डॉक्टर से ट्रांस वीमेन बनीं माया हॉलीवुड में कर चुकी है काम ! लोग बोलते थे कभी छक्का !
तमिलनाडु के मदुरै के रहने वाले एक लड़के की, जिसे अपने आप से लड़के होने की वजह से नफरत थी। तो आइए जानते है कि आखिर वह ऐसा क्यों सोचता था और उसे लड़के होने से क्यों नफरत थी –
कोई मनुष्य जन्म से हीं नहीं जान पाता कि उसका जन्म एक लड़के के रुप में हुआ है या फिर लड़की के रुप में। जब धीरे-धीरे वह बड़ा होता है, तब वह अपने आप को जानने लगता है कि वह कौन है और क्या है, पर क्या आपने कभी सुना है कि कोई व्यक्ति जन्म एक लड़के के रुप में लेता है पर वह अपने इस रूप से ही नफरत करने लगता है। यह सुन कर थोड़ा आश्चर्य होगा पर एक सच्ची घटना है।
तमिलनाडु की मदुरै की रहने वाली एक लड़की माया जाफर (Maya Jaffer) जिनका जन्म एक लड़के के रूप में हुआ था। उनका जन्म भले हीं एक लड़के के रूप में हुआ था, परंतु उनका चाल चलन, नैन-नक्श लड़कियों के जैसा था। उनके मन में हमेशा यह बात रहता था कि वह एक लड़की हीं है। जब भी वह अपने आपको आईने में देखती थी तो उन्हें लगता था कि वह लड़का नहीं बल्कि लड़की है और उन्हें अपने लड़के होने से नफरत सी होने लगी थी। बचपन से हीं वह अपने मां के दुप्पटे से खेलती थी और मेकअप करती थी। उनको हर काम लड़कियों वाला ही पसंद था परंतु यह सब उनके अब्बू को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था वह हमेशा उन्हे छक्का कहके बुलाते थे और बोलते थे कि तू किसी काम का नहीं है तेरा कुछ नहीं हो सकता। यह सब सुनकर उन्हें बहुत बुरा लगता था।
पसंद नहीं करते थे अब्बू
उनकी अब्बू उन्हें हमेशा हीं रिश्तेदारों के सामने बेइज्जत करते थे। वह बताती हैं कि उनके अब्बू हमेशा उन्हें परेशान करते थे। वह उन्हें चुंटिया काट-काट कर उनके पूरे शरीर पर दाग बना देते थे। इनके पिता उन्हें इतना मारते थे कि उनकी जब मौत कैंसर की वजह से हो गई उसके बाद इन्होंने कभी उन्हें याद नहीं किया।
उन्होंने बताया कि एक बार जब वह स्टूल पर बैठी थी और उनके पीछे का फिगर लड़कियों जैसा दिख रहा था तब उनके अब्बू ने उन्हें खूब मारा और कहा कि आज के बाद तुम कभी ऐसा शर्ट और पैंट नहीं पहनोगे। अगर फिर से तुमने ऐसा शर्ट पैंट पहनने की कोशिश भी कि तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मेरी अम्मी मुझसे बहुत प्यार करती थी परंतु लड़कियों वाले शौक को देखकर उन्हें भी बहुत गुस्सा आता था। उन्होंने बताया कि जब एक बार उनके फेस पर पिंपल्स निकल आए थे तब उन्होंने अपने फेस पर हल्दी का लेप लगाया इसे देखकर मम्मी ने उन्हें खूब पीटा।
बड़े भाई को भी मेरे कारण सहनी पड़ी बेज्जती
उन्होंने बताया कि उनका बड़ा भाई देखने में बहुत ही नौजवान और हट्टा-कट्टा था। जब वह अपने दोस्तों के साथ जाता था तो उसके दोस्त बोलते थे कि तू भी मर्द होने का दिखावा करता है, तू भी अपने भाई की तरह ही छक्का है और इस बात पर उनके भाई को बहुत ही गुस्सा आता था। उसे यह बेइज्जती बर्दाश्त नहीं होती थी और इसके लिए वह इन्हें खूब मारा, और अपने दोस्तों से भी पिटवाया।
लड़कियों वाले काम बहुत पसंद थे
माया ने बताया कि उन्हें लड़कियों वाले काम बहुत अच्छा लगता था। जैसे घर पर रहना, घर का काम करना, खाना बनाना यह सब उन्हें बहुत पसंद था। वह बचपन से हीं अपनी मां की साड़ियां ठीक करती थी और लड़कियों वाले हर काम में अपनी मां की मदद करती थी। उन्होंने बताया कि जब उनकी मां को यह सब ठीक नही लगा तो उन्होंने मुझसे कहा कि अब तुम मेरी साड़ियां ठीक नहीं करोगे तुम अपने बड़े भाई के साथ बाहर जाकर खेलोगे।
एक बार की बात है जब उनके स्कूल में बाकी बच्चे बेस्ट फ्रेंड के ग्रुप बना रहे थे उस ग्रुप में माया को भी बोला कि हम एक बेस्ट फ्रेंड का ग्रुप बना रहे हैं उसमें तुम्हें भी ज्वाइन करना है, परंतु माया इसके लिए तैयार नहीं थीं। उसके बाद उसके दोस्त ने कहा कि तुम एक छक्का हो फिर भी मैंने तुम्हें बोला इस ग्रुप में शामिल होने के लिए परंतु तुमने इसके लिए मना कर दिया और इस कारण उससे मुझे बहुत पीटा।
Story of transwoman Maya Zafar worked in Hollywood
अपने दम पर आगे बढ़ने का किया फैसला
माया ने बताया कि उन्हें यह समझ आ गई थी कि उनकी इस समाज में कोई इज्जत नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्हें पढ़ना पड़ेगा और अपने दम पर आगे बढ़ना पड़ेगा। उन्होंने इस स्कूल में किसी को समझा नहीं पाई और अपने आप को बेइज्त होने से भी नही रोक पाई। वह जानती थी कि उनका पड़ा भाई पढ़ाई में अच्छा नहीं है और उन्होंने यह तय किया कि उनको खूब पढ़ाई करनी है जिससे मेरे घर और मेरे समाज में मेरी इज्जत बनी रहे। अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कर्नाटक के फादर म्यूलर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाया। उन्होंने बताया कि उनके अब्बू उनका एडमिशन नहीं करवा रहे थे परंतु उनकी मां ने इसके लिए अब्बू को मनाया।
माया ने बताया कि उनके डॉक्टर बनने से उनके भाई खुश नहीं थे और इनके घर आने से पहले ही वह दुबई चले गए। एक तरफ इनकी सुसाइडल टेंडेंसी बढ़ रही थी तो दूसरी ओर इनके मा-बाप शादी के लिए इन्हें फोर्स करने लगे। उन्होंने बताया कि इन सब से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने किसी भी तरह स्कॉलरशिप पर नेचुरल मेडिसन में वाशिंगटन स्टेट में एक यूनिवर्सिटी में एडमिशन करवाया जो 5 साल का ग्रेजुएशन प्रोग्राम था।
अपनी दोहरी जिन्दगी से थी परेशान
समय बीतता गया और वह अपनी दोहरी जिंदगी से बहुत परेशान हो चुकी थी। उन्हें पूरी तरह से औरत बनना था और इसके लिए उन्होंने सर्जरी करवाने का फैसला किया। उन्होंने एक साइकोथेरेपी और हार्मोन थैरपी शुरू करवाया। फिर उन्होंने बैंकॉक में अपनी सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी करवाई। यह एक सर्जरी पेनिस को वेजाइना में बदलने की सर्जरी थी उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सक्सेस होने के बाद उन्हें लगा कि वह पूरी तरह से औरत बन चुकी है और उन्हें जीने की वजह भी मिल चुकी है वह इस चेंज से बहुत ही ज्यादा खुश थी।
आसान नहीं था सफर
उनके लिए यह सफर इतना आसान नहीं था उस दौरान उन्हें हैवी हार्मोन दवाई लेनी पड़ती थी। करीब 1 से डेढ़ साल के बाद न मर्द के रुप में थी और न ही औरत के रुप में। उन्होंने बताया कि उनका शोषण भी हुआ और वह मरते-मरते बची थी। अगर कभी भी वह रास्ते से गुजरती थी तब लोग उन्हें ट्रैनी, डिसीविंग और चीटर कहकर चिढ़ाते थे। वह कैलिफोर्निया के जिस इलाके में रहती थी वहां अमेरिकी सरकार साइको लोगों को रखती थी और ईलाज का पूरा खर्च सरकार ही उठाती थी।
उन्होंने बताया कि जिस बिल्डिंग में वह एक मर्द के रुप में आई थीं और करीब 12 साल बाद वह एक औरत बनकर निकली। वहां के लोग उन्हें ट्रांजैक्शन के रुप में देख चुके थे। वहां एक आदमी जो अपनी दवाइयां नही लेने की वजह से पागल बन चुका था। जब वे बैंकॉक से ऑपरेशन करवा कर लौटी तो उसने मुझे औरत के रूप में देखा और एक दिन अचानक ही वह मेरे दरवाजे पर आकर बोला आई वांट टू फक यू। उसका कहना था कि तू आजकल बहुत एटीट्यूड दिखा रही है और उसने एक स्क्रू लेकर रेप करने के लिए उनका पीछा करने लगा। उसने कहा कि ओबामा सरकार ने उसकी ड्यूटी लगाई है कि वह इनका रेप करें और मर्डर करें। अपनी जान बचाते हुए वह वहां से भागी और गिर गई जिसके कारण उनका खून भी निकलने लगा और उनका मोबाईल फोन भी टूट गया।
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