एकनाथ शिंदे ने 'गठबंधन धर्म' के पालन की मिसाल कायम की: बेटे श्रीकांत

Eknath Shinde set example of following 'alliance dharma': Son Shrikant


शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपने पिता, महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, की नेतृत्व शैली और उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की है। श्रीकांत ने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है, जिन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर "गठबंधन धर्म" के पालन का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

सांसद श्रीकांत ने बुधवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यह बात साझा की। उन्होंने लिखा कि उनके पिता का महाराष्ट्र की जनता के साथ गहरा और अटूट रिश्ता है, जो उनके कार्यकाल के दौरान बार-बार स्पष्ट हुआ है। उनके इस बयान को राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

एकनाथ शिंदे, जिन्होंने अपनी कार्यशैली से सदा एक निष्ठावान नेता के रूप में पहचान बनाई है, ने राजनीति में "गठबंधन धर्म" के महत्व को रेखांकित किया। उनके फैसले यह दर्शाते हैं कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को छोड़कर जनता के हितों और गठबंधन की एकता को प्राथमिकता देना, राजनीति में नैतिकता को बनाए रखने का मार्ग है।

महाराष्ट्र में चल रही गठबंधन सरकार ने कई बार राजनीतिक दबाव और चुनौतियों का सामना किया है। बावजूद इसके, एकनाथ शिंदे ने अपनी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक परिपक्वता से सरकार को स्थिर बनाए रखा। श्रीकांत शिंदे ने भी अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि उनके पिता ने जनता के हितों को प्राथमिकता देते हुए गठबंधन के सिद्धांतों पर मजबूती से काम किया है।

यह बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र की राजनीति में कई घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। यह स्पष्ट करता है कि एकनाथ शिंदे न केवल एक कुशल प्रशासक हैं, बल्कि गठबंधन सहयोगियों के साथ अपने संबंधों को भी सुदृढ़ रखने में विश्वास रखते हैं।

श्रीकांत के इस बयान को पार्टी और समर्थकों के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। यह एकनाथ शिंदे के प्रति उनके प्रति सम्मान और विश्वास को और अधिक मजबूत करता है। "गठबंधन धर्म" का यह पालन भारतीय राजनीति में एक नई प्रेरणा के रूप में देखा जा सकता है, जहां जनता की भलाई और साझेदारी की भावना सर्वोपरि होती है।

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