टिकटॉक फिर से भारत में लौटेगा? क्या टिकटॉक भारत में फिर से वापसी करेगा? जानिए सरकार का रुख ?
टिकटॉक फिर से भारत में लौटेगा?
क्या टिकटॉक भारत में फिर से वापसी करेगा? जानिए सरकार का रुख!
जब से भारत सरकार ने टिकटॉक (TikTok) को 2020 में बैन किया था, तब से इस ऐप के दोबारा लॉन्च होने की अटकलें लगाई जाती रही हैं। टिकटॉक, जिसे बाइटडांस (ByteDance) कंपनी द्वारा विकसित किया गया था, भारत में बेहद लोकप्रिय था। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और डेटा प्राइवेसी के मुद्दों के चलते सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया। अब सवाल उठता है कि क्या टिकटॉक भारत में फिर से वापसी कर सकता है? क्या सरकार इसके लिए रास्ता खोल सकती है? आइए जानते हैं पूरी स्थिति।
टिकटॉक पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया था?
29 जून 2020 को, भारत सरकार ने टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण था डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा। सरकार का कहना था कि ये ऐप्स भारतीय यूजर्स की जानकारी को चीन भेज रहे थे, जिससे देश की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा था।
इसके अलावा, लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव ने भी इस फैसले को प्रभावित किया था।
टिकटॉक की भारत में लोकप्रियता
प्रतिबंध से पहले, टिकटॉक भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक था। इसके 20 करोड़ से अधिक भारतीय यूजर्स थे, और लाखों कंटेंट क्रिएटर्स इस पर निर्भर थे। टिकटॉक ने कई आम लोगों को स्टार बना दिया था, जिससे यह केवल एक ऐप ही नहीं बल्कि रोजगार का एक जरिया भी बन गया था।
क्या टिकटॉक की वापसी संभव है?
हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें कहा गया है कि टिकटॉक भारत में वापसी की संभावनाएं तलाश रहा है। खबरों के मुताबिक, बाइटडांस भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने और अपने डेटा स्टोरेज पॉलिसी को भारतीय नियमों के अनुसार बनाने की कोशिश कर रहा है।सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बाइटडांस भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर नया बिजनेस मॉडल अपनाती है और डेटा प्राइवेसी को लेकर ठोस कदम उठाती है, तो सरकार इस पर पुनर्विचार कर सकती है।
सरकार का रुख क्या है?
वर्तमान में भारत सरकार डिजिटल डेटा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की नीति को बढ़ावा दे रही है। हाल ही में सरकार ने नए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट को भी लागू किया है, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए भारतीय यूजर्स का डेटा भारत में ही स्टोर करना अनिवार्य हो सकता है।
अगर टिकटॉक इन नीतियों का पालन करता है और सरकार को विश्वास में लेता है, तो इसकी वापसी के चांस बढ़ सकते हैं। लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि भारत में अब कई घरेलू शॉर्ट वीडियो ऐप्स जैसे कि Moj, Josh, और Chingari ने अपनी जगह बना ली है।
टिकटॉक के लिए भारत में वापसी की चुनौतियां
सरकारी नियमों का पालन: टिकटॉक को भारत सरकार की सभी डेटा सुरक्षा नीतियों का पालन करना होगा।
भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी: सरकार के भरोसे को जीतने के लिए टिकटॉक को किसी भारतीय कंपनी के साथ मिलकर काम करना पड़ सकता है।
स्थानीय ऐप्स से प्रतिस्पर्धा: Moj, Josh, और MX TakaTak जैसे ऐप्स ने टिकटॉक के बैन के बाद अपनी मजबूत पकड़ बना ली है।
यूजर्स का भरोसा: भारतीय यूजर्स को फिर से टिकटॉक की ओर आकर्षित करने के लिए कंपनी को मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे।
टिकटॉक की भारत में वापसी की संभावनाएं पूरी तरह से सरकार के रुख और कंपनी की रणनीति पर निर्भर करेंगी। अगर बाइटडांस सरकार की शर्तों को पूरा करता है और भारतीय कानूनों का पालन करता है, तो संभव है कि टिकटॉक दोबारा भारतीय बाजार में कदम रख सके। हालांकि, इस प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत में टिकटॉक की वापसी हो पाती है या नहीं।
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