिक शिकायत दर्ज करवाई है। अब यह मामला तूल पकड़ रहा है और संभावना है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होगी।

हजारों करोड़ रुपये का घोटाला उजागर होने की संभावना

इस घोटाले की परतें खुलने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी हो सकती है। अगर जांच सही तरीके से हुई तो यह भारत के माइक्रोफ़ाइनेंस क्षेत्र में सबसे बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।

आगे क्या होगा?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं। क्या दोषियों को सजा मिलेगी, या गरीबों के साथ ऐसे अन्याय चलते रहेंगे? पीड़ितों को न्याय मिलेगा या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह दब जाएगा?

हम इस खबर पर नज़र बनाए रखेंगे और आगे की जानकारी आपको देते रहेंगे।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) गवर्नर को शिकायत पत्र

प्रति,
गवर्नर महोदय,
भारतीय रिज़र्व बैंक,
मुंबई, भारत

विषय: आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड द्वारा धोखाधड़ी एवं अनुचित वसूली की शिकायत

महोदय,

मैं आपके ध्यान में एक गंभीर समस्या लाना चाहता हूँ जो आशीर्वाद माइक्रोफ़ाइनेंस लिमिटेड के माध्यम से गरीब और कम आय वाले परिवारों के साथ की जा रही है। यह कंपनी, जो कि मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड की सहायक कंपनी है, माइक्रोफाइनेंस लोन देने के नाम पर ब्याज और वसूली में अनियमितता कर रही है।

समस्या:

  1. अनुचित वसूली: जिन व्यक्तियों ने वर्ष 2019 के आसपास लोन लिया था और पूरी राशि चुका चुके हैं, उनसे अब 200 से 500 रुपये तक की अतिरिक्त राशि मांगी जा रही है।
  2. भ्रष्टाचार: कंपनी द्वारा गांवों में भेजे गए कर्मचारियों को 200 रुपये की मांग करने को कहा जाता है, लेकिन वे ग्रामीणों से 500 रुपये तक वसूल रहे हैं।
  3. फर्जी बकाया दिखाना: पाँच साल बाद यह दावा किया जा रहा है कि लोन संबंधी दस्तावेज गुम हो गए हैं और इसलिए उधारकर्ताओं को फिर से भुगतान करना पड़ेगा, जबकि वे पहले ही सभी किस्तें चुका चुके हैं।
  4. ग्राहकों का शोषण: गरीब परिवारों को डराकर और गलत जानकारी देकर उनसे जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं।

हमारी माँग:

  1. इस मामले की तत्काल जाँच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
  2. ग़लत तरीके से वसूली गई राशि वापस की जाए और प्रभावित ग्राहकों को न्याय दिलाया जाए।
  3. माइक्रोफ़ाइनेंस कंपनियों के कामकाज की सख्त निगरानी हो, जिससे इस तरह की धोखाधड़ी दोबारा न हो।

महोदय, हम आशा करते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक इस गंभीर समस्या पर जल्द संज्ञान लेगा और उचित कदम उठाएगा ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों का शोषण न हो।

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