शिंदे के नाम पर लगेगी मुहर या फडणवीस संभालेंगे महाराष्ट्र की कमान? जानें मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन आगे

 शिंदे के नाम पर लगेगी मुहर या फडणवीस संभालेंगे महाराष्ट्र की कमान? जानें मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन आगे ?


महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद राज्य की सियासत गर्मा गई है। एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट की महायुति ने रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की है। कुल 288 सीटों में से एनडीए ने 235 सीटों पर कब्जा किया, जिसमें भाजपा ने अपने दम पर 132 सीटें जीतीं। इसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कड़ी टक्कर

वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जिन्होंने शिवसेना (शिंदे गुट) का नेतृत्व करते हुए शानदार प्रदर्शन किया और 57 सीटों पर जीत हासिल की, और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो भाजपा के मजबूत नेता माने जाते हैं, दोनों मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।

हालांकि, मुख्यमंत्री पद का फैसला केवल किसी एक दल पर निर्भर नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा है, "यह निर्णय तीनों दलों के नेताओं के बीच चर्चा के बाद लिया जाएगा। मुख्यमंत्री का चेहरा ऐसा होगा जो सभी के लिए स्वीकार्य हो।" वहीं, मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि, "यह फैसला मिलकर लिया जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे हमने मिलकर चुनाव लड़ा।"

शिवसेना का दावा

शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे ही सही विकल्प हैं। उन्होंने कहा, "यह चुनाव शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया था। जनता ने उनके नेतृत्व पर भरोसा जताया है।" शिवसेना गुट यह मानता है कि मुख्यमंत्री पद पर एकनाथ शिंदे की दावेदारी सबसे मजबूत है।

भाजपा की रणनीति

दूसरी ओर, भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस के नाम को आगे बढ़ाने का संकेत दिया है। फडणवीस, जो पहले भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उनकी प्रशासनिक क्षमता और भाजपा में उनकी मजबूत पकड़ को देखते हुए कई केंद्रीय नेता उन्हें मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता फडणवीस के समर्थन में खुलकर सामने आ रहे हैं।

महायुति में मतभेद या नई रणनीति?

महायुति के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा के बीच यह भी खबरें आ रही हैं कि भाजपा इस बार किसी तीसरे चेहरे को मुख्यमंत्री बना सकती है। इससे न केवल महायुति के भीतर सामंजस्य बना रहेगा, बल्कि महाराष्ट्र में भाजपा की बढ़ती ताकत को भी संतुलित किया जा सकेगा।

कौन संभालेगा महाराष्ट्र की कमान?

मुख्यमंत्री पद की इस रस्साकशी के बीच महाराष्ट्र की राजनीति का भविष्य महायुति के नेताओं की बैठक पर टिका है। हालांकि, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दोनों ही जनता और अपने दलों में लोकप्रिय हैं। अब देखना होगा कि महायुति की यह जीत किसके नेतृत्व में नए अध्याय की शुरुआत करती है।

निष्कर्ष:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का फैसला न केवल महायुति की एकता के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह तय करेगा कि राज्य में अगले पांच सालों तक विकास की दिशा किस तरह निर्धारित होगी। जनता के समर्थन और दलों के सामूहिक निर्णय से ही इस सवाल का जवाब निकलेगा।

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