सज गया दिल्ली का चुनावी दंगल
सज गया दिल्ली का चुनावी दंगल
"दिल्ली के रण में बजी चुनावी बिगुल!
आप, बीजेपी, और कांग्रेस... तीनों दलों ने लगा दी अपनी पूरी ताकत।
क्या इस बार फिर केजरीवाल की सत्ता बरकरार रहेगी, या बदलेगा दिल्ली का सियासी नक्शा?
जानिए हर सीट, हर दांव, और हर चाल की पूरी कहानी।"
दिल्ली चुनाव 2025 का आगाज़ – देखिए सबसे तेज़ विश्लेषण सिर्फ Vishwaprem News पर।
intro
दिल्ली का चुनावी दंगल सज चुका है, और राजधानी में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने आज दोपहर 2 बजे दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया, जिससे दिल्ली में चुनावी माहौल और गर्म हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) पिछले तीन बार से दिल्ली की सत्ता में है, और उसे सत्ता से हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस पूरी ताकत लगा रही हैं। आप की शुरुआत भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से हुई थी, लेकिन अब पार्टी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। बीजेपी और कांग्रेस इन्हीं आरोपों के आधार पर आप की सरकार को घेर रही हैं। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के पिछले चुनाव 8 फरवरी 2022 को एक ही चरण में संपन्न हुए थे। दिल्ली की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कुल 1,55,24,858 मतदाता हैं। इनमें 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिलाएं और 1,261 तीसरे लिंग के वोटर शामिल हैं। विकासपुरी विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 4,62,000 वोटर हैं, जबकि दिल्ली छावनी सीट पर सबसे कम 78,893 वोटर हैं।
कोरोना संकट के बाद बीजेपी ने आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए थे। इन आरोपों को बल तब मिला जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई 2022 में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। इसके बाद दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई लोगों को जेल जाना पड़ा। अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया और आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया। इस बार भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा बन गया है। बीजेपी और कांग्रेस ने आप सरकार पर शराब घोटाले और मुख्यमंत्री आवास की साज-सज्जा में गड़बड़ी जैसे आरोप लगाए हैं। इसके जवाब में आप अपनी कल्याणकारी योजनाओं को प्रमुखता से पेश कर रही है। आप ने चुनाव से पहले कई वादे किए हैं, जिनमें बिजली-पानी के बिलों में छूट, बुजुर्गों के मुफ्त इलाज, महिलाओं, पुजारियों, ग्रंथियों और इमामों के लिए आर्थिक सहायता शामिल हैं। इन कल्याणकारी योजनाओं के कारण पार्टी को व्यापक समर्थन मिला है।
दूसरी ओर, बीजेपी दिल्ली में ‘डबल इंजन’ की सरकार के नारे के साथ चुनावी मैदान में है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि किसी भी कल्याणकारी योजना को बंद नहीं किया जाएगा। कांग्रेस ने भी अपनी लोक-लुभावन योजनाओं के सहारे वापसी की तैयारी की है। हाल ही में कांग्रेस ने महिलाओं के लिए ‘प्यारी दीदी योजना’ के तहत हर महीने ₹2500 देने की घोषणा की। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में आप ने बाजी मार ली है। पार्टी ने अपने सभी 70 उम्मीदवारों के नाम पहले ही घोषित कर दिए हैं। पार्टी ने 16 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए और चार विधायकों की सीटें बदली हैं।
नई दिल्ली सीट सबसे चर्चित है, जहां से आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार तीन बार विजयी हुए हैं। केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है. वो दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के बेटे हैं. वहीं बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को टिकट दिया. वो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे और पूर्व सांसद हैं. इस वजह से इस बार नई दिल्ली में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठीं आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव जीती थीं. आप ने उन्हें इस बार भी उसी सीट से टिकट दिया है. वहां उनका मुकाबला कांग्रेस की तेज-तर्रार नेता अलका लांबा और बीजेपी के पूर्व सांसद रमेश विधूड़ी से होगा. लांबा एक बार आप के टिकट पर चांदनी चौक से विधायक और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं. वहीं बीजेपी उम्मीदवार विधूड़ी अपने नाम की घोषणा के साथ ही सुर्खियां बटोर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. इसके लिए उनकी जमकर आलोचना हुई. इसके बाद उन्होंने माफी मांग ली है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं. पिछला चुनाव उन्होंने पटपड़गंज से जीता था. इस बार उन्हें वहां एंटी इनकंबेंसी का डर सता रहा था. इस बार उनकी सीट बदल दी गई है. आप ने पटपड़गंज से यूट्यूबर टीचर अवध ओझा को टिकट दिया है. जंगपुरा में सिसोदिया का मुकाबला कांग्रेस के फरहाद सूरी से है. वो कांग्रेस की दिग्गज नेता ताजदार बाबर के बेटे हैं. बाबर दो बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुकी हैं. वहीं बीजेपी ने जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवाह को उम्मीदवार बनाया है. वो जंगपुरा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं. मारवाह ने 2022 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पिछले तीन बार से दिल्ली में सरकार चला रही है. आप पहली बार 2013 के चुनाव में सत्ता में आई थी. विधानसभा के उस चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. उस चुनाव में बीजेपी ने 33.12 फीसदी वोट के साथ 31 सीटें जीती थीं. पहली बार चुनाव लड़ रही आप ने 29.64 फीसदी वोट के साथ 28 सीटें जीती थीं. वहीं कांग्रेस को 24.67 फीसदी वोट और आठ सीटें मिली थीं.आप ने कांग्रेस के समर्थन से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनाई थी. आप की पहली सरकार बहुत दिन नहीं चल सकी थी. इस वजह से 2015 में एक बार फिर विधानसभा चुनाव कराने पड़े. इस चुनाव में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए आप ने 70 में से 67 सीटें जीत ली थीं. बीजेपी केवल तीन सीटें जीत पाई थी. कांग्रेस के हिस्से में कोई सीट नहीं आई थी. इसके बाद 2020 में कराए गए चुनाव में आप अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई. इसके बाद भी आप 70 में से 62 सीटें जीतने में कामयाब रही. बीजेपी को आठ सीटें मिलीं. कांग्रेस को इस चुनाव में भी शून्य से ही संतोष करना पड़ा था. दिल्ली के सियासी संग्राम में कौन बनेगा विजेता? क्या कल्याणकारी योजनाओं का जादू फिर चलेगा, या सत्ता की कुर्सी बदल जाएगी?
इस चुनावी दंगल की हर नई अपडेट के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।"
Vishwaprem News – जहां हर खबर का होता है सटीक विश्लेषण।
लाइक करें, शेयर करें और सब्सक्राइब करना न भूलें।
हमारी यात्रा में शामिल हों, क्योंकि यहां खबरों में होती है गहराई।
Comments
Post a Comment