दुष्यंत चौटाला ने बगावती विधायकों के साथ ऐसा कर दिया खेल, बेचारों की बन गई रेल, भाजपा के साथ नहीं होने दिया मेल। मंत्री बनने का सपने का निकाल दिया तेल ?


दुष्यंत चौटाला ने बगावती विधायकों के साथ ऐसा कर दिया खेल, बेचारों की बन गई रेल, भाजपा के साथ नहीं होने दिया मेल। मंत्री बनने का सपने का निकाल दिया तेल। जजपा के बगावती विधायक अपनी बर्बादी पर जश्न मनाते नजर आए। बुरी तो उनके साथ बनी जो मंत्री पद का ख्वाब देख रहे थे अपना जन्मदिन का केक भी मंत्री जी का कटवा रहे थे। दुष्यंत चौटाला चौटाला की बर्बादी में अपनी आजादी देख रहे थे पर सब उल्टा-पुल्टा हो गया। देखिए कुलदीप खंडेलवाल की खास रिपोर्ट 
इंट्रो 

जजपा के साथ भाजपा का गठबंधन टूटें यह ख्वाब जजपा के बगावती विधायकों का था की दुष्यंत चौटाला से दूर होने के बाद उनका भाजपा में और भी ज्यादा महत्व होगा पर वो भूल गए थे की महत्व तो भव्य बिश्नोई का भी वो नहीं हुआ जो होना चाहिए था। भव्य बिश्नोई तो राजनैतिक घराने से हैं। चौधरी भजनलाल सबसे ज्यादा सीएम रहने का रिकॉर्ड रहा है और तेज तर्रार सीएम उसका पोता होने के साथ उपमुख्यमंत्री का भतीजा और सांसद का बेटा होने के साथ राजस्थान में भाजपा की सरकार बनाने का तोहफा दिया था जो लगभग 24 सीट बिश्नोई समाज के गढ़ में थी वह जितवाई थी फिर भी भव्य को क्या मिला। कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होकर बड़ी बात की थी पर हाथ अब तक कुछ नहीं लगा तो जजपा के विधायकों के क्या हाथ लगने देंगे भाजपा वाले। अंगूर के गुच्छे से दूर होकर टूटे अंगूर का क्या हाल होता है। यहां दुष्यंत चौटाला और भाजपा जजपा के बागी विधायकों के साथ खेल गए और जजपा के बगावती विधायक अपनी बर्बादी पर जश्न मनाते नजर आए। बुरी तो उनके साथ बनी जो मंत्री पद का ख्वाब देख रहे थे अपना जन्मदिन का केक भी मंत्री जी का कटवा रहे थे। दुष्यंत चौटाला चौटाला की बर्बादी में अपनी आजादी देख रहे थे पर सब उल्टा-पुल्टा हो गया। दुष्यंत चौटाला यहां खिलाड़ी निकल गया। हाईकमान से मिलकर गठबंधन तोड़कर बगावती जजपा के विधायकों को खड्डलाइन लगवा दिया फिलहाल तो यह हाल है की अब तो यह गीत गुनगुनाते नजर आएंगे की दिल की अरमां आंसूओं में बह गए। ऐसे में खेल तो हो चुका है पर खेल लोकसभा चुनाव के बाद और भी खेला जा सकता है। अगर लोकसभा चुनाव में भाजपा दस सीट जीत गई तो दुष्यंत चौटाला की बल्ले-बल्ले हो सकती है अगर कम सीट आई तो फिर बगावती विधायकों की बल्ले-बल्ले होने की संभावनाएं रहेंगी। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि भाजपा जजपा के बागी विधायकों की बजाए अपने चेहरों की तलाश में लगी है। अब उन बेचारे विधायकों के साथ यह क्या बनी जिन्होंने चार साल भाजपा के गीत गाए पर फिर भी भाजपा को नहीं भाए और इनके साथ हो गया मोए- मोए खैर यह राजनीति का अखाड़ा है यहां कभी भी खेल बिगड़ते देर नहीं लगती। चुनाव के बाद जजपा के बागी विधायकों के साथ अच्छा भी हो जाए और भाजपा में चेहरों का अकाल पड़ जाए और इनकी जरूरत आन पड़े। इस मसले पर आपकी क्या राय है कमेंट्स बाक्स में राय जरूर रखें। देश और प्रदेश की खबरों के लिए देखते रहिए विश्वप्रेम न्यूज और हरियाणा न्यूज़ फ्लैश 

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