जब वी.पी. सिंह ने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली, तो उन्होंने देश के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा कदम उठाया। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले संगठनों, जैसे कि डी.आर.आई. (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) और आयकर विभाग ने उद्योगपतियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी, जिससे कई काले कारनामे उजागर होने लगे। वी.पी. सिंह ने न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ा, बल्कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जिन उद्योगपतियों के काले धन से देश का नुकसान हो रहा था, उन्हें बेनकाब किया जाए।
इनैलो की सेफ सीट को विद्यारानी का अहंकार ले डूबेगा ?
विद्या रानी का अंहकार ने चुनाव की बदल दी दशा और दिशा ? इनैलो के कार्यकर्ता और खुद के कार्यकर्ता नाराज होकर छोड़ रहे हैं साथ ? "इनैलो की सेफ सीट को विद्यारानी का अहंकार ले डूबेगा?" वोटर्स की नज़रें अब अगले कदम पर टिकी ? कुलदीप खंडेलवाल नरवाना विधानसभा जाट बाहुल्य सीट होने के कारण भाजपा से नाराजगी होना और कांग्रेस में शैलजा की अनदेखी के कारण रविदास समाज की नाराजगी के कारण कांग्रेस से वोट का छटकना तथा इनैलो का गढ़ होना विद्या रानी को फायदा हो रहा है। इसके साथ में दो बार चुनावी हार की सहानुभूति और दनौदा में ठीक रसूख होना विद्या रानी के फेवर में माहौल एकदम से चला गया और चारों ओर जब विद्या- विद्या हुई तो अब विद्या रानी ने अपने आप को विधायक मानना शुरू कर दिया। इसका बड़ा कारण है विद्या का कांग्रेस कल्चर से जाना है। कांग्रेस कल्चर को लेकर राजनीति के गलियारों में कहा जाता है की कांग्रेस के नेता जल्दी हवा खा जाते हैं और उनका फिर नुकसान हो जाता है। अब भूपेंद्र हुड्डा को ही लिजिए प्रदेश में एक माहौल था। सहन नहीं हुआ अब दिन प्रतिदिन हवा खराब होती जा रही है। अब ऐसा ही कुछ विद्या रानी के सा...
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