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Elon Musk Weighs In on Indian-Origin CEO's Green Card Dilemma: Sparks Online Frenzy

  Elon Musk Weighs In on Indian-Origin CEO's Green Card Dilemma: Sparks Online Frenzy In the ever-buzzing world of social media, it takes only a single word from a high-profile individual to set the digital landscape aflame. This phenomenon played out recently when tech mogul Elon Musk reacted to a post by Aravind Srinivas, an Indian-origin CEO living in San Francisco, regarding his green card application. For context, a green card, officially known as a Permanent Resident Card, is a highly coveted document that grants its holder the right to live and work in the United States permanently. It is often seen as the gateway to the "American Dream." However, for many highly skilled professionals like Srinivas, the path to obtaining a green card is anything but smooth, often involving years of waiting, bureaucratic hurdles, and uncertainty. A CEO's Dilemma Goes Viral Aravind Srinivas, the CEO of Perplexity AI – a free AI-powered answer engine that has been gaining traction...

आयुष्मान योजना: निजी अस्पतालों का फायदा, जरूरतमंदों का नुकसान

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  आयुष्मान योजना: निजी अस्पतालों का फायदा, जरूरतमंदों का नुकसान भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य जरूरतमंद परिवारों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है। इस योजना के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाना है। हालांकि, हकीकत में इस योजना का लाभ जरूरतमंदों से ज्यादा निजी अस्पतालों को मिल रहा है। निजी अस्पतालों का दोहरा लाभ हरियाणा के कैथल और कुरुक्षेत्र जिलों से यह शिकायतें सामने आई हैं कि निजी अस्पताल सरकारी फंड का लाभ तो उठा रहे हैं, लेकिन मरीजों से भी मोटी रकम वसूल रहे हैं। सीएम कार्यालय में पहुंची शिकायतों के अनुसार, ये अस्पताल न केवल योजना के तहत मिलने वाले पैसे का गबन कर रहे हैं, बल्कि मरीजों से भी अनावश्यक खर्च के नाम पर पैसे वसूलते हैं। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि कई अस्पताल ऐसे हैं जो आयुष्मान भारत के मरीजों को प्राथमिकता नहीं देते और उनके इलाज में रुचि नहीं दिखाते। इसके विपरीत, ये अस्पताल अपनी आय बढ़ाने के लिए इस योजना का उपयोग सिर्फ कागजों पर करते हैं। शिकायतें और संभावित कार्रवाई कैथल और कुरुक्षेत्र के कई निज...

"कोटा ड्रग्स स्कैंडल: बच्चों की जिंदगी पर काला साया"

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"कोटा ड्रग्स स्कैंडल: बच्चों की जिंदगी पर काला साया" राजस्थान के कोटा शहर, शिक्षा नगरी के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से, कोटा के भीतर एक गहराई में छिपी कहानी सामने आ रही है। एक कहानी जो इस शिक्षा नगरी की छवि को चुनौती दे रही है।"छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं से लेकर ड्रग्स के जाल में फंसते युवा – कोटा की सच्चाई धीरे-धीरे बाहर आ रही है।"हाल ही में पुलिस ने ऑपरेशन ‘वज्र प्रहार’ के तहत 124 ड्रग्स आप्राधिकों को गिरफ्तार किया। इन लोगों का धंधा छात्रों को नशे के जाल में फंसाने का है।" स्टिंग ऑपरेशन में यह स्पष्ट हुआ कि कैसे ड्रग्स अब एक साधारण रूटीन बन गए हैं। लड़के और लड़कियां अपनी पढ़ाई के साथ-साथ नशे की लत में डूबते जा रहे हैं। "माता-पिता अपने बच्चों को कोटा शिक्षा की रोशनी देने भेजते हैं, लेकिन वहां उनका सामना ऐसे अंधेरे से होता है जिससे उबरना आसान नहीं।""पहले दोस्तों के कहने पर, फिर धीरे-धीरे आदत। यहां के सीनियर हमें नशे में धकेलते हैं, और हम उनके जाल में फंसते चले जाते हैं।""कोटा का संघर्ष अभी भी जारी ...

दिल्ली चुनाव 2025: कांग्रेस की रणनीति में बड़ा बदलाव या आखिरी दांव?

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  दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने अपनी पहली सूची में 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है, जो पार्टी की चुनावी रणनीति और आगामी मुकाबले की दिशा को स्पष्ट करते हैं। इस सूची में नए और अनुभवी दोनों तरह के चेहरों को शामिल किया गया है, जो दर्शाता है कि कांग्रेस इस बार एक संतुलित और प्रभावशाली टीम के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। इस सूची में सबसे प्रमुख नामों में से एक है वजीरपुर सीट से कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक का। रागिनी नायक एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और प्रभावशाली वक्ता हैं, जो महिला अधिकारों और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर लंबे समय से सक्रिय हैं। पार्टी को उम्मीद है कि उनके व्यक्तित्व और विचार जनता को आकर्षित करेंगे। रागिनी नायक की उम्मीदवारी को कांग्रेस के एक साहसिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो वजीरपुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में पार्टी के पुनरुत्थान के प्रयासों को बल देगा। दूसरी ओर, कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। यह सीट ...

बीजेपी कर सकती है कद्दावर हिंदूवादी चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी: सूत्र

  बीजेपी कर सकती है कद्दावर हिंदूवादी चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी: सूत्र नई दिल्ली: बीजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक मजबूत और हिंदूवादी छवि वाले नेता को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से केजरीवाल के खिलाफ उम्मीदवार बना सकती है। प्रवेश वर्मा, जो पश्चिमी दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके हैं, पूर्व में विधायक और लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। उनके पिता, स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा, दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पार्टी के अंदरूनी हलकों में इस संभावना को बल मिल रहा है, क्योंकि प्रवेश वर्मा ने हाल के दिनों में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। उनके कार्यक्रमों और जनसभाओं से यह संकेत मिल रहा है कि पार्टी उन्हें इस प्रतिष्ठित सीट से मैदान में उतार सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह मुकाबला बेहद रोचक हो सकता...

दिल्ली विधानसभा चुनाव: अवध ओझा के सामने वीरेंद्र सचदेवा, मनीष सिसोदिया जंगपुरा से लड़ेंगे चुनाव

  दिल्ली विधानसभा चुनाव: अवध ओझा के सामने वीरेंद्र सचदेवा, मनीष सिसोदिया जंगपुरा से लड़ेंगे चुनाव दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत, पटपड़गंज विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी जगह मशहूर यूपीएससी शिक्षक अवध ओझा को पटपड़गंज से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, मनीष सिसोदिया को जंगपुरा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है। आप की रणनीति में बदलाव आम आदमी पार्टी ने 10 साल की सत्ता विरोधी लहर (एंटी इनकंबेंसी), दिग्गज नेताओं की गिरफ्तारी से उपजे व्यवधान, और भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए अपने चुनावी दांव-पेंच बदले हैं। पार्टी ने इस बार कई मौजूदा विधायकों को हटाने और कुछ को नए निर्वाचन क्षेत्रों में भेजने का फैसला किया है। पटपड़गंज सीट पर अवध ओझा को टिकट देना पार्टी के लिए एक साहसिक कदम माना जा रहा है। यूपीएससी की तैयारी करवाने वाले शिक्षक के रूप में प्रसिद्ध अवध ओझा युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं और उनकी छवि साफ-सुथरी मानी जाती है। बीजेपी की रणनीति और वीरेंद्र...

"दिल्ली की सियासत का महासंग्राम: बीजेपी के दिग्गजों का दांव!"

  "दिल्ली की सियासत के दंगल में, बीजेपी ने फेंका बड़ा दांव!  आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार, मैदान में उतारे जा रहे हैं पार्टी के दिग्गज नेता।  "नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपके अपने चैनल vishwaprem news में। आज हम आपको ले चलेंगे दिल्ली की सियासत के सबसे बड़े खेल के पीछे की कहानी में। जानेंगे कैसे बीजेपी अपने बड़े नामों और सशक्त उम्मीदवारों के दम पर आम आदमी पार्टी को चुनौती देने जा रही है।  क्या यह कदम बदल देगा दिल्ली की राजनीति का भविष्य? आइए जानते हैं, इस खास रिपोर्ट में!"  तो चलिए, शुरू करते हैं!" भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी रणनीति को धार देने के लिए दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारने की योजना बना रही है। दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बीजेपी बड़े नामों को चुनावी अखाड़े में उतारने की तैयारी कर रही है। दिल्ली विधानसभा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में बीजेपी अवध ओझा के खिलाफ वीरेंद्र सचदेवा को उतारने की सोच रही है। वीरेंद्र सचदेवा दिल्ली बीजेपी के एक सशक्त नेता हैं, जो अपनी कुशल रणनीति और संगठनात्मक क्षमत...