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कर्नाटक कांग्रेस में तकरार! गुटबाजी पर नियंत्रण के लिए AICC का सख्त निर्देश

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कर्नाटक कांग्रेस में तकरार! गुटबाजी पर नियंत्रण के लिए AICC का सख्त निर्देश कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के कुछ ही महीनों के भीतर पार्टी के अंदर गुटबाजी और आपसी कलह की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। राज्य में सत्ता के लिए संघर्ष और नेताओं के बीच खींचतान ने पार्टी नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। इस संदर्भ में, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने कर्नाटक इकाई को सख्त निर्देश जारी करते हुए गुटबाजी को तत्काल समाप्त करने का आदेश दिया है। गुटबाजी की जड़ें कर्नाटक कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नेतृत्व में दो अलग-अलग धड़े बने हुए हैं। सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं, जबकि डीके शिवकुमार राज्य अध्यक्ष के रूप में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। इन दोनों नेताओं के बीच सत्ता और प्रभाव को लेकर खींचतान जारी है। सूत्रों के अनुसार, विधायकों और मंत्रियों के बीच भी मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। कुछ विधायक अपने विकास कार्यों की उपेक्षा और फंड आवंटन में भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। इसके अलावा, कुछ मंत्री मुख्यमंत्...

वजीरपुर 2025: तीन दावेदार, एक रणभूमि – कौन बनाएगा अपनी जीत की कहानी?

वजीरपुर विधानसभा चुनाव 2025: रागिनी नायक, राजेश गुप्ता और भाजपा के नए चेहरे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला! वजीरपुर 2025: तीन दावेदार, एक रणभूमि – कौन बनाएगा अपनी जीत की कहानी? "नमस्कार! स्वागत है आपका हमारे खास कार्यक्रम में, जहां हम चर्चा करेंगे वजीरपुर विधानसभा सीट के चुनावी परिदृश्य की। दिल्ली के उत्तर-पश्चिम में स्थित यह क्षेत्र अपने औद्योगिक और व्यावसायिक पहचान के साथ-साथ जातीय समीकरणों और स्थानीय समस्याओं के लिए जाना जाता है। आइए, जानते हैं कि इस बार कौन-कौन से प्रमुख चेहरे चुनावी रणभूमि में उतर रहे हैं और क्या कहते हैं यहां के ऐतिहासिक आंकड़े।" intro  वजीरपुर विधानसभा सीट का चुनावी परिदृश्य दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख स्थान रखता है। यह क्षेत्र औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र होने के साथ-साथ जातीय विविधताओं का संगम भी है। यहां का राजनीतिक परिदृश्य हर चुनाव में बदलता है, और इस बार के चुनावी समीकरण भी कुछ अलग नजर आ रहे हैं।वजीरपुर क्षेत्र की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति (26%) और ओबीसी (22%) का खासा प्रभाव है। इसके अलावा, बनिया (11%), पंजाबी (14%), मुस्लिम (6%...

सज गया दिल्ली का चुनावी दंगल

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  सज गया दिल्ली का चुनावी दंगल "दिल्ली के रण में बजी चुनावी बिगुल! आप, बीजेपी, और कांग्रेस... तीनों दलों ने लगा दी अपनी पूरी ताकत। क्या इस बार फिर केजरीवाल की सत्ता बरकरार रहेगी, या बदलेगा दिल्ली का सियासी नक्शा? जानिए हर सीट, हर दांव, और हर चाल की पूरी कहानी।" दिल्ली चुनाव 2025 का आगाज़ – देखिए सबसे तेज़ विश्लेषण सिर्फ Vishwaprem News पर। intro दिल्ली का चुनावी दंगल सज चुका है, और राजधानी में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने आज दोपहर 2 बजे दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया, जिससे दिल्ली में चुनावी माहौल और गर्म हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) पिछले तीन बार से दिल्ली की सत्ता में है, और उसे सत्ता से हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस पूरी ताकत लगा रही हैं। आप की शुरुआत भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से हुई थी, लेकिन अब पार्टी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। बीजेपी और कांग्रेस इन्हीं आरोपों के आधार पर आप की सरकार को घेर रही हैं। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के पिछले चुनाव 8 फरवरी 2022 को एक ही चरण में संपन्न हुए थे। दिल्ली की मौजूदा वि...

क्या बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को चारों तरफ से घेर लिया है? "झुग्गी वालों पर फोकस, मुफ्त योजनाओं का वादा और 'शीशमहल' का हमला – क्या दिल्ली चुनाव में बीजेपी की नई रणनीति से टूटेगा AAP का किला?

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 नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपके अपने चैनल vishwaprem news  पर, जहां हम आपको दिल्ली के सियासी मैदान की हर बड़ी खबर के साथ अपडेट रखते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है, और इस बार लड़ाई सीधे बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की लगातार जीत ने बीजेपी को नई रणनीतियां अपनाने पर मजबूर कर दिया है। मुफ्त योजनाओं की सियासत, झुग्गी-झोपड़ी वालों को साधने की कोशिशें और 'शीशमहल विवाद' पर बीजेपी के वार—दिल्ली का चुनावी माहौल पूरी तरह गरमाया हुआ है। क्या पीएम मोदी की "जहां झुग्गी, वहीं मकान" योजना और मुफ्त सुविधाओं को जारी रखने के वादे से बीजेपी दिल्ली की सत्ता में वापसी कर पाएगी? या अरविंद केजरीवाल की योजनाएं फिर से बीजेपी की राह में रोड़ा बनेंगी? intro बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को चारों ओर से घेरने की रणनीति अपनाई है, और दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। दिल्ली के पिछले तीन विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) की लगातार सफलता के बाद बीजेपी के लिए यह चुनौती और भी बड़ी हो गई है...

आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस - तीनों पार्टियां अपनी रणनीतियों और दावों के साथ मैदान में हैं।

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 नमस्कार दोस्तों! दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ चुकी हैं, और राजनीति के इस महासमर में हर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस - तीनों पार्टियां अपनी रणनीतियों और दावों के साथ मैदान में हैं। लेकिन सट्टा बाजार क्या कह रहा है? फलौदी सट्टा बाजार ने सभी 70 सीटों पर अपना विश्लेषण जारी कर दिया है। तो चलिए, जानते हैं दिल्ली चुनाव के सट्टा समीकरण और इसके असर के बारे में, सिर्फ हमारे चैनल पर!"  दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। अगले महीने होने वाले इन चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। इन दलों के नेताओं द्वारा लगातार चुनाव प्रचार और वादों की झड़ी लगाई जा रही है। हालांकि, इन तमाम प्रयासों के बीच फलौदी सट्टा बाजार के आकलन ने चर्चा का नया विषय पैदा कर दिया है। सट्टा बाजार ने सभी 70 विधानसभा सीटों का समीकरण जारी करते हुए आगामी चुनाव परिणामों का पूर्वानुमान लगाया है। आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सी...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या: मुफ़लिसी और जोखिम के बीच सच्चाई की कीमत चुकाते पत्रकार

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  छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर ! मुकेश चंद्राकर, हमारे बीच के और हममें से एक पत्रकार, आज हमारे बीच नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाक़े में काम करने वाले इस निर्भीक पत्रकार की हत्या ने पत्रकारिता जगत और समाज को झकझोर कर रख दिया है। मुफ़लिसी और कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए मुकेश ने अपनी कलम और कैमरे के ज़रिये दुर्गम इलाकों की सच्चाई को दुनिया के सामने लाने का साहस दिखाया। मुकेश चंद्राकर का काम उन आवाज़ों का प्रतिनिधित्व करता था जिन्हें अक्सर दबा दिया जाता है। बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करना न सिर्फ़ जोखिम भरा है बल्कि एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी है। उन्होंने उन मुद्दों को उजागर किया जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया अक्सर नज़रअंदाज़ कर देती है। लेकिन उनका यही साहस उनकी जान पर भारी पड़ गया। सूत्रों के मुताबिक, एक ठेकेदार ने मुकेश की हत्या की और उनके शरीर को उनके ही घर के सैप्टिक टैंक में छुपा दिया। यह घटना जितनी भयावह है, उतनी ही हमारी सामूहिक संवेदनहीनता पर सवाल उठाती है। सोचने वाली बात यह है कि अगर यह घटना द...

दिल्ली चुनाव जीतने पर कौन हो सकता है बीजेपी का संभावित सीएम चेहरा?

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दिल्ली चुनाव जीतने पर कौन हो सकता है बीजेपी का संभावित सीएम चेहरा?  नमस्कार! दिल्ली में विधानसभा चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है, और नतीजे आने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है—अगर बीजेपी जीतती है, तो दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा? क्या पार्टी एक अनुभवी चेहरे को चुनेगी, या नरेंद्र मोदी और अमित शाह की रणनीति के तहत कोई नया चेहरा सामने आएगा? आइए जानते हैं उन नामों और समीकरणों के बारे में जो दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेंगे।" intro दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संभावित मुख्यमंत्री (सीएम) चेहरे को लेकर चर्चा तेज हो गई है। बीजेपी हाईकमान ने हमेशा से चुनावी रणनीति में नए प्रयोग किए हैं, और इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद, जब इन राज्यों में बीजेपी को बहुमत मिला, तो पार्टी ने नए चेहरों को सीएम बना दिया था। इसी तरह, हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलकर पार्टी ने अपनी चुनावी किस्मत पलट दी थी। इन उदाहरणों को देखते हुए, दिल्ली में भी कुछ ऐसा ही खेल खेला जा सकत...