लालू यादव की रणनीति: RJD की वापसी होगी?
लालू यादव की रणनीति: RJD की वापसी होगी? क्या लालू यादव अपने मास्टरस्ट्रोक से RJD को सत्ता में ला पाएंगे? #LaluYadav #RJDvsBJP #बिहारराजनीति
लालू यादव की रणनीति: RJD की वापसी होगी?
क्या लालू यादव अपने मास्टरस्ट्रोक से RJD को सत्ता में ला पाएंगे?
बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का नाम एक ऐसी शख्सियत के रूप में देखा जाता है, जिन्होंने दशकों तक राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक लालू यादव ने अपने करिश्माई नेतृत्व से बिहार की राजनीति में एक नई धारा स्थापित की थी। हालांकि, हाल के वर्षों में पार्टी को कई राजनीतिक झटके लगे हैं और सत्ता में वापसी की चुनौती सामने खड़ी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लालू यादव अपनी रणनीति और मास्टरस्ट्रोक से RJD को फिर से सत्ता में ला पाएंगे?
लालू यादव की राजनीतिक ताकत
लालू प्रसाद यादव की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत उनकी जनसंपर्क क्षमता और समाजवादी राजनीति की जड़ें हैं। उन्होंने पिछड़े वर्गों, दलितों और अल्पसंख्यकों के समर्थन के दम पर बिहार की राजनीति में अपना एक अलग स्थान बनाया। उनके समर्थकों की एक मजबूत फौज है, जो आज भी उनके नेतृत्व पर विश्वास करती है।
बिहार में जातीय समीकरणों की राजनीति हमेशा से अहम रही है और लालू यादव ने इसे बखूबी साधा है। यादव-मुस्लिम समीकरण उनकी पार्टी की राजनीतिक रीढ़ माना जाता है, जिसने लंबे समय तक RJD को सत्ता में बनाए रखा। हालांकि, हाल के चुनावों में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन ने इस समीकरण को कमजोर किया है।
RJD की वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ
राष्ट्रीय जनता दल फिलहाल विपक्ष में है, और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी अपनी पहचान बचाने की कोशिश कर रही है। तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनावों में RJD को सबसे बड़ी पार्टी तो बना दिया, लेकिन सत्ता हासिल करने में विफल रहे।
आज, RJD को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:
लालू यादव की स्वास्थ्य स्थिति – लालू यादव की खराब तबीयत के कारण पार्टी का पूर्ण नेतृत्व तेजस्वी यादव के हाथ में है। हालांकि तेजस्वी ने खुद को एक सक्षम नेता के रूप में स्थापित किया है, लेकिन लालू यादव की करिश्माई उपस्थिति की कमी पार्टी के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
एनडीए का मजबूत गठबंधन – बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन राज्य में मजबूत बना हुआ है, जिससे RJD को सत्ता में वापसी की राह कठिन लग रही है।
नई पार्टियों का उदय – बिहार में नए राजनीतिक दलों का उदय हो रहा है, जो RJD के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता भी अपने-अपने वर्गों को लामबंद करने में लगे हुए हैं।
लालू यादव की रणनीति और मास्टरस्ट्रोक
अगर लालू यादव एक बार फिर से पार्टी को सत्ता में लाना चाहते हैं, तो उन्हें कुछ अहम रणनीतियों पर काम करना होगा:
विपक्षी दलों को एकजुट करना – अगर विपक्षी दलों को एक मंच पर लाया जाए तो RJD को फायदा हो सकता है। कांग्रेस और वाम दलों के साथ मजबूत गठबंधन बनाकर भाजपा और जेडीयू के खिलाफ एक प्रभावी मोर्चा तैयार किया जा सकता है।
युवा और नए मतदाताओं को जोड़ना – RJD को अपनी पुरानी छवि से आगे बढ़कर युवाओं को आकर्षित करने की जरूरत है। तेजस्वी यादव इस दिशा में प्रयासरत हैं, लेकिन इसे और आक्रामक तरीके से करना होगा।
जातीय समीकरण को फिर से मजबूत करना – लालू यादव की सबसे बड़ी ताकत उनकी जातीय राजनीति रही है। उन्हें यादव-मुस्लिम समीकरण को फिर से मजबूती से स्थापित करना होगा और साथ ही अन्य पिछड़ी जातियों को भी साथ लाने की जरूरत है।
ग्रामीण और किसान राजनीति पर ध्यान देना – बिहार की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है। किसानों और गरीब तबके की समस्याओं को प्रमुखता से उठाने से RJD को फायदा मिल सकता है।
सरकार की नाकामियों को उजागर करना – यदि लालू यादव एनडीए सरकार की विफलताओं को सही तरीके से जनता के सामने रखते हैं और उनके खिलाफ मजबूत जनांदोलन खड़ा करते हैं, तो जनता का समर्थन हासिल किया जा सकता है।
क्या 2025 में RJD सत्ता में वापसी करेगी?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में होने हैं और RJD के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। लालू यादव की मौजूदगी से पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश तो जरूर आएगा, लेकिन सत्ता तक पहुंचने के लिए सिर्फ करिश्मा ही काफी नहीं होगा।
अगर RJD सही रणनीति अपनाती है, विपक्ष को संगठित करती है और युवा व नए मतदाताओं को जोड़ने में सफल रहती है, तो सत्ता में वापसी संभव हो सकती है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव की जोड़ी आने वाले समय में बिहार की राजनीति को किस दिशा में ले जाती है।
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