माँ को पता चला बेटा लड़की की तरह सजता संवरता है तो माँ ने पहनवाई साड़ी और...
जब एक crossdresser अपने अरमानों को पुरा करने के लिए उसकी मम्मी साथ देने लगी जाए तो फिर जिंदगी जीने की वजह मिल जाती है। यह कहानी माँ और बेटा जो बेटी बना ली है उसी पर है। हृतिक सुबह से बहुत बिजी था। पता नहीं क्या काम कर रहा था वो। उसकी मां सुबह से बहुत बार कॉल कर चुके। लेकिन किसी को से हृतिक रिसीव नहीं कर पाया। दोपहर को जब उसकी मां फिर से कॉल किया तब जाकर फोन उठाया…
मॉम: क्या कर रहा है? फोन क्यूं नहीं उठा रहा था?
हृतिक: वो मा… थोड़ा विजी था, कुछ काम कर रहा था।
मॉम: केसा काम?
( हृतिक थोड़ी देर सोच कर जवाब दिया)
हृतिक: … हां वो नहा रहा था तो बाथरूम में था ना।
(मां ने अच्छी तरह से समझ लिया)
मॉम: झूट मत बोल…
(मां की इस बात सुनकर हृतिक घबरा गया)
हृतिक: अरे इसमें झूट की क्या बात है? बस जरा विजि था…
मॉम: अच्छा ठीक है, चल तेरा नई फ्लैट दिखा मुझे… वीडियो कॉल करता हूं तुझे अभी…
(हृतिक नयी फ्लैट में शिफ्ट हुआ अपनी जब की पर्पस में।)
हृतिक: क्या? अभी? (ऋतिक इसके लिए पहले से प्रिपेयर नहीं था)
मॉम: हां अभी… क्यूं, प्रॉबलम है?
(मां को पता चल गया कि ऋतिक कुछ छुपा रहा है)
हृतिक: नहीं… लेकिन अभी तो… आपको में आधे घंटे बाद कॉल करता हूं ना?: अरे अभी मुझे टाइम मिली है… अभी दिखाना बेहेतर होगा… चल दिखा दे…
हृतिक: पर मा…
(मा भी कहां छोड़ने वाले थे)
मॉम: क्या हुआ? इसमें क्या दिक्कत है तेरा?
हृतिक: नहीं कुछ नहीं… लेकिन बाद में देख लेते तो अच्छा होता।
मॉम: तू कुछ छुपा रहा है क्या? सच बोल… तू मुझसे कुछ छुपाना चाहता है…
हृतिक: अरे नहीं नहीं… कुछ नहीं
मॉम: फिर? चल skype ऑन कर जल्दी…
हृतिक: ठीक है… मुझे १० मिनिट दो…
मॉम: दश मिनिट नहीं… मैं तुझे सिर्फ दो मिनिट देता हूं… जो करना है करले…
(हृतिक इससे आगे और कुछ नहीं बोला… बाथरूम में जाकर अपनी पुराने कपड़े चेंज करके नहीं कपड़े पहन लिया, मुंह को अच्छी तरह से पानी से धो लिया… फिर कुछ देर बाद मम्मा के साथ skype में बातचीत शुरू हुआ)
मॉम: हां सही है… अब क्लियर आ रही है, अब दिखा दे तेरा रूम…
हृतिक: हां रुको…
(अचानक कुछ हुआ… मां को कुछ अजीब सा चीजें दिखी)
मॉम: एक मिनिट रुख… तूने काजल लगाया?
ह्रितिक: मतलब? (टावल से आंखों को रगड़ते हुए)
मॉम: तूने मेकअप लगाया?
हृतिक: क्यूं? नहीं तो…
मॉम: फिर झूट? मैं दाबे के साथ केह सकती हूं कि तेरे चेहरे पर मेकअप डाला गया था… अभी भी दिख रही है कुछ…
तेरी आंख कुछ ज्यादा ही काली दिख रही है…
(हृतिक इस परिस्थितियों को सम्हाल देते हुए)
हृतिक: अरे आपको कोई ग़लत फेइमी हो गई है…
मॉम: अच्छा और तू जो तेरे नाखून पर नेलपॉलिश लगाया है वह क्या मेरी ग़लत फेईमी है?
हृतिक: (कुछ देर चुप रहने की बाद) अरे तुम रूम देखो ना… यह देखो मेरा…
मॉम: चुप हो जा… मुझे बोलने दे… तुझे क्या लगा तू यह सब छुपा कर ठीक कर रहा है? मुझे पता नहीं चलेगा? मुझे सब कुछ मालूम है…
हृतिक: (रुक रुक के…) क्या… क्या मालूम है?
मॉम: वही जो तू बचपन से करता आ रहा है… लड़की की कपड़े पहन ना, लड़की जैसा सजना संवरना यह सब… लड़की बनने की ख्वाहिश है ना तुझे?
(हृतिक अब पूरी तरह चुप हो गया… उसे मालूम नहीं था कि इसके आगे मां को क्या जवाब देना चाहिए… वो चुपचाप अपनी जगह पर बैठा रहा… और धीरे-धीरे आंखों से आंसू टपकने लगा…)
मॉम: क्या हुआ बात तो कर मैं कुछ नहीं बोलूंगी… लेकिन तुझे तो यह सब मुझे पहले बताना चाहिए था… तू तो मुझसे हर एक बात शेयर करता था…
हृतिक: (एक लंबी सांस लेकर) वो मा… कैसे बताता मैं, मुझे लगा आप मानोगे ही नहीं…
मॉम: (गुस्से से) एक थप्पड़ मारूंगी… एक थप्पड़ मारूंगी, तेरी कौन सी बात आज तक मानती नहीं हूं?
ह्रितिक: लेकिन…
मॉम: लेकिन लेकिन कुछ नहीं, तुझे बताना चाहिए था मुझे, बस।
हृतिक: ठीक है, ठीक है, मैं माफी मांगता हूं आपसे, अब ठीक है, खुश?
मॉम: नहीं, अब तुझे लड़की बन कर आना पड़ेगा, अभी के अभी। मैं देख तो लूं कि मेरी रितिका कितनी सुंदर दिखती है…
हृतिक: क्या मा? अभी केसे?: क्यों शर्मा रहा है? मैं तुझे आधे घंटे बाद कॉल करती हूं… ठीक है तब तक खुद को लड़की बना ले…
हृतिक: अरे यार आपने तो मुझे फंसा ही दिया…
मॉम: हां हां चल… और बहाना मत बना, मुझे पता है कि अंदर से बहुत खुश हो रहा है तू…
हृतिक: (चमकते हुए) हां मैं बहुत खुश… क्या बताऊं आपको… मैं अपनी खुशी शब्द में बयां नहीं कर सकता अभी… मुझे लगा ही नहीं था कि आप इतनी जल्दी मान जाओगे… मुझे लगा था आप इसके लिए मुझे डांट दोगे।
मॉम: ठीक है, ठीक है, अब जा… जाकर जल्दी से तैयार हो जा। और हां, क्या पहनेगा?
हृतिक: आप बोलो ना… कोई भी… कोई भी पहन कर आ जाते है।
मॉम: मेरा बस चले तो आज साड़ी में तैयार हो जा… तेरे पास साड़ी है ना पहन ने के लिए?
हृतिक: (शर्मा के) हां है ना… मेरे पास दो साड़ी है… हाल ही में खरीदा… पहन के आ जाऊं?
मॉम: हां जल्दी से आजा… और तुझे कैसे पता चला कैसे साड़ी पहनते हैं? मुझे अभी भी प्रॉब्लम महसूस होता है इसको पहनने में… तू कैसे सीख गया? मैं भी तो तेरा हेल्प नहीं कर सकता अभी…
हृतिक: अरे फिकर मत करो मां, मुझे सब मालूम है… मुझे पहले नहीं पता था, लेकिन अब मैं बहुत अच्छी तरह से पहन ता हूं, यूट्यूब देख देख कर कर मैं अच्छी तरह से सीख चुका हूं…
मॉम: तभी मैं समझू के मेरी बेटी इतनी बड़ी हो गई है… मुझे अभी तक मालूम ही नहीं चली…
हृतिक: तुम भी ना मां, क्या-क्या बोल देती हो… मुझे इतना शर्माओ मत…
हृतिक/ रितिका अपना प्राइवेट रूम जाकर खुद को लड़की बनाने की तैयारी में लग गई… आज उसे बहुत अच्छा लग रही थी… आज पहली बार मौका मिली है मां के सामने औरत बनके जाने कि… पता नहीं कैसी दिखेगी लड़की की रूप में… अपनी मां के सामने घबराहट सी हो रही थी उससे… मन में बेचैनी थी… कुछ देर सोच कर अपनी प्राइवेट काबाद से एक सारी, मैचिंग ब्लाउज, और पेटीकोट निकाली… उसे देख कर रीतिका कि मन में एक अजीब सी सिहरन जाग उठी। १० मिनट के अंदर उस साड़ी को अपना शरीर पर अच्छी तरह से चढ़ा लिया। उसके बाद अपना चेहरे पर मेकअप डालना शुरू कि… लिपस्टिक, काजल, बिंदी, आईशैडो, और क्या क्या नहीं… मेकअप खत्म होने के बाद लिपस्टिक से रंगा हुआ रीतिका की होठों से एक मुस्कुराहट निकल आयी… अब ज्वेलरी पहनने की बारी है… हाथों में चूड़ियां… पैरों में पायल… कानों में झुमके… क्या नजारा है… यह सब कुछ हो जाने के बाद एक विग डालकर उसे कंब करने लगी। आईने में खुद को २ मिनट तक अच्छी तरह से दिखने लगा। और कोई कमियां तो नहीं है? शायद नहीं… अब रितिक एक संपूर्ण नारी है… साड़ी और मेकअप में कोई नहीं बता पाएगा कि यह रितिका नहीं हृतिक है…
ह्रितिक से कई गुना बेहतर दिखती है रितिका… एकदम परी जैसी… वैसे हृतिक एक औरत ही तो है…
५ मिनट के बाद मां की फोन आया… हृतिक को घबराहट सी हो रहा था… क्या उसकी इस रूप देखकर उसकी मां को अच्छा लगेगी? क्या एक मा अपने बेटे को औरत की रूप में देखकर अच्छी महसूस करेगी?
मॉम ने जब हृतिक/ रितिका को देखा तो चौक गए… विश्वास ही नहीं हुआ कि उसकी बेटा लड़की की गेट आप में है। उसे लगा और कोई लड़की होगा जो उनके साथ अभी बात कर रही है…
रितिका की मां रोने लगी… खुशी के आंसू बहाने लगी… आज वह बहुत खुश है शायद… और वर्षों से एक चाह थी शायद कि उनकी एक बेटा नहीं एक बेटी हो… आज उनकी ख्वाहिश पूरी हुई।
मां कि आंख में आंसू देखकर हृतिक ने बोला, “क्यों रो रही है आप? मुझसे खुश नहीं हो?
मॉम: (रोते हुए) अरे पगली, यह खुशी का आंसू है। मैं आज बहुत खुश हूं तुझे लड़की की रूप में देखकर। मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रही है। अच्छा होता अगर तू लड़की बन कर जन्म लेता…
हृतिक: लेकिन मां मैं तो लड़की ही हूं… मैं आपके लिए बेटा भी हूं और बेटी भी हूं…
मॉम: अगर मेरा बस चलता तो तुझे इसके बाद और कभी भी लड़का बनने नहीं देती… कितनी सुंदर लग रही है मेरी रितिका एक लड़की बनके…
हृतिक: (कुछ देर बाद) चलो अब इमोशनल ड्रामा बंद करो… आप ने मुझे लड़की की भैंस में देख लिए… अब मुझे जाने दो… मैं क्या लड़की बन के रह जाऊं सारे दिन… अब मुझे लड़के भी तो बनना है… मेरा बहुत काम है…
मॉम: और कुछ देर के लिए रह जा… तुझे देखनी है मुझे अच्छी तरह से…
हृतिक: और कितनी देर देखोगे… छोड़ो मुझे… अब जाने दो, मेरा बहुत काम है…
मॉम: ठीक है… लेकिन मुझे वादा कर कल फिर से लड़की बनकर मुझे फोन करेगा… अब से जब भी तेरे साथ बात होगी… तू मेरी बेटी बनकर बात करेगी… ठीक है?
हृतिक: (थोड़ी देर सोच कर) ठीक है लेकिन मेरा भी एक इच्छा है… और उसको पूरा करने के लिए आपकी परमिशन चाहिए…
मॉम: हां बोल कैसा इच्छा…
हृतिक: मुझे अपना बाल बढ़ानी है, और नाक और कान में छेद करना है…
मॉम: (मुस्कुरा हुआ) क्यों? तुझे क्यों लगता है कि बिना बाल के औरत अच्छी नहीं दिखती?
हृतिक: नहीं नहीं ऐसा बात नहीं है… मुझे ऐसे ही बढ़ानी है बाल…
मॉम: ठीक है… लेकिन अपना शोल्डर लेंथ से ज्यादा मत बढ़ा लेना…
हृतिक: और नाक और कान में छेद करना भी तो है…
मॉम: हां वो भी कर ले… आजकल तो यह सब फैशन हो गया है… और हां नेल्स भी बड़ा लेना… ज्यादा फेमिनिन मेहेसुस करने के लिए… नेल पॉलिश लगाएगा तो अच्छा लगेगा… यह सब कुछ तो फैशन हो चूका है ना…
हृतिक: आप मेरी सबसे स्वीट मॉम हो… मैं बहुत खुश हूं, आप को बयां नहीं कर सकता कि मैं कितना खुश हूं…
मॉम: जा… अब तू भी इमोशनल ड्रामा शुरू कर दिया… जा अपना काम कर ले… और हां इसके बाद और कोई बात मुझसे छुपा मत लेना। मुझे बताना अगर कोई तकलीफ हो तो। मैं हर वक्त तेरे साथ हूं, तेरा हर डिसिशन में, तेरा हर कदम में मैं साथ हूं। जा जी ले अपनी जिंदगी… और अपना केरियर मत भूल जाना, उस को ध्यान में रखकर जो चाहे करना।
ह्रितिक: अच्छा मां अगर पापा को पता चल गया तो फिर? क्या कहूंगा मैं?
मॉम: मैं तो तेरे पापा से यही कहूंगी कि आपके घर में एक बेटी आई है। परिवार की खर्च अब दोगुना बढ़ जाएगी… क्योंकि अब तो बहुत कुछ खरीदने हैं, बहुत कुछ करना है मुझे मेरी बेटी के लिए…
हृतिक: अरे मजाक मत करो… बोलो ना…मॉम: अरे फिक्र मत कर, तेरी मम्मी है ना, वह सब कुछ संभाल लेगी… अभी पापा को कुछ बताने की जरूरत नहीं है… मैं धीरे-धीरे सब कुछ बता दूंगी। तू चिंता मत कर, मैं तुझे भरोसा देती हूं कि वह भी तुझे मान जाएंगे… चल अभी जा… बहुत टाइम हो चुके… अभी तू काम कर ले, बाद में फोन करती हूं मैं।
ह्रितिक/ रितिका
कल काटने की बाद रितिका/हृतिक ने चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट लेकर अपना काम पर बिजी हो गया…
Bahut pyari si kahani
ReplyDeleteBahut accha laga❤
Very good.
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