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जींद जिले के उचाना के छातर गांव में शनिवार को शहीद सतीश कुमार की बेटी निशा की शादी हुई। वधू पक्ष की ओर से सीआरपीएफ की टुकड़ी ने बरात का स्वागत किया।शहीद सतीश की बेटी की शादी में पिता की कमी महसूस न हो,

जींद जिले के उचाना के छातर गांव में शनिवार को शहीद सतीश कुमार की बेटी निशा की शादी हुई।  वधू पक्ष की ओर से सीआरपीएफ की टुकड़ी ने बरात का स्वागत किया। शहीद सतीश की बेटी की शादी में पिता की कमी महसूस न हो,  जींद जिले के उचाना में छातर गांव में शहीद सतीश कुमार की बेटी की शादी, सीआरपीएफ ने निभाई पिता की भूमिका जींद जिले के उचाना के छातर गांव में शनिवार को एक भावुक और प्रेरणादायक घटना घटी। शहीद सतीश कुमार की बेटी निशा की शादी पूरे सम्मान और उत्साह के साथ संपन्न हुई। इस विवाह समारोह को खास बनाने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने विशेष भूमिका निभाई। शहीद की बेटी की शादी: एक मिसाल निशा, जो बचपन से ही अपने पिता की छत्रछाया से वंचित रही, का विवाह समारोह उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन था। वधू पक्ष की ओर से सीआरपीएफ की टुकड़ी ने बारात का भव्य स्वागत किया, जिससे यह समारोह एक भावुक और गौरवपूर्ण घटना बन गया। सीआरपीएफ ने इस शादी को न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में देखा, बल्कि इसे शहीद सतीश कुमार को श्रद्धांजलि देने का माध्यम भी बनाया। पिता की कमी पूरी करने का प्रयास शहीद सतीश कुमार ने

कांग्रेस का पिछले 5 साल का रिपोर्ट कार्ड: क्या है हार की वजह, और कौन जिम्मेदार?

छले 5 साल का कांग्रेस का रिपोर्ट कार्ड 2019 लोकसभा हारे 2019 आंध्र प्रदेश,सिक्किम,ओड़िसा, अरुणाचल प्रदेश,हरियाणा हारे 2020 दिल्ली,बिहार हारे 2021 असम,केरल,पश्चिम बंगाल हारे 2022 गुजरात,पंजाब,उत्तराखंड,गोवा,मणिपुर हारे 2023 मध्य प्रदेश,राजस्थान,छत्तीसगढ़ हारे 2024 में लोकसभा,ओड़िसा,आंध्र प्रदेश,हरियाणा महाराष्ट्र हारे किस पार्टी, जिसे कभी भारतीय राजनीति की धुरी माना जाता था, पिछले पांच सालों में अपने प्रदर्शन को लेकर गंभीर आलोचना झेल रही है। इन वर्षों में पार्टी को लोकसभा चुनावों से लेकर कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ा। सवाल उठता है कि इस विफलता का जिम्मेदार कौन है और पार्टी को अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए क्या 2019: लोकसभा और राज्यों में हार का सिलसिला 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए एक बड़ी असफलता साबित हुआ। पार्टी ने मात्र 52 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 303 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया। राज्य स्तर पर भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा: आंध्र प्रदेश : यहां पार्टी हाशिए पर चली गई। सिक्किम, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश : कांग्र

शिंदे के नाम पर लगेगी मुहर या फडणवीस संभालेंगे महाराष्ट्र की कमान? जानें मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन आगे

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  शिंदे के नाम पर लगेगी मुहर या फडणवीस संभालेंगे महाराष्ट्र की कमान? जानें मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन आगे ? महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद राज्य की सियासत गर्मा गई है। एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट की महायुति ने रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की है। कुल 288 सीटों में से एनडीए ने 235 सीटों पर कब्जा किया, जिसमें भाजपा ने अपने दम पर 132 सीटें जीतीं। इसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कड़ी टक्कर वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जिन्होंने शिवसेना (शिंदे गुट) का नेतृत्व करते हुए शानदार प्रदर्शन किया और 57 सीटों पर जीत हासिल की, और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो भाजपा के मजबूत नेता माने जाते हैं, दोनों मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पद का फैसला केवल किसी एक दल पर निर्भर नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा है, "यह निर्णय तीनों दलों के नेताओं के बीच चर्चा के बाद लिया जाएगा।

मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिलाई सपा, उठाए गंभीर सवाल ?

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  मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिलाई सपा, उठाए गंभीर सवाल ? उत्तर प्रदेश में हाल ही में 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। इन नतीजों ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीजेपी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को 2 और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को 1 सीट मिली। यह उपचुनाव आने वाले 2027 के विधानसभा चुनावों का "सेमीफाइनल" कहा जा रहा है, हालांकि राजनीतिक विश्लेषक इस दावे को खारिज कर रहे हैं, क्योंकि प्रदेश में 400 से अधिक विधानसभा सीटें हैं, जिनके मुकाबले 9 सीटों का महत्व सीमित है। मुस्लिम बहुल सीटों पर भाजपा की चौंकाने वाली जीत ? चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा मुस्लिम बहुल सीटों पर भाजपा की अप्रत्याशित जीत की हो रही है। कुंदरकी सीट, जिसे सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का गढ़ माना जाता था, वहां भाजपा के ठाकुर रामवीर सिंह ने 98,000 से अधिक वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। वहीं, सपा के हाजी रिजवान को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसी प्रकार, सीसामऊ और गाजियाबाद सदर सीटों पर भी भाजपा ने दमदार प्रदर्शन किया। विशेष रूप से कुंदरक

किसान आंदोलन: सरकार और किसानों के बीच बढ़ता तनाव, आंदोलन में नई रणनीतियों का ऐलान ?

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  किसान आंदोलन: सरकार और किसानों के बीच बढ़ता तनाव, आंदोलन में नई रणनीतियों का ऐलान ? किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद ने 8 महीने पूरे कर लिए हैं। स्वर्ण सिंह पंधेर ने कहा कि 13 फरवरी से दोनों बॉर्डर (शंभू और खनोरी) से शुरू हुए इस देशव्यापी आंदोलन को अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं मिला है। सरकार ने 18 फरवरी के बाद से किसानों से किसी प्रकार की बातचीत नहीं की है। इस निराशाजनक स्थिति के बीच किसान नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल 26 नवंबर को आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। आंदोलन की नई रणनीति किसानों ने सरकार को 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। यदि इस दौरान सरकार बातचीत के लिए आगे नहीं आई या किसानों की 12 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो 6 दिसंबर को किसान सांगू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे। पंधेर ने कहा कि यह कूच छोटे-छोटे जत्थों में होगा, जिनकी संख्या 51 से 100 तक हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आंदोलन के दौरान कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से केंद्र सरकार की होगी। सुखजीत सिंह हार्दोजांद ने स्पष्ट किया कि यदि जगजीत सिंह ढल्लेवाल अपने अनशन के दौरान शहीद हो

योगी का फार्मूला कर गया काम, जीत गई भाजपा: 'बंटेंगे तो कटेंगे' ने दिलाई बड़ी जीत?

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  योगी का फार्मूला कर गया काम, जीत गई भाजपा: 'बंटेंगे तो कटेंगे' ने दिलाई बड़ी जीत? उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति और संगठनात्मक ताकत का प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और उनकी प्रसिद्ध 'डबल इंजन सरकार' के नारे ने न केवल पार्टी की जीत सुनिश्चित की, बल्कि एक बार फिर साबित कर दिया कि भाजपा की जमीनी पकड़ मजबूत है। ### बंटेंगे तो कटेंगे: राजनीति का नया मंत्र? चुनावी मैदान में इस बार योगी सरकार ने अपनी रणनीति को 'बंटेंगे तो कटेंगे' के आधार पर तैयार किया। इस नारे का संदेश सीधा और सरल था: जातीय और सांप्रदायिक विभाजन से ऊपर उठकर मतदाताओं को एकजुट करना। योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषणों में इस नारे का बार-बार उल्लेख किया और जनता को बताया कि विभाजनकारी राजनीति से दूर रहकर ही विकास संभव है। योगी की रणनीति: जीत के मुख्य कारण विकास का एजेंडा: भाजपा ने विकास कार्यों को चुनावी मुद्दा बनाया। मुख्यमंत्री ने सड़कों, बिजली, और कानून व्यवस्था में सुधार को जोर-शोर से जनता के सामने रखा। जातिगत समीकरण: योगी सरकार ने विभ

संसद में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की रणनीति: नरेंद्र मोदी के सामने नई चुनौती

  संसद में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की रणनीति: नरेंद्र मोदी के सामने नई चुनौती केरल के वायनाड में प्रियंका गांधी की ऐतिहासिक जीत और संसद में उनकी धमाकेदार एंट्री ने कांग्रेस पार्टी को नई ताकत दी है। क्या यह भाई-बहन की जोड़ी भारतीय राजनीति का नया मोड़ लाने में सफल होगी?" विश्वप्रेम न्यूज़ के साथ हर अपडेट के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें। गहरी विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय के लिए हमारे साथ बने रहें। विश्वप्रेम न्यूज़: हर ख़बर, आपके पास! भारतीय राजनीति में गांधी परिवार हमेशा से ही चर्चा का केंद्र रहा है। अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जोड़ी संसद में नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर रही है। जहां राहुल गांधी पहले से ही अपने आक्रामक बयानों और तीखी आलोचनाओं के लिए चर्चित हैं, वहीं प्रियंका गांधी के संसद में आने से कांग्रेस की रणनीति को नया बल मिला है। प्रियंका गांधी की ऐतिहासिक जीत और राजनीतिक शुरुआत केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका गांधी ने शानदार जीत दर्ज की। यह सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। प्रि