सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा रामनिवास सुरजाखेड़ा को बना सकती है उम्मीदवार ?
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भाजपा के लिए सिरसा लोकसभा में नैया पार करनी मुश्किल है पर भाजपा के लिए असंभव नहीं है वो खेल ऐसा खेलती है की हारी हुई बाजी भी जीत जाती है। हाल ही में राज्यसभा के चुनाव में देखा है राजस्थान से राज्यसभा सांसद बना गई। सिरसा लोकसभा पार्टी जजपा को सीट दे सकती है और जजपा से मजबूत खिलाड़ी सिरसा लोकसभा में एक ही बताया जाता है वो है नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा। सुरजाखेड़ा बाल्मीकि समाज और चौधरियों के वोट खींच सकते हैं ऐसे में उन पर भाजपा दांव लगा सकती हैं। देखिए खास रिपोर्ट
Kuldeep Kha
ndelwal
सिरसा लोकसभा से भाजपा से चुनाव लड़ने पर कई नामों की चर्चा है जिसमें सुनीता दुग्गल, वी कामराज, अशोक तंवर और बलिंद्र बलियाली है। हालांकि सुनीता दुग्गल कहती नजर आ रही हैं की उनकी टिकट पक्की है वो ही सिरसा लोकसभा से चुनाव लड़ेंगी पर जातिय समीकरण के साथ उठ रहे किसान आंदोलन ने भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। इसके लिए भाजपा ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर मिली है की भाजपा हाईकमान सिरसा लोकसभा से जजपा को टिकट दे सकती हैं। जिस प्रकार इंडिया गठबंधन ने कुरूक्षेत्र लोकसभा से आप को टिकट दे दी है। ऐसे ही एनडीए भी एक टिकट जजपा को दे सकती है। हालांकि चर्चाएं और जजपा की टिकट को लेकर मांग हिसार और भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा थी पर भाजपा सत्ता में आने के लिए अपना संतुलन बना रही है की वो हरियाणा से ज्यादा से ज्यादा सीट ले। पार्टी द्वारा करवाए गए सर्वे के आधार पर टिकट भाजपा हाईकमान देगा। जजपा दिग्विजय चौटाला या अजय चौटाला को चुनाव लड़वाना चाहती थी पर अब यह गोटी सुरजाखेड़ा की तरफ आती नजर आ रही है। पार्टी सूत्र बता रहे हैं की सुरजाखेड़ा को टिकट देने के पिछे का कारण चौधरियों के वोट लेना है क्योंकि उनको पता है उनको कौन सी महक देकर वोट लिया है। नरवाना से भी तो विधायक उसी महक से बने थे और अब नरवाना में लगभग एक लाख वोट भी चौधरियों के मिल सकते हैं। यह बड़ी संख्या है और सिरसा लोकसभा में लगभग सात लाख वोटर हैं। नरवाना में एक और चर्चा यह भी है की सुरजाखेड़ा और दुष्यंत में नूरा कुश्ती चली हुई है। रामनिवास के कार्यालय में लगी दुष्यंत चौटाला की तस्वीरें लगी दिखा रही है की उनमें जजपा का मोह है। जबकि दुष्यंत चौटाला की फोटो और पार्टी का रंग देवेन्द्र बबली के कार्यालय के गेट से भी उतर लिया है जिसे कैबिनेट मंत्री तक बना दिया था। यही देखकर शायद दुष्यंत चौटाला चाह रहे हो की उनका नाम चले टिकट मिले।
भाजपा के सूत्र बता रहे हैं की हरियाणा भाजपा जजपा को टिकट देना नहीं चाहती है पर शीर्ष नेतृत्व एक सीट देगा जिसमें सिरसा को लेकर सहमति बन सकती है। रामनिवास सुरजाखेड़ा के नाम पर मनोहर लाल को भी एतराज नहीं होगा इसका फायदा रामनिवास सुरजाखेड़ा को हो सकता है और वो सिरसा लोकसभा सीट भाजपा की झोली में डाल सकते हैं। उसके पास चौधरियों के वोट के साथ बाल्मिकी समाज का वोट की भी ताकत है। मिडिया रिपोर्ट के आधार पर बाल्मीकि समाज के लगभग 50 हजार और मजहबी सिक्खों के 60 हजार के लगभग है। जिसकी संख्या लगभग एक लाख से ऊपर बैठती है जिसका फायदा सिरसा लोकसभा में गठबंधन को मिल सकता है। इस मामले पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है कमेंट्स बाक्स में राय जरूर रखें और विश्वप्रेम न्यूज और हरियाणा न्यूज़ फ्लैश को शेयर और सब्सक्राइब करें।
आज के दौर में पत्रकारिता: एक गंभीर विमर्श आज का दौर पत्रकारिता के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। पत्रकारों का मान-सम्मान पहले जैसा नहीं रहा और उनकी प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है। एक समय था जब पत्रकारिता को एक सम्मानित पेशा माना जाता था, लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है। पत्रकारों के प्रति समाज में जो सम्मान था, वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, और इसने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया है। पत्रकारिता का घटता स्तर आजकल पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा है। पहले जब कोई पत्रकार अपने पेशे का जिक्र करता था, तो गर्व का अनुभव करता था, लेकिन आज ऐसा करना शर्मिंदगी का कारण बनता है। नए पत्रकारों को अक्सर ऐसी टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है, जो उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या वे सच में पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं या किसी अन्य व्यवसाय में। पत्रकार का नाम सुनते ही अब सामने वाला व्यक्ति यह सोचने लगता है कि “आजकल तो हर कोई माइक उठाए फिरते हैं।” यह स्थिति इस बात का संकेत है कि पत्रकारिता का पेशा अब नाई की दुकान बन चुका है, जहां एक माइक के सहारे कोई भी पत्रकार बन सकता है। आज, पत्रकारि...
स्विंग के सुल्तान भुवनेश्वर कुमार की दिलचस्प लव स्टोरी – किरायेदार की बेटी से हुआ था प्यार स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय तेज गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार को क्रिकेट जगत में "स्विंग का सुल्तान" कहा जाता है। वो गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने में माहिर हैं, और उनकी काबिलियत का लोहा दिग्गज बल्लेबाज़ भी मानते हैं। आईपीएल 2025 में भुवी इस बार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ओर से खेलते नज़र आ रहे हैं, और अपनी सटीक लाइन-लेंथ व शांत स्वभाव से उन्होंने टीम के गेंदबाज़ी आक्रमण को मजबूती दी है। लेकिन जितने चर्चे भुवनेश्वर की गेंदबाज़ी के हैं, उतनी ही दिलचस्प है उनकी लव स्टोरी , जिसमें रोमांस, सादगी और कनेक्शन की सच्ची मिसाल देखने को मिलती है। किरायेदार की बेटी से हुआ प्यार भुवनेश्वर कुमार की लव स्टोरी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भुवी को अपने ही मकान में रहने वाले किरायेदार की बेटी से प्यार हो गया था। दोनों की पहली मुलाकात बेहद आम थी, लेकिन धीरे-धीरे बातचीत दोस्ती में बदली और फिर प्यार में। भुवनेश्वर का स्वभाव हमेशा से ही कम बोलने वाला, शर्मीला और शांत रहा...
मेदांता में अभय चौटाला और अजय चौटाला अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर को लेने पहुंचे गुड़गांव: हरियाणा के प्रमुख राजनीतिक परिवार से जुड़े चौटाला परिवार में शोक का माहौल छाया हुआ है। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के संस्थापक और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का आज सुबह निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। ओमप्रकाश चौटाला का निधन मेदांता अस्पताल, गुड़गांव में हुआ, जहां वे पिछले कुछ दिनों से भर्ती थे। उनके निधन की खबर फैलते ही पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। देश के कई दिग्गज नेताओं और उनके समर्थकों ने उनके प्रति संवेदना प्रकट की। चौटाला परिवार के सदस्य, अभय चौटाला और अजय चौटाला, अपने पिता के पार्थिव शरीर को लेने के लिए मेदांता अस्पताल पहुंचे। इस दौरान अस्पताल के बाहर भारी भीड़ देखी गई, जिसमें उनके समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे। ओमप्रकाश चौटाला की गिनती हरियाणा की राजनीति के प्रमुख स्तंभों में होती थी। वे अपने कुशल नेतृत्व और जमीनी जुड़ाव के लिए जाने जाते थे। उनकी मृत्यु से हरियाणा की राजनीति में एक युग का...
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