प्रेग्नेंट होने के लिए लद्दाख के इस गांव में आती हैं विदेशी महिलाएं, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
प्रेग्नेंट होने के लिए लद्दाख के इस गांव में आती हैं विदेशी महिलाएं,
वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
लद्दाख के एक छोटे से गांव 'थांगसे' में हर साल दर्जनों विदेशी महिलाएं आती हैं, और उनके आने का मकसद किसी साधारण पर्यटन से बिल्कुल अलग होता है। ये महिलाएं यहां घूमने या एडवेंचर के लिए नहीं, बल्कि प्रेग्नेंट होने के लिए आती हैं। इस रहस्यमय गांव की कहानियां सुनकर आपकी जिज्ञासा जरूर बढ़ जाएगी। थांगसे गांव को 'फर्टिलिटी विलेज' के नाम से भी जाना जाता है। यहां की जलवायु, प्राकृतिक वातावरण, और स्थानीय समुदाय की परंपराएं इसे विशेष बनाती हैं। गांव के लोग मानते हैं कि यहां के पानी और मिट्टी में ऐसी अद्भुत शक्ति है जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता (fertility) को बढ़ाती है। यही वजह है कि निसंतान दंपत्ति यहां आने का निर्णय लेते हैं। गांव में आने वाली एक विदेशी महिला ने बताया, "मैंने इस जगह के बारे में सोशल मीडिया पर पढ़ा और यहां आने का निर्णय लिया। मुझे यकीन नहीं था, लेकिन यहां कुछ ऐसा है जो महसूस किया जा सकता है। मैंने कुछ हफ्ते यहां बिताए और मेरे जीवन में एक चमत्कार हुआ।"
लद्दाख का आर्य वैली एक रहस्यमयी और अनोखा स्थान है, जिसकी कहानियां सुनकर हर कोई चौंक जाता है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती तो आकर्षण का केंद्र है ही, लेकिन इसके साथ जुड़ी एक अनोखी और विवादास्पद कहानी भी है, जो इसे और खास बनाती है। इस गांव में हर साल दूर-दूर से विदेशी महिलाएं आती हैं, लेकिन इनका उद्देश्य सिर्फ पर्यटन नहीं होता। इस गांव को "आर्य वैली" के नाम से जाना जाता है, जहां ब्रोकपा जनजाति के लोग निवास करते हैं। इन लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे सिकंदर महान की सेना के वंशज हैं, जो प्राचीन आर्यों की आखिरी शुद्ध नस्ल का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण भले ही न हो, लेकिन उनकी अनोखी शारीरिक बनावट, लंबा कद और आकर्षक व्यक्तित्व इस दावे को बल देते हैं। अनोखा उद्देश्य विदेशी महिलाओं के यहां आने का कारण उनकी यह इच्छा होती है कि वे "शुद्ध आर्य" वंशजों से संतान प्राप्त करें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये महिलाएं विशेष रूप से यूरोप से आती हैं और अपने बच्चों में ब्रोकपा जनजाति के शारीरिक गुणों को देखने की चाहत में यहां रुकती हैं। कहा जाता है कि ये महिलाएं यहां के पुरुषों के साथ संबंध बनाती हैं और गर्भवती होने के बाद वापस लौट जाती हैं। स्थानीय समुदाय का दावा और विवाद ब्रोकपा जनजाति खुद को आर्यों का वंशज मानती है और उनका दावा है कि उनकी नस्ल दुनिया की सबसे शुद्ध नस्लों में से एक है। हालांकि, इस दावे का कोई प्रमाण नहीं है और इसे सिर्फ एक परंपरागत कहानी माना जाता है। जानकारों का कहना है कि "प्रेग्नेंसी टूरिज्म" एक प्रचारित कहानी हो सकती है, जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। सोशल मीडिया और बढ़ता प्रचार इंटरनेट और सोशल मीडिया के कारण इस गांव की अनोखी कहानी अब दुनियाभर में फैल चुकी है। इस प्रचार ने इस जगह को विदेशी पर्यटकों के लिए और भी आकर्षक बना दिया है। हालांकि, स्थानीय लोग इसे अपनी परंपरा और संस्कृति पर खतरा मानते हैं और कई बार इस बात पर चर्चा करते हैं कि इसे नियंत्रित किया जाना चाहिए। सच्चाई या मिथक? आर्य वैली और ब्रोकपा जनजाति की यह कहानी कितनी सच्ची है, यह तो समय के साथ स्पष्ट होगा। लेकिन यह कहानी लद्दाख के इस अनोखे गांव को हमेशा चर्चा में बनाए रखती है। लोग यहां की सुंदरता और परंपराओं को देखने आते हैं, लेकिन साथ ही इन रहस्यमयी कहानियों को सुनकर हैरान भी रह जाते हैं।
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