सोने और चांदी की कीमतों में उछाल के पीछे के कारण

 नई दिल्ली: भारत में सोने की कीमत ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है, जहां मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 10 ग्राम सोने की कीमत ₹82,840 तक पहुंच गई। इसके साथ ही, चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला, जो लगभग ₹800 बढ़कर ₹93,875 प्रति किलोग्राम हो गई। इस तेजी का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में बढ़ती अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की बढ़ती मांग को माना जा रहा है।


सोने और चांदी की कीमतों में उछाल के पीछे के कारण

1. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का खतरा

हाल ही में अमेरिका की ओर से लगाए गए नए टैरिफ (शुल्क) को लेकर वैश्विक बाजार में चिंता बढ़ गई है। इससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के बीच अस्थिरता का माहौल बन गया है, जिससे वे सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। सोना पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिससे इसकी मांग में इजाफा हुआ है।

2. डॉलर और बॉन्ड यील्ड में गिरावट

डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड में गिरावट भी सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं में सोने की कीमत सस्ती हो जाती है, जिससे वैश्विक स्तर पर सोने की मांग बढ़ जाती है।

3. केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी

हाल ही में कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ाया है। खासतौर पर चीन, रूस और भारत जैसे देशों ने डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए सोने की खरीदारी बढ़ाई है। इससे भी सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिला है।

4. महंगाई और भू-राजनीतिक तनाव

यूक्रेन-रूस युद्ध, मध्य पूर्व में तनाव और वैश्विक महंगाई दर में बढ़ोतरी के कारण भी निवेशकों का ध्यान सुरक्षित संपत्तियों की ओर गया है। महंगाई बढ़ने से सोने की कीमतों में वृद्धि होती है, क्योंकि यह मुद्रास्फीति के खिलाफ एक हेजिंग टूल (सुरक्षा उपाय) के रूप में काम करता है।

चांदी की कीमतों में उछाल का कारण

चांदी की कीमतें भी बढ़ रही हैं, जिसका मुख्य कारण उद्योगों में इसकी बढ़ती मांग है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और बैटरियों में चांदी का उपयोग बढ़ने के कारण इसकी मांग भी तेजी से बढ़ रही है। साथ ही, निवेशक भी चांदी को सोने के साथ-साथ सुरक्षित निवेश मान रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में उछाल देखने को मिला है।

आगे क्या होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी रहती है, तो सोने और चांदी की कीमतों में और उछाल देखा जा सकता है। इसके अलावा, आगामी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक और डॉलर की चाल भी इनकी कीमतों को प्रभावित कर सकती है।

निवेशकों के लिए सलाह

यदि आप सोने या चांदी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो बाजार के मौजूदा रुझान और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर नजर बनाए रखें। लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह अभी भी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, लेकिन शॉर्ट-टर्म में कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है

सोने और चांदी की कीमतों में आई इस जबरदस्त तेजी ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिकी टैरिफ युद्ध की आशंकाओं, वैश्विक अनिश्चितताओं और केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीदारी के कारण सोने और चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं। निवेशकों को सतर्कता के साथ बाजार पर नजर बनाए रखने की जरूरत है ताकि वे सही समय पर सही निर्णय ले सकें।

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