पहले मुख्यमंत्री और किस पार्टी ने यहां बनाई थी पहली सरकार?
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दिल्ली के सियासी इतिहास में झांकने का वक्त है! जानते हैं कौन थे दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री और किस पार्टी ने यहां बनाई थी पहली सरकार?"
"दिल्ली विधानसभा के शुरुआती चुनावों से लेकर अब तक का सफर—हर रोचक तथ्य और इतिहास, सिर्फ हमारी इस खास रिपोर्ट में।"
दिल्ली के विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच यह जानना दिलचस्प है कि इस ऐतिहासिक शहर का राजनीतिक सफर कैसा रहा है। दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री कौन थे और यहां सबसे पहली सरकार किस पार्टी की बनी थी? दिल्ली का यह इतिहास न केवल राजनीति के छात्रों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जानना बेहद महत्वपूर्ण है।
दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव
दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव थे, जो कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। उन्होंने 17 मार्च 1952 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह वह समय था जब भारत अपने लोकतंत्र के शुरुआती दौर में था और दिल्ली ने केंद्र शासित प्रदेश होते हुए भी अपनी अलग पहचान बनानी शुरू की थी। चौधरी ब्रह्म प्रकाश, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसेवी थे। उनकी सरकार ने राजधानी में बुनियादी ढांचे और विकास की दिशा में कई अहम कदम उठाए।
हालांकि, 1956 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया और विधानसभा को भंग कर दिया गया। इसके बाद 1993 तक, दिल्ली में कोई मुख्यमंत्री नहीं हुआ। इस दौरान, राष्ट्रपति शासन लागू रहा और दिल्ली का प्रशासन केंद्र सरकार के अधीन रहा।
दिल्ली में फिर लौटा लोकतंत्र
साल 1993 में, लगभग चार दशकों के अंतराल के बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी जीत दर्ज की और मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने। यह दिल्ली के इतिहास में एक बड़ा बदलाव था क्योंकि यह दिल्ली के विकास और स्थानीय शासन की बहाली का प्रतीक था।
इसके बाद, 1998 में दिल्ली की राजनीति ने फिर करवट ली, जब कांग्रेस नेता शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। उनका कार्यकाल दिल्ली के राजनीतिक और विकासात्मक इतिहास में सबसे लंबा रहा। वह 1998 से 2013 तक लगातार तीन कार्यकालों तक इस पद पर रहीं और दिल्ली को शिक्षा, परिवहन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नई पहचान दी।
महिला नेतृत्व की शुरुआत
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज थीं, जिन्होंने 1998 में बहुत कम समय के लिए यह पद संभाला। हालांकि उनका कार्यकाल छोटा था, लेकिन यह दिल्ली में महिला नेतृत्व की शुरुआत का प्रतीक बना।
अरविंद केजरीवाल: सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर 2013 में दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला। वह इस पद पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के नेता बने। उनके नेतृत्व में दिल्ली की राजनीति में "काम की राजनीति" पर जोर दिया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी जैसे बुनियादी मुद्दों पर उनका फोकस उन्हें अन्य दलों से अलग बनाता है।
दिल्ली का पहला विधानसभा चुनाव
दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव 27 मार्च 1952 को हुआ। इस चुनाव में कुल 48 सीटों पर वोटिंग हुई थी। इनमें से छह निर्वाचन क्षेत्रों में दो प्रतिनिधि चुने गए, जबकि शेष 36 निर्वाचन क्षेत्रों से एक-एक प्रतिनिधि का चुनाव हुआ। इस चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और चौधरी ब्रह्म प्रकाश मुख्यमंत्री बने।
दिल्ली की वर्तमान स्थिति
आज दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। अब यहां आम आदमी पार्टी सत्ता में है, जिसने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार किए हैं। मौजूदा समय में, दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी हैं, जो आप की नेता हैं।
दिल्ली की राजनीति का यह सफर यह दिखाता है कि कैसे यह शहर समय के साथ बदलता रहा है। आज यह सिर्फ भारत की राजधानी ही नहीं, बल्कि राजनीति, संस्कृति और विकास का एक अहम केंद्र भी बन चुका है। दिल्ली के पहले सीएम चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव ने कांग्रेस के नेतृत्व में इस शहर की राजनीति को नई दिशा दी थी। अब, दिल्ली का भविष्य किसके हाथों में जाएगा?"
"राजनीति और चुनावी इतिहास की और भी रोचक कहानियों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ। धन्यवाद!"
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Mayank Rajpal
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