हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक बार फिर से अपनी राजनीतिक समझ और मजाकिया अंदाज से विपक्षी कांग्रेस पर तंज कसा है। हाल ही में एक जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री सैनी ने एग्जिट पोल के नतीजों पर चर्चा करते हुए कांग्रेस नेताओं की स्थिति पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के बाद कांग्रेस के कई नेता रेस्ट हाउस में जाकर छिप गए थे, और उन्हें वहां से निकालने का काम खुद करना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने अपनी हरियाणवी भाषा में कहा, "एग्जिट पोल के बाद कई कांग्रेसी तो रेस्ट हाउस म्ह आकै पड़गे थे, मन्नै काढ़णै पड़े आकै, मखा नहीं रै, म्हारी है।" उनका यह व्यंग्यपूर्ण बयान न केवल जनता के बीच हास्य का विषय बना बल्कि कांग्रेस की चुनावी विफलता पर भी एक गहरा कटाक्ष था।
चुनावी समीकरण और एग्जिट पोल
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तीसरी बार सरकार बनाने के बाद, मुख्यमंत्री सैनी दूसरी बार इस महत्वपूर्ण पद पर काबिज हुए हैं। यह चुनाव बीजेपी के लिए एक बड़ी जीत साबित हुई, और इस जीत ने कांग्रेस को गहरे सदमे में डाल दिया। एग्जिट पोल के बाद जहां कांग्रेस पार्टी को अपनी जीत की उम्मीद थी, वहीं अंतिम नतीजे उनके लिए निराशाजनक साबित हुए।
सैनी ने बताया कि एग्जिट पोल के परिणामों के बाद कई पत्रकार उनसे यह सवाल करने लगे कि वे इतनी आत्मविश्वास के साथ जीत का दावा कैसे कर सकते हैं। इस पर सैनी ने स्पष्ट किया कि वे ज़मीन पर रहकर काम करते हैं, हवा में नहीं। उनका कहना था, "मैं धरातल पर हूं, हवा में नहीं हूं। हरियाणा की 2 करोड़ 80 लाख जनता को मैं शीश नवाकर प्रणाम करता हूं, जिन्होंने इस हवा को बदल दिया।"
कांग्रेस नेताओं पर कटाक्ष
मुख्यमंत्री सैनी की इस टिप्पणी के पीछे एक स्पष्ट संदेश था कि कांग्रेस के कई नेता चुनाव परिणामों के बाद हताशा और अवसाद में थे। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के कई नेता अभी सदमे में पड़े हैं, उठे नहीं हैं कि क्या हो गया।" यह बयान कांग्रेस की कमजोर चुनावी रणनीति और नेताओं की निराशा पर निशाना था।
मुख्यमंत्री सैनी लगातार चुनाव के बाद विपक्ष पर हमला करते हुए नजर आ रहे हैं। उनकी यह शैली न केवल पार्टी समर्थकों के बीच लोकप्रिय है बल्कि बीजेपी के लिए यह एक मजबूत रणनीति भी बन चुकी है। सैनी का दावा है कि कांग्रेस की सोच और काम करने का तरीका अब पुराना हो चुका है और वह जनता की बदलती उम्मीदों के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रही है।
बीजेपी की बड़ी जीत और कांग्रेस का संघर्ष
हरियाणा के राजनीतिक समीकरण में बीजेपी की इस जीत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह जीत न केवल सैनी के नेतृत्व की तारीफों का कारण बनी, बल्कि कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका भी साबित हुई। कांग्रेस के कई बड़े नेता एग्जिट पोल के आधार पर अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे थे, लेकिन नतीजे आने के बाद स्थिति उनके विपरीत हो गई।
मुख्यमंत्री सैनी के इस तंज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी ने अपनी जमीनी पकड़ और जनसमर्थन के दम पर यह जीत हासिल की है। वहीं, कांग्रेस को अपनी विफलता के कारण एक बार फिर से आत्ममंथन की जरूरत है।
जनसमर्थन का आधार
सैनी ने अपनी सरकार की तीसरी बार की जीत का श्रेय जनता को देते हुए कहा कि यह जीत जनता के विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने हरियाणा के विकास और प्रगति को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखा है, और इसी के आधार पर वे जनता का समर्थन हासिल करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हरियाणा की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है और आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
निष्कर्ष
नायब सिंह सैनी का यह मजाकिया अंदाज भले ही कांग्रेस पर तंज कसने के लिए था, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी राजनीतिक सच्चाई छिपी है। बीजेपी की यह लगातार तीसरी जीत और कांग्रेस की हार यह साबित करती है कि हरियाणा की राजनीति में जनता ने अपना रुझान बदल लिया है। सैनी ने अपनी जमीनी राजनीति और स्पष्ट दृष्टिकोण के कारण जनता का विश्वास जीत लिया है, जबकि कांग्रेस अभी भी अपनी पुरानी रणनीतियों के साथ संघर्ष कर रही है।
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