बिहार में युवाओं की पहली पसंद कौन?
बिहार में युवाओं की पहली पसंद कौन? बिहार का युवा किसे सपोर्ट कर रहा है? जानिए ग्राउंड से रिपोर्ट
बिहार में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है, और इस बार युवाओं की भूमिका अहम मानी जा रही है। प्रदेश की राजनीति में नए और पुराने नेताओं के बीच संघर्ष जारी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि बिहार के युवा किस ओर रुख कर रहे हैं? हमने बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर ग्राउंड से रिपोर्ट तैयार की है ताकि आपको सही तस्वीर दिखा सकें।
युवाओं के लिए प्रमुख मुद्दे
बिहार का युवा आज केवल जाति या परंपरागत राजनीति से प्रभावित नहीं है, बल्कि उनके लिए रोजगार, शिक्षा, उद्योग, और तकनीकी विकास जैसे मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। हमारी रिपोर्ट के दौरान अधिकांश युवाओं ने यह स्पष्ट किया कि वे उन नेताओं को समर्थन देंगे जो उनकी समस्याओं का वास्तविक समाधान निकाल सकते हैं। बिहार में शिक्षा, रोजगार और पलायन जैसे मुद्दे हमेशा से चर्चा में रहे हैं। हमने पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, और पूर्णिया समेत कई जिलों में युवाओं से बातचीत की और उनकी राय जानी।
रोजगार और अवसरों की तलाश
अधिकतर युवाओं का कहना है कि वे उस पार्टी या नेता को समर्थन देंगे जो उन्हें रोजगार देने का वादा करेगा और उसे पूरा भी करेगा। पिछले कुछ वर्षों में बिहार से बड़े पैमाने पर युवा दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु जैसे शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस बार वे चाहते हैं कि कोई ऐसी सरकार बने जो उन्हें अपने राज्य में ही नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराए।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार
बिहार के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की स्थिति को लेकर भी युवाओं में असंतोष है। पटना विश्वविद्यालय के एक छात्र रोहित कुमार का कहना है, "शिक्षा के नाम पर सिर्फ वादे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में कोई सुधार नहीं होता। हमें अच्छी शिक्षा चाहिए ताकि हम प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में आगे बढ़ सकें।"
1. तेजस्वी यादव - युवाओं का नया चेहरा?
राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के नेता तेजस्वी यादव को युवा तबका काफी पसंद कर रहा है। उनका चुनावी एजेंडा खासतौर पर रोजगार और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने 10 लाख नौकरियों का वादा किया था, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को उनकी तरफ आकर्षित किया। कई युवा मानते हैं कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हो सकता है।
2. नीतीश कुमार - विकास के नाम पर समर्थन?
नीतीश कुमार, जो बिहार के मुख्यमंत्री हैं, अपनी 'सात निश्चय' योजना और विकास कार्यों के चलते अब भी एक बड़ा युवा आधार बनाए हुए हैं। हालांकि, कई युवा मतदाता अब यह सवाल उठा रहे हैं कि बिहार में नौकरी और उद्योगों की कमी क्यों बनी हुई है? इसके बावजूद, ग्रामीण इलाकों में अभी भी उनके समर्थन में कमी नहीं आई है।
3. नरेंद्र मोदी और भाजपा - युवाओं का एक अलग नजरिया
बिहार के शहरी इलाकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रति एक अलग ही रुझान देखने को मिला। केंद्र सरकार की योजनाएं, जैसे 'स्टार्टअप इंडिया', 'स्किल इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत', कुछ हद तक युवाओं को प्रभावित कर रही हैं। हालांकि, राज्य स्तर पर भाजपा के युवा नेताओं की पकड़ उतनी मजबूत नहीं दिख रही।
4. नए उभरते चेहरे और युवाओं का समर्थन
बिहार की राजनीति में अब नए चेहरे भी सामने आ रहे हैं, जो युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने 'जन सुराज' अभियान के तहत युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया है, लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि वे किस हद तक सफल हो पाते हैं।
युवाओं की राजनीतिक भागीदारी
हमारी ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के युवा अब पहले की तुलना में अधिक जागरूक हो गए हैं। सोशल मीडिया ने भी इसमें एक अहम भूमिका निभाई है। युवाओं का एक बड़ा वर्ग राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों का बारीकी से अध्ययन कर रहा है और अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने की तैयारी कर रहा है।
बिहार का युवा किसे चुनेगा?
बिहार के युवाओं की पसंद इस बार जाति या पारंपरिक राजनीतिक समीकरणों से अलग दिख रही है। वे उन नेताओं को तरजीह देना चाहते हैं जो उनके रोजगार, शिक्षा और सामाजिक विकास को प्राथमिकता दें।
आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार के युवा किसे अपना नेता चुनते हैं और किसे सत्ता की चाबी सौंपते हैं।
(रिपोर्ट: [VISHWAPREM NEWS])
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