हरियाणा विधानसभा चुनाव: हरियाणा विधानसभा चुनाव: रंजीत चौटाला और गोपाल कांडा के बीच तनाव से सत्ताधारी गठबंधन में हलचल


हरियाणा विधानसभा चुनाव: राजनीतिक तनाव और समीकरण

हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ गई हैं। हाल ही में बिजली मंत्री रंजीत चौटाला और गोपाल कांडा के बीच तनाव ने सत्ताधारी गठबंधन में हलचल मचा दी है। रंजीत चौटाला द्वारा अपनी पार्टी (HLP) की ओर से रानिया विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे जाने पर गोपाल कांडा ने ऐतराज जताया है, जिससे बीजेपी से भी उनकी नाराजगी सामने आई है। 


रंजीत चौटाला के ऐतराज के बाद गोपाल कांडा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांडा ने सीधे तौर पर रंजीत चौटाला पर हमला बोलते हुए कहा कि चौटाला का हरियाणा के किसी भी इलाके में कोई प्रभाव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रंजीत चौटाला 6-7 बार हारने के बाद ही अजय और अभय चौटाला की मेहरबानी से जीत सके हैं। कांडा ने चौटाला को एक अवसरवादी और राजनीतिक रूप से विफल नेता करार दिया और कहा कि उनकी असफलता का सबसे बड़ा सबूत हिसार लोकसभा सीट पर देखने को मिला था जहां बीजेपी की मजबूत और जीतने वाली सीट से भी वे हार गए थे। 

गोपाल कांडा ने आगे कहा कि रंजीत चौटाला के भविष्य में भी चुनाव में जमानत बचने की संभावना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि NDA हरियाणा में मजबूती से चुनाव लड़ेगा और बीजेपी-HLP के बीच सीट शेयरिंग जल्द ही फाइनल हो जाएगी। कांडा के इस बयान के बाद हरियाणा की राजनीति में खासी हलचल मच गई है और आने वाले चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह तनातनी किस दिशा में जाती है।

इस नाराजगी का असर रंजीत चौटाला द्वारा आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक में भी साफ दिखाई दिया। बैठक में रंजीत चौटाला ने अपने असंतोष को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि आगामी चुनावों को लेकर उनके मन में कई सवाल और असंतोष है।

राजनीतिक रणनीतियों और उम्मीदवारों की अदला-बदली के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी दल इस तनावपूर्ण स्थिति का कैसे सामना करते हैं और आगामी चुनावों में किसे सफलता मिलती है।

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