भाजपा से मात्र 0.18 फीसदी कम वोट से हारी कांग्रेस: हरियाणा विधानसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबला !

भाजपा से मात्र 0.18 फीसदी कम वोट से हारी कांग्रेस: हरियाणा विधानसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबला

हरियाणा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करते हुए हैट्रिक बनाई। लेकिन, कांग्रेस पार्टी मामूली अंतर से सत्ता से चूक गई। कांग्रेस को भाजपा से केवल 0.18 प्रतिशत कम वोट मिले, जो कि राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बना हुआ है।

चुनाव की मुख्य बातें

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल 2,03,54,350 मतदाता थे, जिनमें से 1,24,88,689 मतदाताओं ने अपने वोट डाले। भाजपा को 55,48,800 वोट मिले, जो कुल मतदान का 39.94 प्रतिशत था, जबकि कांग्रेस को 54,30,602 वोट मिले, जो कि 39.09 प्रतिशत रहा। भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई। इनेलो ने 4.14 प्रतिशत वोटों के साथ दो सीटें जीतीं, वहीं जजपा, आम आदमी पार्टी (आप) और बसपा को क्रमशः 0.90, 1.79 और 1.82 प्रतिशत वोट मिले।

महत्वपूर्ण सीटों पर मुकाबला

कांग्रेस के नौ प्रत्याशी मामूली अंतर से हार गए, जिनमें कुल 22,907 वोटों का अंतर रहा, जो कुल मतदान का 0.18 प्रतिशत है। इनमें से सात सीटें भाजपा के खाते में गईं, जबकि दो सीटें इनेलो ने जीतीं।

  1. उचाना कलां: भाजपा के देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को केवल 32 वोटों से हराया। इस सीट पर बागी नेता वीरेंद्र घोघडिया ने कांग्रेस के वोट काटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  2. डबवाली: यहां कांग्रेस के अमित सिहाग को इनेलो के आदित्य देवीलाल ने 610 वोटों से हराया।

  3. दादरी, असंध, होडल, महेंद्रगढ़, रानियां और घरौंडा: इन सभी सीटों पर भी भाजपा और इनेलो ने कांग्रेस के खिलाफ मामूली अंतर से जीत दर्ज की।

भाजपा की जीत का विश्लेषण

भाजपा की इस जीत का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि पार्टी ने अपने चुनावी अभियानों में स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। इसके अलावा, भाजपा ने विकास और सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता दी, जिसने उन्हें चुनावी लाभ पहुंचाया।

कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक चेतावनी के रूप में कार्य कर सकता है, क्योंकि उन्होंने एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में भाजपा को केवल 0.18 प्रतिशत से पीछे छोड़ा। इस स्थिति ने कांग्रेस को अपनी रणनीतियों में बदलाव करने का अवसर दिया है, ताकि वे भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

निष्कर्ष

हरियाणा विधानसभा चुनाव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। भाजपा की जीत ने उसे सत्ता में बनाए रखा, लेकिन कांग्रेस के नजदीकी मुकाबले ने यह भी दर्शाया कि जनता में अभी भी परिवर्तन की संभावनाएं बनी हुई हैं। भविष्य में, ये चुनाव परिणाम यह दिखाएंगे कि कौन सी पार्टी अपनी रणनीतियों को सही दिशा में ले जाने में सक्षम होगी।

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