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हरियाणा विधानसभा चुनाव: हरियाणा विधानसभा चुनाव: रंजीत चौटाला और गोपाल कांडा के बीच तनाव से सत्ताधारी गठबंधन में हलचल

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हरियाणा विधानसभा चुनाव: राजनीतिक तनाव और समीकरण हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ गई हैं। हाल ही में बिजली मंत्री रंजीत चौटाला और गोपाल कांडा के बीच तनाव ने सत्ताधारी गठबंधन में हलचल मचा दी है। रंजीत चौटाला द्वारा अपनी पार्टी (HLP) की ओर से रानिया विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे जाने पर गोपाल कांडा ने ऐतराज जताया है, जिससे बीजेपी से भी उनकी नाराजगी सामने आई है।  रंजीत चौटाला के ऐतराज के बाद गोपाल कांडा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांडा ने सीधे तौर पर रंजीत चौटाला पर हमला बोलते हुए कहा कि चौटाला का हरियाणा के किसी भी इलाके में कोई प्रभाव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रंजीत चौटाला 6-7 बार हारने के बाद ही अजय और अभय चौटाला की मेहरबानी से जीत सके हैं। कांडा ने चौटाला को एक अवसरवादी और राजनीतिक रूप से विफल नेता करार दिया और कहा कि उनकी असफलता का सबसे बड़ा सबूत हिसार लोकसभा सीट पर देखने को मिला था जहां बीजेपी की मजबूत और जीतने वाली सीट से भी वे हार गए थे।  गोपाल कांडा ने आगे कहा कि रंजीत चौटाला के भविष्य में भी चुनाव में जमानत बचने की संभावना नह...

इस तारिख को होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव !

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इस तारिख को होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव ! भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए दो दिन का दौरा किया। इस दौरे के दौरान चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है इसलिए चुनाव की तारीखों का एलान जल्द हो सकता है। अनुमान जताया जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव हो सकते हैं। इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल 2.01 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे, जिनमें 1.06 करोड़ पुरुष और 95 लाख महिलाएं शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम ने हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में चुनाव आयोग ने जिला चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अधिकारियों को प्रलोभन मुक्त मतदान प्रक्रिया पर ध्यान देने और अवैध शराब रुपये का लेन-देन तथा ड्रग्स को रोकने के लिए आवश्यक कद...

भाजपा की नैया पार लगाएंगे राम रहीम ?

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सिरसा, सोनीपत और हिसार के साथ कुरूक्षेत्र में राम रहीम का प्रभाव ? क्या यह भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा? इस मुद्दे पर आपके क्या विचार हैं? 🗣️" कुछ लोगों का मानना है कि राम रहीम की बड़ी संख्या में अनुयायी इन क्षेत्रों में भाजपा के पक्ष में झुकाव कर सकते हैं। वहीं, विरोधी इसे धार्मिक और राजनीतिक गठजोड़ का नाम दे रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या राम रहीम भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित होंगे? क्या भाजपा को राम रहीम के समर्थन से हरियाणा के इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जीत मिलेगी?

चुनाव से पहले फिर जेल से बाहर आया बाबा, हनीप्रीत के साथ पहुँचा यूपी के बरनावा !

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चुनाव से पहले फिर जेल से बाहर आया बाबा, हनीप्रीत के साथ पहुँचा यूपी के बरनावा | डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर फरलो मिली है। राम रहीम को 21 दिन के लिए जेल से बाहर लाया गया है। यह निर्णय राज्य विधानसभा चुनाव के ठीक पहले लिया गया है । आज सुबह हनीप्रीत जो राम रहीम की करीबी सहयोगी हैं उन्हें सुनारिया जेल से यूपी के बरनावा आश्रम लेकर गई । सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर जेल से निकलने के बाद राम रहीम की सुरक्षा में दो गाड़ियाँ चल रही थीं। इनमें से एक में हनीप्रीत और ड्राइवर के अलवा सीपी अरोड़ा था वहीं दूसरी गाड़ी में एडवोकेट हर्ष अरोड़ा और डॉक्टर पीआर नैन मौजूद थे। यहां से पुलिस सुरक्षा के साथ राम रहीम को यूपी ले जाया गया है | गुरमीत बाबा को 2017 में साध्वी दुष्कर्म मामले में सजा सुनाई गई थी। इसके बाद छत्रपति हत्याकांड में भी सजा मिली। तभी से वह सुनारिया जेल में बंद हैं। पिछली बार 19 जनवरी 2024 को उन्हें 50 दिन की पैरोल मिली थी जो बाबा यूपी के बरनावा आश्रम में बिताई थी। हाल ही में हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया था कि राम रहीम को पैरोल या फरलो बिना कोर्ट की अनुमति के नहीं दी जाए...

इलेक्शन के दौरान ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हो सकते हैं, जिन्हें पूछकर आप वास्तविक स्थिति का पता लगा सकते हैं। यहाँ कुछ प्रश्न दिए गए हैं:

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इलेक्शन के दौरान ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हो सकते हैं, जिन्हें पूछकर आप वास्तविक स्थिति का पता लगा सकते हैं। यहाँ कुछ प्रश्न दिए गए हैं: आम जनता के लिए प्रश्न: आपके क्षेत्र में चुनावी माहौल कैसा है? क्या आप इस बार वोट डालने जा रहे हैं? अगर नहीं, तो क्यों? आपके अनुसार, इस बार के चुनाव में मुख्य मुद्दे क्या हैं? आपकी उम्मीदें किस पार्टी या उम्मीदवार से हैं? क्यों? क्या आपको लगता है कि पिछली सरकार ने आपके क्षेत्र के लिए पर्याप्त काम किया है? चुनाव प्रचार के दौरान आपको किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा? आपके क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कैसी है? क्या आपको लगता है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और स्वतंत्र है? क्या आपको लगता है कि इस बार के चुनाव में युवा वर्ग की भागीदारी बढ़ी है? उम्मीदवारों और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रश्न: आपकी पार्टी के मुख्य एजेंडा क्या हैं इस चुनाव में? आपके हिसाब से इस बार के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है? आप अपनी विरोधी पार्टी की नीतियों के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आपकी पार्टी ने अपने पिछले वादों को पूरा किया है? कैसे? आपकी पार्ट...

आप एक इलेक्शन ग्राउंड रिपोर्ट के लिए पूछ सकते हैं:

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प्रत्याशियों से पूछने के लिए सवाल: आपकी प्राथमिकताएँ और प्रमुख मुद्दे क्या हैं जिन पर आप काम करना चाहते हैं? आपकी पार्टी का एजेंडा क्या है और कैसे यह जनता की समस्याओं को हल करेगा? आपकी रणनीति क्या है युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए? क्या आप अपने पिछले कार्यकाल (यदि है) में किए गए प्रमुख कार्यों के बारे में बता सकते हैं? आपके अनुसार सबसे बड़ा चैलेंज क्या है इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए? मतदाताओं से पूछने के लिए सवाल: इस बार चुनाव में आपके प्रमुख मुद्दे क्या हैं? आप किस प्रकार के प्रत्याशी को समर्थन देना चाहेंगे और क्यों? क्या आपको लगता है कि वर्तमान सरकार/प्रतिनिधि ने आपके क्षेत्र के लिए सही काम किया है? आपको क्या लगता है कि आपके क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार किस क्षेत्र में होना चाहिए? क्या आप चुनाव के दौरान किसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे कि वोटर लिस्ट में नाम न होना आदि? चुनाव अधिकारियों से पूछने के लिए सवाल: चुनाव प्रक्रिया को सुचारु और निष्पक्ष बनाने के लिए क्या-क्या प्रबंध किए गए हैं? वोटिंग के दिन किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और उनके लिए क्या तैया...

सफीदों विधानसभा की तीखी सियासी जंग में जसबीर देशवाल, कर्मबीर सैनी, बच्चन सिंह आर्य और कलीराम के बीच वर्चस्व की होड़ से मुकाबला गर्माता जा रहा है।

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कौन विजयी होगा और अपनी पार्टी की जीत का प्रतीक, प्रतिष्ठित कमल का फूल पेश करेगा? यह चुनाव एक भयंकर संघर्ष का वादा करता है, जिसमें प्रत्येक उम्मीदवार अपनी अनूठी ताकत और रणनीतियों को सबसे आगे लाएगा। सामने आ रहे नाटक को देखने के लिए हमारे साथ बने रहें और जानें कि इस उच्च जोखिम वाली लड़ाई में कौन जीत हासिल करेगा। क्या यह देशवाल का अनुभव, सैनी की लोकप्रियता, आर्य का करिश्मा या कलीराम का दृढ़ संकल्प होगा जो दिन जीतेगा? In the intense political battleground of Safidon Assembly, the contest is heating up as Jasbir Deshwal, Karambir Saini, Bachchan Singh Arya, and Kaliram vie for dominance. Who will emerge victorious and present the coveted lotus flower, symbolizing their party's triumph? This election promises a fierce struggle, with each candidate bringing their unique strengths and strategies to the forefront. Stay tuned to witness the unfolding drama and discover who will secure the victory in this high-stakes battle. Will it be Deshwal's experience, Saini's popularity, Arya...