तेजस्वी यादव की रणनीति: क्या इस बार RJD बनाएगी सरकार?

 तेजस्वी यादव की रणनीति: क्या इस बार RJD बनाएगी सरकार?


बिहार की राजनीति में हर चुनाव अपने साथ नए समीकरण और नई रणनीतियाँ लेकर आता है। 2025 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव की रणनीति पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने पार्टी को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित किया था। अब सवाल यह है कि क्या इस बार तेजस्वी यादव अपनी पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में सफल होंगे? क्या वह नीतीश कुमार को हरा सकते हैं?

तेजस्वी यादव की रणनीति

तेजस्वी यादव इस बार एक मजबूत रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी रणनीति मुख्य रूप से कुछ बिंदुओं पर आधारित है:

  1. युवा और बेरोजगारी पर फोकस: तेजस्वी यादव ने पहले भी 10 लाख नौकरियों का वादा किया था, जो काफी लोकप्रिय हुआ था। इस बार भी वे इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं। बिहार में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है, और RJD इसे अपने प्रमुख चुनावी मुद्दों में शामिल कर रही है।

  2. महागठबंधन को मजबूत करना: पिछले कुछ वर्षों में बिहार की राजनीति में कई बदलाव हुए हैं। नीतीश कुमार के फिर से NDA में जाने के बाद विपक्षी दलों के लिए एकजुट होने की जरूरत और बढ़ गई है। तेजस्वी यादव कांग्रेस, वामपंथी दलों और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों को एकसाथ लाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

  3. जातीय समीकरणों का लाभ: बिहार में जातिगत समीकरण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यादव, मुस्लिम और दलित मतदाताओं के बीच RJD की मजबूत पकड़ मानी जाती है। इस बार तेजस्वी यादव अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) और सवर्ण मतदाताओं को भी अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।

  4. नीतीश कुमार की कमजोरी का फायदा उठाना: नीतीश कुमार की हालिया राजनीति ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। महागठबंधन से NDA में लौटने की उनकी रणनीति ने जनता के बीच असमंजस पैदा किया है। RJD इसे एक मुद्दा बनाकर नीतीश कुमार की छवि को कमजोर करने की कोशिश करेगा।

  5. ग्रामीण इलाकों में पकड़ मजबूत करना: बिहार की अधिकांश आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। तेजस्वी यादव गाँवों में जाकर लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं। वे स्थानीय मुद्दों को उठाकर ग्रामीण जनता को आकर्षित करने की योजना बना रहे हैं।

क्या तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को हरा सकते हैं?

यह सवाल इतना आसान नहीं है। नीतीश कुमार भले ही राजनीतिक रूप से कमजोर हुए हों, लेकिन वे अभी भी एक अनुभवी और चतुर नेता हैं। उनकी सरकार ने कई योजनाएँ चलाई हैं, जिनका लाभ उन्हें मिल सकता है। भाजपा के साथ गठबंधन से उन्हें हिंदू वोटों का भी फायदा मिल सकता है।

हालांकि, तेजस्वी यादव के पास एक बड़ा युवा वोट बैंक है, जो बदलाव चाहता है। अगर वे बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को मजबूती से उठाते हैं और महागठबंधन को एकजुट रखते हैं, तो वे नीतीश कुमार को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

तेजस्वी यादव इस बार काफी आक्रामक और सुनियोजित रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। उनकी लोकप्रियता युवाओं और वंचित वर्गों के बीच बढ़ी है, लेकिन उन्हें अपनी रणनीति को और धारदार बनाना होगा। यदि वे जातीय समीकरणों, गठबंधन की मजबूती और चुनावी मुद्दों पर सही तरीके से काम करते हैं, तो इस बार RJD की सरकार बन सकती है। लेकिन बिहार की राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता, और अंतिम फैसला जनता ही करेगी।

Bihar Election, Nitish Kumar, Tejsvi yadav

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