दिल्ली में हरियाणा जैसा उलटफेर? आम आदमी पार्टी और कांग्रेस बना सकती हैं सरकार ?

 दिल्ली में हरियाणा जैसा उलटफेर? आम आदमी पार्टी और कांग्रेस बना सकती हैं सरकार ?


दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर जहां ज़्यादातर एग्ज़िट पोल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने की संभावना जता रहे हैं, वहीं एक ताजा पोल ने चौंकाने वाला अनुमान पेश किया है। इस पोल के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (AAP) को 32-34 सीटें, कांग्रेस को 7-8 सीटें, बीजेपी को 28 सीटें और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिलने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर सरकार बनाने का फैसला करती हैं, तो दिल्ली में एक नया राजनीतिक समीकरण देखने को मिल सकता है।

क्या AAP और कांग्रेस साथ आएंगे?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की सियासी दुश्मनी जगजाहिर है, लेकिन बदले हुए राजनीतिक हालात में दोनों पार्टियां साथ आ सकती हैं। इससे पहले भी कई राज्यों में कांग्रेस ने अपने पुराने प्रतिद्वंद्वियों के साथ हाथ मिलाया है।

  1. संख्याओं का गणित:

    • अगर AAP को 32-34 और कांग्रेस को 7-8 सीटें मिलती हैं, तो यह संख्या बहुमत के जादुई आंकड़े 36 को पार कर सकती है।

    • बीजेपी 28 सीटों पर रुकती है, तो वह सरकार बनाने के लिए निर्दलीयों और छोटे दलों पर निर्भर होगी।

  2. AAP और कांग्रेस के बीच मतभेद:

    • अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी लगातार कांग्रेस की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं।

    • 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी दोनों दलों का कोई गठबंधन नहीं हुआ था।

    • दिल्ली में AAP और कांग्रेस के समर्थक एक-दूसरे के खिलाफ मुखर रहे हैं।

लेकिन सत्ता की मजबूरियां सियासी दुश्मनों को भी दोस्त बना सकती हैं। अगर बीजेपी को सरकार बनाने से रोकना AAP और कांग्रेस का प्राथमिक लक्ष्य बनता है, तो दोनों पार्टियां साथ आ सकती हैं।

बीजेपी की रणनीति और संभावित जवाबी हमला

अगर बीजेपी पूर्ण बहुमत से पीछे रह जाती है, तो वह निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है। इसके लिए बीजेपी नेताओं की ओर से बैकडोर बातचीत की संभावनाएं भी बन सकती हैं।

  • बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व तुरंत सक्रिय हो सकता है और अपने नेताओं को गठबंधन बनाने के लिए निर्देश दे सकता है।

  • बीजेपी की रणनीति यह हो सकती है कि विपक्षी दलों में मतभेद बढ़ाए जाएं और गठबंधन बनने से पहले ही उसे असफल कर दिया जाए।

जनता की प्रतिक्रिया और संभावित नतीजे

दिल्ली की जनता ने पिछले कुछ वर्षों में आम आदमी पार्टी को बड़े पैमाने पर समर्थन दिया है, लेकिन इस बार चुनावी समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं। अगर कांग्रेस और AAP एक साथ आती हैं, तो यह गठबंधन किस हद तक कारगर होगा, यह देखने वाली बात होगी।

अगर कांग्रेस और AAP की सरकार बनती है, तो दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह गठबंधन न केवल दिल्ली की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि इससे विपक्षी दलों को एकजुट होने का संदेश मिल सकता है।

अब देखना यह होगा कि अंतिम नतीजे क्या आते हैं और क्या दिल्ली में हरियाणा जैसी स्थिति बनती है या नहीं।

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