लड़कियों की तरह मेकअप और साड़ी पहनकर.....

कुछ हरकतें हमें भी अजीब लगती है तो दुसरो को तो अजीब लगेगी ही बचपन में मुझे पता नहीं चला की क्यों मुझे लड़की की कपड़े पसंद है। जब मेरा कजिन सिस्टर मेरे आखों के सामने सुन्दर सुन्दर लेडिज ड्रेस पहनती थी तो मुझे बहुत तकलीफ होता था, इस बारे मैं सोचकर के क्यों मैं अपनी बहन जैसा कपड़े पहन नहीं सकता, मेरा ड्रेस बहन की ड्रेस से क्यों अलग हैं। और यह तकलीफ और भी बड़ जाता था जब घर में फेस्टिवल के टाइम आता था। उस वक्त घर के सभी महिला सदस्य नई कपड़े, गहने और मैकअप डाल कर मेरे आखों के सामने सज धज करते थे।

जब मैं १०भी कक्षा की एक्जाम दिया तब मुझे गिफ्ट मैं एक मोबाइल फोन मिला, जिससे मुझे इंटरनेट एक्सेस भी मिला। तब मैं गूगल में जाकर सर्च करने लगा मेरा फीलिंग के बारे में। उसबक्त मुझे पता चला क्रॉसड्रेसिंग के बारे में। लेकिन घर में रहेने की कारण मुझे कभी मौका नहीं मिला लड़की बनने का। मुझे डर था किसीने पकड़ लिया तो क्या होगा। इसलिए मैंने अपना क्रॉसड्रेसिंग फीलिंग्स को दबा कर रखने लगा।

लेकिन जब मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया और बाहर जाकर पढ़ाई करने लगा तब मुझे कुछ लड़की के साथ दोस्ती हो गया। अब उन लोगों के साथ रहेकर मेरा फीलिंग और भी बड़ने लगा। मुझे और कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। मुझे सिर्फ और सिर्फ एक मौका चाइए था लड़की बनने का। अगले दिन मैने बाजार गया और एक चूड़ीदार, दुपट्टा और कुछ मैकअप का सामान जैसे नेलपॉलिश और लिपस्टिक खरीद के लाया। १साल तक मैने जैसे तैसे लड़की की ड्रेस पहन कर अपना ख्वाइश पूरा करने लगा। लेकिन मुझे उससे सेटिस्फेक्शन नहीं था। मुझे मेरा फीलिंग को ओर एक्सप्रेस करना चाहिएं था, और इसके लिए मुझे चाहिएं था पर्याप्त मात्रा में लड़की की पहन का सामान। लेकिन तब यह इंपॉसिबल था मेरे लिए, क्युकी इसके लिए मुझे अच्छे जगह ढूढना होगा, जहां मैं बेफिक्र होकर लड़की की रूप ले सकूं, और इसके लिए ज्यादा रुपया भी चाहिए था खर्च करने के लिए… मैं बस इंतजार करने लगा…

कॉलेज के बाद मुझे आखिरकार जब मिल गया…इस सिलसिले में मैं अपना शहर से बाहर चला गया। नौकरी के बजाह से मुझे अपना अपार्टमेंट मिल गया। मैं बहुत खुश था के मैं आखिरकार जितना चाहे उतना कपड़े खरीद कर पहन सकूं। मैं बहुत सारे कपड़े, विग, साड़ी, बिकिनी, नाइटी, जूते और बहुत सारे मेकअप भी खरीद लिया। मैं अपना अधिकांश समय अपार्टमेंट के अंदर एक महिला के रूप में बिताने लगा। अभी भी मैंने अपने क्रासड्रेसिंग को पूरी तरह गुप्त रखा, क्योंकि मुझे डर था के मेरे परिवार और दोस्तों ने मुझे स्वीकार नहीं करेंगे, मुझे गलत तरीके से जज करेंगे।

जब मैं काम नहीं करता था, तो मैं अपना ज्यादातर समय अपार्टमेंट के अंदर रहने और साड़ी गहने मैकअप लगकर समय बिताता था। मुझे बहुत अच्छा लगता था साड़ी पहनकर हिल्स में रूम के अंदर इधर उधर घूमना फिरना। केवल एक चीज जो मेरे लिए बचा, वह था लड़की की रूप लेकर बाहर जाना। लेकिन यह मेरे लिए बहुत डरावना था, और इसलिए भी क्योंकि मेरा अपार्टमेंट फ्लैट की चौथी मंजिल पर था जहाँ अन्य परिवार भी रहते थे। अगर मैंने कोशिश की तो मैं निश्चित रूप से पकड़ा जाऊंगा। इसलिए मैंने वास्तव में बाहर जाने का प्रयास नहीं किया।

हर रोज़ काम से लौटने के बाद, मैं पुरुष कपड़ों की बजाय अपने महिला कपड़ों में बदल जाता था, बालों के ऊपर विग और हल्के मेकअप लगाता था, और एक महिला के रूप में अपना समय बिताता था। मैं ज्यादातर समय शॉर्ट ड्रेस और रेशमी नाइट गाउन पहन कर बिस्तर पर लेटा रहता हूं।

एक शाम, मुझे मेरा नई सारी पहन ना था… मैंने अपनी नई ड्रेस में कुछ अच्छे वीडियो लेने का भी फैसला किया। तो मैं तैयार हो गया और पूर्ण ग्लैम मेकअप लुक के लिए चला गया। फिर मैंने अपनी पसंदीदा ब्रा और पैंटी सेट पहना, अपने काले बालों के ऊपर विग लगाया, फिर आइने के सामने बैठ कर हाथ और पैरों के नाखून पर नैपोलिश लगने लगा। मैने अपना पैरों पर पायल डाल लिया, ओर उसके के बाद एक हिल सैंडल पहन कर तैयार हो गया। मुझे बहुत खुशी हो रहा था। मुझे नाचने की मन कर रहा था, तो मैने होम थिएटर ओन करके स्लो साउंड में आइटम सॉन्ग बजाने लगा, और डांस स्टेप्स प्रैक्टिस करने लगा। मैं तब भूल चुका था के मैं कोइ असल में आदमी हूं। मुझे तब एक लड़की वाली फीलिंगस आ रहा था। मैं पूरी रात अपना वीडियो ले रहा था, और जब मैंने समय देखा, तो सुबह के लगभग 3 बज रहे थे। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि कितना समय बीत चुका था। मुझे नींद आने लगा, तो मैंने सो जाने जा फैसला किया। मैं अपना मेकअप उतारने के लिए सोचा, लेकिन तब मैं बहुत थक चुका था। और सब कुछ सुबह उठकर उतारने के लिए सोचा। और मुझे सारी पहन कर लड़की की रूप में शोने का एक्सपेरिनेस भी करना था…

सुबह मैं अपने दरवाजे की घंटी की आवाज़ के साथ जाग गया। मैंने घड़ी देखा तो करीब 9 बजे थे। मुझे बहुत नींद आ रहा था, इसलिए मैंने घंटी को अनदेखा करने की कोशिश की, लेकिन यह बजता रहा। तो मैं उठा, दरवाजे पर गया और उसे खोला। एक डिलीवरी बॉय था, और उसने मुस्कुराते हुए मेरा अभिवादन किया, “हाय मैम, आपकी एक पार्सल है, शायद आपकी पति के नाम पर…”

जब मैंने उसे मुझे मैम कहते हुए सुना, तो आखिरकार मुझे होश आया, और मुझे याद आया कि मैंने अभी भी साड़ी पहने हैं। मैं लगभग डर से उछल पड़ा। मैं कैसे भूल गया के मैं अभी भी कपड़े पहने हुए। सौभाग्य से, इस फ्लोर पर केवल डिलीवरी बॉय था, और कोई नहीं। इससे पहले कि कोई और मुझे इस तरह से देखे ले मैंने जल्दी से डिलीवरी बॉय से पार्सल ले लिया, और  मुस्कान दे कर दरवाजा बंद कर दिया।

दरवाजा बंद करने पर भी मेरा दिल पागलों की तरह धड़क रहा था। मैं खुद को आईने में देखने के लिए दौरा, और किस्मत से मेरा मेकअप और बाल ठीक लग रहा था। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि यह वास्तव में मेरे साथ हुआ है, और मैं काफी समय तक इसे सोचने लगा…

तब मेरा माइंड के अंदर बहुत सारे विचार आने लगा, क्या वाकई डिलीवरी बॉय को लगा था कि मैं एक महिला हूं? या उसने ध्यान न दिया कि मैं वास्तव में एक आदमी हूं? क्या मैं वास्तव में एक महिला के रूप में गुजर सकता हूं? क्या डिलीवरी मैन मेरे बारे में इस फ्लैट के अन्य लोगों को बताएगा? मुझे शांत होने और मेरे साथ जो हुआ था उसे स्वीकार करने में थोड़ा समय लगा। एक महिला के रूप में यह मेरा पहला मुकाबला था। अब जब मैं इसके बारे में सोचता हूं, तो मुझे खुशी होता है कि यह सब मेरे साथ हुआ, और कुछ ऐसा हुआ जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।

समय बीतता गया… मेरा क्रॉसड्रेसिंग का एक्सपीरियंस और भी बड़ने लगा। लॉकडाउन के दौरान मैंने मेरा नाखून और सर के बाल बड़ा लिया। कान भी छेद कर लिया। मैं अपना चेहरे को हरबक्त क्लीन शेव में रखता हूं। मुझे अभी भी डर है कि घरवालों को इसके बारे में पता न चल जाए। लेकिन अब डर भी धीरे धीरे साहस मैं बदल रहा हैं। घरबालों  ने अब मुझे स्वादि के बारे में भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया, एक दो साल में वो भी हो जायेगा। उम्मीद हैं की मुझे ऐसा लड़की मिल जाए जो मेरे अन्दर महिला रूप की स्वीकार कर सकें।

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