हरियाणा में भाजपा ने हासिल किया बहुमत! नायब सैनी या अनिल विज, कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
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हरियाणा में भाजपा की धमाकेदार जीत, नायब सैनी का CM बनना लगभग तय; अमित शाह की भूमिका से सियासी चर्चाओं को मिली हवा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। इस जीत का श्रेय नायब सैनी को दिया जा रहा है, जिनके नेतृत्व में पार्टी ने राज्य में सफलता की इबारत लिखी। चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी ने नायब सैनी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया था, और उनकी लोकप्रियता ने राज्य में भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त किया।
लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी अपने इस मुखर चेहरे को मुख्यमंत्री बनाएगी या अमित शाह की उपस्थिति कुछ नया मोड़ ला सकती है। गृह मंत्री अमित शाह को हरियाणा का ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया है, और इस कदम ने सियासी गलियारों में चर्चाओं को गरमा दिया है। अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी भेजा गया है, जिन्होंने चुनावी रणनीति में अहम भूमिका निभाई थी। शाह की हरियाणा यात्रा और विधायक दल की मीटिंग का आयोजन शपथ ग्रहण से ठीक एक दिन पहले 16 अक्टूबर को रखा गया है, जिससे यह मामला और भी दिलचस्प हो गया है।
नायब सैनी की लोकप्रियता और भाजपा की रणनीति
नायब सैनी की इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भाजपा ने चुनाव पूरी तरह से उनके नेतृत्व में लड़ा था, और गृहमंत्री अमित शाह ने खुद चुनावी सभा में सैनी की अगुआई की तारीफ की थी। शाह ने पंचकूला की एक रैली में कहा था कि हरियाणा का यह चुनाव नायब सैनी की अगुआई में लड़ा जा रहा है, जिससे जनता में यह संदेश गया था कि सैनी मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं।
लेकिन अब जब भाजपा ने अमित शाह को विधायक दल की बैठक के लिए हरियाणा भेजा है, तो अटकलों का दौर फिर से शुरू हो गया है। इस कदम के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी में अभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, और शाह के आगमन के बाद सैनी की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं।
अनिल विज का दावा और संभावित सियासी पेंच
विधायक दल की इस मीटिंग में नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने में एक रोड़ा भी है। हरियाणा के वरिष्ठ नेता और अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक बने अनिल विज ने इस बार मुख्यमंत्री पद का दावा ठोक दिया है। विज ने चुनाव प्रचार के दौरान भी संकेत दिया था कि उनके पास पार्टी का सबसे वरिष्ठ नेता होने का आधार है, और यह वक्त उनका हो सकता है। इससे पहले भी मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया था, और उस समय भी विज ने अपनी नाराजगी जताते हुए मीटिंग छोड़ दी थी।
यदि विधायक दल की मीटिंग में अनिल विज, नायब सैनी के नाम पर आपत्ति जताते हैं, तो अमित शाह का हस्तक्षेप स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण हो सकता है। सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के प्रति भाजपा का रूझान स्पष्ट है, लेकिन हरियाणा की राजनीति में अनिल विज का नाम और कद भी कम नहीं है। भाजपा सूत्रों का मानना है कि सैनी को CM न बनाए जाने की फिलहाल कोई वजह नजर नहीं आती, लेकिन पार्टी ने पहले भी अप्रत्याशित कदम उठाकर सभी को चौंकाया है। 2014 में मनोहर लाल खट्टर को CM बनाकर भाजपा ने लोगों को चौंकाया था और इसी प्रकार, राजस्थान व मध्य प्रदेश में भी अप्रत्याशित फैसले लिए गए।
अमित शाह का हरियाणा मिशन और संभावित नतीजे
हरियाणा में अमित शाह की मौजूदगी के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। एक तरफ, पार्टी के अंदरुनी हालात को शांतिपूर्ण बनाए रखना है, वहीं दूसरी ओर, अनिल विज जैसे वरिष्ठ नेता की महत्वाकांक्षाओं को भी ध्यान में रखना होगा। अमित शाह के करीबी सूत्रों का कहना है कि शाह के पास विज और सैनी, दोनों को संतुष्ट रखने का खास अनुभव है, और वह इस बार भी अपने राजनीतिक कौशल का प्रदर्शन कर सकते हैं।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की प्रबल संभावना है। इसके बावजूद अमित शाह की हरियाणा में मौजूदगी सियासी चर्चा का विषय बन गई है। हरियाणा का आगामी मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर भाजपा का अंतिम फैसला क्या होगा, यह आने वाले कुछ दिनों में ही स्पष्ट हो सकेगा।
इस सियासी घमासान का हरियाणा की राजनीति पर गहरा असर पड़ेगा और अमित शाह के कदम इस निर्णय में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। तो, आप क्या सोचते हैं? हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा – नायब सैनी या कोई और? अपने विचार कमेंट में साझा करें और हमारे चैनल को फॉलो, शेयर और सब्सक्राइब करना न भूलें!
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