जब वी.पी. सिंह ने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली, तो उन्होंने देश के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा कदम उठाया। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले संगठनों, जैसे कि डी.आर.आई. (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) और आयकर विभाग ने उद्योगपतियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी, जिससे कई काले कारनामे उजागर होने लगे। वी.पी. सिंह ने न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ा, बल्कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जिन उद्योगपतियों के काले धन से देश का नुकसान हो रहा था, उन्हें बेनकाब किया जाए।
एनजी न्यूज चैनल की पत्रकारिता: एक चिंतन
आज के दौर में पत्रकारिता: एक गंभीर विमर्श आज का दौर पत्रकारिता के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। पत्रकारों का मान-सम्मान पहले जैसा नहीं रहा और उनकी प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है। एक समय था जब पत्रकारिता को एक सम्मानित पेशा माना जाता था, लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है। पत्रकारों के प्रति समाज में जो सम्मान था, वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, और इसने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया है। पत्रकारिता का घटता स्तर आजकल पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा है। पहले जब कोई पत्रकार अपने पेशे का जिक्र करता था, तो गर्व का अनुभव करता था, लेकिन आज ऐसा करना शर्मिंदगी का कारण बनता है। नए पत्रकारों को अक्सर ऐसी टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है, जो उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या वे सच में पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं या किसी अन्य व्यवसाय में। पत्रकार का नाम सुनते ही अब सामने वाला व्यक्ति यह सोचने लगता है कि “आजकल तो हर कोई माइक उठाए फिरते हैं।” यह स्थिति इस बात का संकेत है कि पत्रकारिता का पेशा अब नाई की दुकान बन चुका है, जहां एक माइक के सहारे कोई भी पत्रकार बन सकता है। आज, पत्रकारि...
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